इससे पूर्व भारी संख्या में संगठन से जुड़े छात्रों ने कॉलेज चौक पहुंचकर एनएच 106 को घंटो जाम कर सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी भी किया. छात्रों के प्रर्दशन के कारण एनएच पर लंबी जाम लग गई. विरोध प्रदर्षण का नेतृत्व कर रहे एनएसयूआई जिलाध्यक्ष निशांत यादव ने कहा कि आरआरबी एनटीपीसी के परीक्षा परिणाम में बड़े पैमाने पर धांधली हुई है. जिसके विरोध में छात्र विरोध प्रदर्षण कर अपनी बात शांतिपूर्ण तरीके से रख रहे थे लेकिन शांतिपूर्ण प्रदर्षण कर रहे छात्रों पर सरकार ने बर्बरतापूर्ण लाठीचार्ज किया. छात्रों पर आंसू गैस के गोले दागे गए, हजारों छात्रों के ऊपर फर्जी मुकदमा दर्ज करवाया गया.
वहीं रेलवे भर्ती बोर्ड ने छात्रों को आंदोलन में शामिल नहीं होने की सरकारी धमकी दे रही है. जिसे देश का युवा कतई बर्दाश्त नहीं करेगा. जिलाध्यक्ष निशांत यादव ने कहा कि हिंदुस्तान के सत्ता पर बैठे हुए लोग जालिम है, बेईमान है, मुजरिम है और भारत के संविधान के कातिल हैं. सरकार देश के लोकतांत्रिक और मौलिक अधिकारों को खत्म कर देना चाहती है. देश के युवाओं को नौकरी और शिक्षा से वंचित कर देना चाहती है. उन्होंने कहा कि देश के छात्र-युवा सरकार के इस पुलिसिया जुल्मो से डरने वाले नहीं है. हम अपनी माँग पूरी होने तक डटे रहेंगे.
वहीं एआईएसएफ जिलाध्यक्ष वसीमुद्दीन उर्फ नन्हें ने कहा कि रेलवे ने एनटीपीसी के सीबीटी-1 का रिजल्ट घोषित कर दिया है, लेकिन इस परिणाम को लेकर अभ्यर्थियों में काफी नाराजगी है. अभ्यर्थी पहले डिजिटल रिजल्ट सुधार की माँग की, लेकिन सरकार कुछ भी सुनने को तैयार नहीं हुई. उन्होंने कहा कि छात्रों पर लाठीचार्ज कर सरकार छात्रों को डराना चाहती है, लेकिन छात्र अपने अधिकार के लिये लड़ा है और हमेशा लड़ते रहेंगे. एसएफआई जिला सचिव विमल विद्रोही ने कहा कि सरकार की मंशा छात्रों और युवाओं को नौकरियों से वंचित रखने की है. आरआरबी एनटीपीसी की बहाली 2019 की चुनाव को ध्यान में रखकर युवाओं को ठगने के लिये था. अब चुनाव खत्म हो चुका है इसलिये सरकार बहाली नहीं करना चाहती है.
छात्रनेता रवि रंजन कुमार ने कहा कि छात्रों पर सरकार की दमनकारी नीतियों के खिलाफ अब पूरे देश के युवा गोलबंद होकर लंबी लड़ाई लड़ेगी. एआईएसएफ के जिला सचिव मन्नू कुमार ने कहा कि रेलवे में भर्ती बोर्ड छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रही है. इस पूरे मसले पर रेलमंत्री और मोदी सरकार की चुप्पी नहीं टूटी और छात्रों की मांगें पूरी नहीं हुई तो आरपार की लड़ाई लड़ी जाएगी.
विरोध प्रदर्षण में मुख्य रूप से छात्र नेता रफी अहमद, एजाज अख्तर, जितेंद्र कुमार, नवीन कुमार, मौशम झा, चितरंजन कुमार, रामलखन कुमार, आशीष कुमार, पिंटू पंडित, सुमन कुमार, पिंटू कुमार, मिथुन कुमार, गोपी कुमार, सतीश कुमार, मिथलेश कुमार, जितेंद्र कुमार जीतू, रामविलाश, प्रवीण, नवीन निराला, नसीम, समसेर, इजराइल, राजीव नारायण, मिठू कुमार, मन्नू कुमार, अमरेश कुमार, चंद्रकिशोर, संजीव, सौरव, प्रिंश समेत दर्जनों छात्र मौजूद रहे.
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