मजाक बनी शिक्षा: बिना किसी सूचना के शिक्षक रहते हैं विद्यालय से अनुपस्थित, छात्रों की बनती है फर्जी उपस्थिति

मधेपुरा जिले के मुरलीगंज प्रखंड अंतर्गत कई पंचायतों में के कुछ शिक्षक शायद स्कूलों से गायब रहने को ही अपनी ड्यूटी समझ बैठे हैं. जब कई ग्रामीणों की शिकायत के बाद मधेपुरा टाइम्स की टीम जब स्कूलों के हालातों की जानकारी लेने के लिए निकली तो अधिकांश स्कूलों से कुछ न कुछ शिक्षक अवश्य ही बिना सूचना के गायब मिलते हैं. यह भी एक सवाल उठता है कि क्या शिक्षक स्कूल के हेडमास्टरों की बात नहीं मानते हैं या फिर उनकी भी उसमें मिली भगत से यह हालात उत्पन्न होते हैं. 

बहरहाल भी जो भी हो, 21 सितंबर को प्राथमिक विद्यालय भेलाही पासवान टोला पहुंचे तो वहां उपस्थित 4 शिक्षक शिक्षिकाओं में 2 शिक्षिकाएं उपस्थित थी. जिनमें एक ने अपना नाम नीलू कुमारी और कला आनंद कुमारी उपस्थित थी. पूछने पर नीलू कुमारी ने बताया कि यहां एक से पांच तक की पढ़ाई होती है. अभी विद्यालय प्रधान नहीं हैं. वहीं विद्यालय में नामांकित कुल बच्चों की संख्या 123 थी एवं मौके पर विद्यालय में मात्र 6 बच्चे उपस्थित थे.

स्टेट हाईवे 91 पर है अगला विद्यालय राजकीय प्राथमिक विद्यालय कोल्हायपट्टी डुमरिया यह विद्यालय एक सामुदायिक भवन में चल रहा है.

इसमें विद्यालय प्रधान के साथ 2 शिक्षक विद्यालय में उपस्थित थे. जबकि विद्यालय में कुल 6 शिक्षक नियुक्त हैं. पूछने पर विद्यालय प्रधान ने बताया कि विद्यालय में कुल 119 बच्चे नामांकित हैं, जबकि विद्यालय में मात्र 30 बच्चे उपस्थित थे और 3 शिक्षक. पूछने पर ग्रामीणों ने बताया कि मनुस्मृति एवं अनिता कुमारी जो पखवाड़े में एक दिन आती है और सभी दिन का उपस्थिति बना कर चली जाती है. इसी मामले में आज जब विद्यालय प्रधान से पूछा गया तो वह खामोश रह गए और यहां तक कि उन्होंने बताया कि पिछले 1 सप्ताह से उनके विद्यालय नहीं पहुंचने की कोई लिखित सूचना नहीं है.

मौके पर उपस्थित ग्रामीण अखिलेश कुमार ने बताया कि विद्यालय प्रधान को इसके लिए कई बार कहा गया है कि विद्यालय के प्रति एवं शिक्षकों के प्रति लापरवाही ना बरतें फिर भी यह विद्यालय को सही से चलाने में असमर्थ नजर आते हैं. कुछ बच्चे बाहर पढ़ रहे थे. विद्यालय के कमरे के अंदर सीमेंट की बोरियां पड़ी हुई थी. पूछने पर कि क्यों इस तरह विद्यालय के कमरे का अतिक्रमण कर गोदाम में तब्दील किया जाता है, जबकि बाहर बच्चे बरामदे पर धूप में पढ़ रहे हैं तो उन्होंने बताया कि यह विद्यालय सामुदायिक भवन में चल रहा है. अड़ोस पड़ोस के लोग सामान रख देते हैं तो हम क्या करें.

                                                         सुनिए क्या कह रहे हैं विद्यालय प्रधान 

वहीं मामले में जब प्रखंड विकास पदाधिकारी अनिल कुमार से पूछा गया तो उन्होंने बताया कि मामले की जांच के बाद ऐसे शिक्षकों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. 

जिला शिक्षा पदाधिकारी वीरेंद्र नारायण से जब मामले में पूछा तो उन्होंने बताया कि मामले की जांच करवा कर कार्रवाई की जाएगी. स्कूल से गायब रहने वाले सभी शिक्षकों से उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा कि अब किसी भी हाल में किसी भी शिक्षक की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी. हर हाल में अब शिक्षकों को स्कूल में ड्यूटी देनी हो. अगर ऐसा नहीं करेंगे तो उनपर कार्रवाई की जाएगी. इसलिए शिक्षक अपनी आदतों में सुधार लाएं और बच्चों के भविष्य से खेलना बंद कर दें.



मजाक बनी शिक्षा: बिना किसी सूचना के शिक्षक रहते हैं विद्यालय से अनुपस्थित, छात्रों की बनती है फर्जी उपस्थिति मजाक बनी शिक्षा: बिना किसी सूचना के शिक्षक रहते हैं विद्यालय से अनुपस्थित, छात्रों की बनती है फर्जी उपस्थिति Reviewed by मधेपुरा टाइम्स on September 21, 2021 Rating: 5

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