'महात्मा ज्योतिबा फुले सामाजिक क्रांति के अग्रदूत थे': निशांत यादव

आज दिनांक- 11.04.2022 को भूपेंद्र नारायण मंडल विश्वविद्यालय परिसर में एनएसयूआई कार्यकर्ताओं ने जिलाध्यक्ष निशांत यादव की अध्यक्षता में महान समाज सुधारक, बहुजन महानायक महात्मा ज्योतिबा फुले की 195वीं जयंती मनाई गई.

महात्मा ज्योतिबा फुले के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर एनएसयूआई कार्यकर्ताओं ने श्रद्धांजलि दिया एवं उनके विचारों को जन-जन तक पहुंचाने का प्रण लिया. कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए एनएसयूआई जिलाध्यक्ष निशांत यादव ने कहा कि महात्मा ज्योतिबा फुले सामाजिक क्रांति के अग्रदूत थे. आधुनिक भारत की आधारशिला ज्योतिबा फुले, सावित्रीवाई फुले, फातिमा शेख ने रखा था. उनकी कुर्बानी, त्याग और तपस्या का परिणाम है कि आज काफी हद तक हमारा देश रूढ़िवादी परंपरा से बाहर निकल पाया है. उन्होंने कहा कि भारत के पौराणिक सामाजिक व्यवस्था में जातिवाद का स्वरूप बहुत ही घृणित और अमानवीय था. असमानता इतनी थी कि शिक्षा और संपत्ति से बहुसंख्यक आबादी को पूरी तरह से वंचित रख दिया गया था. ऐसी स्थिति में महात्मा ज्योतिबा फुले ने महिलाओं के शिक्षा के लिए पहला विद्यालय खोला, विधवा विवाह को बढ़ावा एवं जातीय भेद,  छुआछूत, बाल विवाह, सती प्रथा जैसे अमानवीय परंपरा का विरोध किया और लोगों में जागरूकता के लिए अभियान चलाए. उन्होंने सत्यशोधक समाज की स्थापना की. 

जिलाध्यक्ष निशांत यादव ने कहा कि महात्मा ज्योतिबा फुले के विचारों को लेकर हमें लोगो तक जाना चाहिए. जातिविहीन समाज निर्माण होने पर ही भारत की एकता, अखंडता और समृद्धि सुदृढ़ होगी. खासकर छात्र-छात्राएं भारत के भविष्य हैं और अगर सभी छात्रों में महात्मा फुले के विचारों को स्थापित किया गया तो निश्चित रूप से जातिविहीन स्वच्छ समाज का निर्माण होगा. 

कार्यक्रम में मुख्य रूप से एनएसयूआई छात्रनेता ई. रवि रंजन, नवीन कुमार, नीतीश कुमार, ज्योतिष कुमार, मिथलेश कुमार, जितेंद्र कुमार जीतू, नुनुलाल, रंजीत कुमार, अजय कुमार, सतीश कुमार, पूजेश कुमार, सुदर्शन कुमार, अमित कुमार समेत दर्जनों एनएसयूआई कार्यकर्ता मौजूद थे.

'महात्मा ज्योतिबा फुले सामाजिक क्रांति के अग्रदूत थे': निशांत यादव 'महात्मा ज्योतिबा फुले सामाजिक क्रांति के अग्रदूत थे': निशांत यादव Reviewed by मधेपुरा टाइम्स on April 11, 2022 Rating: 5

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