चैती दुर्गा मेला में नृत्य नाटिका के माध्यम से रंगकर्मियों ने दिया संदेश

शहर के चैती दुर्गा मेला में आयोजित सांस्कृतिक कार्यक्रम में स्थानीय कलाकारों के साथ विभिन्न संस्थाओं के रंगकर्मियो ने एक से बढ़कर एक प्रस्तुति से समा बांध दिया. इसी कड़ी में सामाजिक सांस्कृतिक एवं साहित्यिक संस्था सृजन दर्पण के रंगकर्मियो के द्वारा युवा रंगकर्मी और निर्देशक विकास कुमार निर्देशित नृत्य-नाटिका में बिहार के कई तरह की लोक संस्कृतियों को कलाकारों ने नृत्य के जरिए दिखाया. यह मंचन आजादी के अमृत महोत्सव को समर्पित था. इसमें कजरी जैसी मनोहारी प्रस्तुति ने लोगों को आनंद विभोर कर दिया. इस नाटक के जरिए भाभी ननद के हास परिहास को ग्रामीण परिवेश में सरस ढंग से दिखाया. हमारी डाला पनपतिया के जरिए समाज में व्याप्त जाति भेद एवं छुआछूत को मार्मिक ढंग से कलाकारों ने दिखाया. जब दलित कहता है कि मेरे द्वार बनाए सूप डबरा से देवता की पूजा होती है मंदिर मेरे द्वारा बनाए मूर्ति की पूजा होती है तो फिर हमसे छुआछूत क्यों की जाती है. कलाकारों के मार्मिक मंचन से भेदभाव जैसे रिवाज की निस्सरता ह्रदय में उतर जाती है. 

वहीं गांव के अशिक्षितों के बीच फैले डायन भय के प्रति जागरूकता लाने हेतु झिझिया लोक नृत्य की जीवंत प्रस्तुति की गई. इसमें दिखाया कि डायन एक कल्पित भाव है कि किसी महिला को डायन कह कर लोग उसे बहिष्कृत कर देते हैं, इससे वह प्रताड़ित होती है. मंचन में यह भी बताया गया कि डायन का आरोप झूठा होता है और तांत्रिक भी नाटक करते हैं. राष्ट्रीय मिशन के तहत चलने वाले स्वच्छता अभियान को ध्यान में रखते हुए कचरा वाला आया घर से कचरा निकाल जैसी प्रसिद्ध गीत के माध्यम से समाज में सृजन दर्पण के कलाकारों ने संदेसप्रद सफल प्रयास किया गया. अभिनय से लोगों को बताया गया कि कचरे को यत्र-तत्र फेंककर उसे और न फैलाए बल्कि एक जगह एकत्रित कर कचरे के डिब्बे में रखें और कचरे की गाड़ी आने पर गाड़ी वाले को दे दें. रंगकर्मियो ने कई तरह के स्लोगन के जरिए गंदगी से फैलने वाले संक्रामक रोगों के बारे में जानकारी दी एवं उन्हें सचेत भी किया. 

सांस्कृतिक कार्यक्रम का उद्घाटन बिहार सरकार के पूर्व उद्योग मंत्री राजेन्द्र प्रसाद यादव ने किया. वहीं युवा गायक आलोक कुमार के भजन सुन कर झूमे श्रोता. नृत्य-नाटिका की प्रस्तुति के दौरान जब राजा सलेश भाव नृत्य और गोधन गीत की प्रस्तुति को मौजूद दर्शकों ने खूब सराहा. इस में कलाकार रंगकर्मी बिकास कुमार, वेचन कुमार, दिल सागर, तनु प्रिया, परी कुमारी, राजनंदनी, आकांक्षा प्रिया, मेधा कुमारी, पल्लवी कुमारी, लक्ष्मी कुमारी, साक्षी प्रिया,अनिशा कुमारी, रौनक कुमारी, आर्यन राणा ने नृत्य-नाटिका की प्रस्तुति दिया. मंचन को सफल बनाने में सृजन दर्पण के अध्यक्ष डॉ ओमप्रकाश ओम, वरीय सदस्य शंभू शरण सिंह, विजय कुमार चौरसिया, सौरभ कुमार, अंजली कुमारी, राणा यादव, शकलदीप और दीपक ने अहम भूमिका निभाई. इस अवसर पर बड़ी संख्या में शहरवासी मौजूद थे.

चैती दुर्गा मेला में नृत्य नाटिका के माध्यम से रंगकर्मियों ने दिया संदेश चैती दुर्गा मेला में नृत्य नाटिका के माध्यम से रंगकर्मियों ने दिया संदेश Reviewed by मधेपुरा टाइम्स on April 11, 2022 Rating: 5

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