कोरोना का खतरा कम होने के बाद बिहार सरकार ने धार्मिक आयोजनों की अनुमति दे दी है. हालांकि इसके लिए प्रशासन से पूर्व अनुमति लेनी होगी. जिले में दुर्गापूजा का आयोजन एक बड़े उत्सव के रूप में होता रहा है. भव्य पंडाल और दिव्य मूर्तियों की स्थापना की जाती है. कोरोना महामारी के कारण पिछले वर्ष आयोजन पर रोक लग गई थी. इस कारण जिले में कहीं भी दुर्गापूजा का भव्य आयोजन नहीं हो सका. बस परंपरागत तरीके से पूजा-पाठ की अनुमति दी गई थी. इससे लोगों में मायूसी थी. इस वर्ष कोरोना ने भारी तबाही मचाई. अप्रैल से जून महीने तक कोरोना की वजह से हजारों लोगों की जान गई लेकिन सरकार की तत्परता, कोरोना वैक्सीन और लोगों की सावधानी से अब कोरोना के मामले काफी कम हो गए हैं. इसको देखते हुए पूजा समितियों ने भव्य आयोजन की तैयारी शुरू कर दी है.
शुक्रवार को जिला मुख्यालय स्थित सार्वजनिक श्री बड़ी दुर्गा स्थान परिसर में अधिवक्ता देवनारायण साह की अध्यक्षता में एक बैठक की गई. बैठक में निर्णय लिया गया कि जिस भव्यता के साथ दुर्गा पूजा पूर्व में मनाया जाता है उसी तरह इस वर्ष भी दुर्गा पूजा मनाया जाएगा. दुर्गा मंदिर से पूर्णिया गोला चौक एवं अनुमंडल कार्यालय तक दोनों तरफ रोड लाइन लगाया जाएगा. मंदिर परिसर में श्रद्धालुओं को मास्क का प्रयोग करना अनिवार्य होगा.
इस दौरान समिति के सदस्यों ने दुर्गा पूजा के सफल आयोजन को लेकर कई सुझाव दिये. बैठक के दौरान यह भी निर्णय लिया गया कि इस बार दुर्गा पूजा में मेले का आयोजन किया जाएगा. साथ ही ऐसी व्यवस्था की जाएगी जिसमें श्रद्धालुओं की भीड़ पूजा पंडालों में अधिक ना हो. कहा कि इस बार दुर्गा पूजा पूर्व की तरह ही मनाई जाएगी. पूजा के दौरान साज-सज्जा, मूर्ति, पंडाल, प्रसाद वितरण और साउंड सिस्टम का इस्तेमाल किया जाएगा. मूर्ति की हाइट को लेकर सरकार ने पिछले साल गाइडलाइन जारी किया था लेकिन इस बार पंडाल के अनुरूप मूर्ति बनाई जाएंगी. मंदिर की रंगाई-पुताई और सौन्दर्यीकरण का भी निर्णय लिया गया है. पूजा के दौरान सरकार द्वारा जारी गाइडलाइंस का पालन किया जाएगा.
बैठक में मुख्य रूप से राजेश सर्राफ, संजय जयसवाल, ओम प्रकाश श्रीवास्तव, जय कुमार गुप्ता, हरिश्चंद्र साह, अर्जुन साह, ललन सिंह, सुनीत साना, कुंदन कुमार, राजेश कुमार, मनोज कुमार, पुजारी अनिल पाठक, नंदन कुमार, संतोष कुमार सहित अन्य लोग मौजूद रहे.
(नि. सं.)
No comments: