जिले की सबसे बड़ी दुर्घटनाओं में से है सेप्टिक टैंक निर्माण कार्य के दौरान करंट लगने से चार मजदूर की मौत
मरने वालो में गृहस्वामी महेश्वर मंडल (40), मजदूर दीनानाथ कुमार (21), नीतेश मेहरा (35),अबल मेहरा( 31 ) शामिल हैं । बताया जाता है कि महेश्वर मंडल के घर के बने सीढ़ी के बगल में सेप्टिक टैंक बनाया जा रहा था। टैंक की ढलाई के लिए सेटरिंग को खोले जाने का काम होना था। जगह कम होने की वजह से एक छोटा सा सुरंग अंदर घुसने के लिए तैयार किया गया। टैंक के अंदर पहले से पानी भी भरा हुआ था। रोशनी की कमी को देखते हुए बिजली का तार जोड़कर बल्व लगाया गया। बताया जाता है कि बल्ब अचानक फूटकर तार सहित अंदर जा गिरा।अंदर पानी होने की वजह से करंट प्रभावित हो गया। हादसे का पहला शिकार गृहस्वामी महेश्वर मंडल हुआ। जब कुछ देर तक अंदर से गृहस्वामी का किसी तरह का हलचल नहीं सुनाई नहीं देने लगी तो, राजमिस्त्री का काम कर रहे अबल मेहरा अंदर घुसा। वह भी कुछ देर तक अंदर में ही रहे तो बारी बारी से नीतेश मेहरा और दीनूनाथ कुमार नामक मजदूर भी अंदर घुसे और सबके सब उसी में समा गए।
घर के लोगो को हादसे का अभास हुआ। उसके बाद चीख पुखार सुनकर गांव वाले पहुंचे। लोगो ने बिजली कनेक्शन कटवाया। उसके बाद लोगों ने चारो शव को बाहर निकाला। यह देख स्वजनों का बुरा हाल हो गया। पूरे गांव में मातमी सन्नाटा छा गया। गांव के लोगो ने कुछ देर कै लिए सड़क जाम कर दिया। लोग आपदा के माध्यम से गरीब मजदूरों के स्वजनों को मुआवजा देने की मांग करने लगे। बाद में लोगो ने खुद जाम हटा लिया। वहीं सूचना मिलने पर उदाकिशुनगंज के अंचलाधिकारी मनोरंजन कुमार मधुकर, दारोगा गणेश पासवान व अन्य पहुंचे। बडी संख्या राजनैतिक दल के नेता व जनप्रतिनिधि पहुंचे और सबों ने मुआवजे की मांग की । पुलिस शव के पोस्टमार्टम में जुटी थी जबकि लोग मुआवजे के लिए ठोस आश्वासन चाह रहे थे। इस संबंध में अंचलाधिकारी मनोरंजन कुमार मधुकर ने बताया कि आपदा मद से मुआवजा का कोई प्रविधान नहीं है। विद्युत् विभाग से ही कुछ संभव है।
(*MT Notes: Septic tank= खासकर मल जमा करने के उद्येश्य से शौचालय के लिए जमीन खोद कर बनने वाला चेंबर)
(रिपोर्ट: मंजू कुमारी)
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