गुरू शिष्या के रिश्ते को तार-तार करने वाला कोचिंग संचालक तीन साल बाद आया कानून के गिरफ्त में

तीन साल से अधिक पुलिस और कानून से आँख-मिचौली कर भागते फिरने वाला दुष्कर्म का आरोपी मधेपुरा का कोचिंग संचालक आखिर बेबस हो गया और खुद को कानून के हवाले कर दिया. मधेपुरा टाइम्स के पाठकों को ये याद होगा वर्ष 2018 में मधेपुरा शहर की एक महज 13 वर्षीय छात्रा के साथ एक कोचिंग संचालक ने दुष्कर्म किया था जिसमें छात्रा गर्भवती भी हो गई थी. 

मामले में शहर में बड़ा हंगामा हुआ था और पुलिस ने भी तत्परता दिखाई थी, पर आरोपी शिक्षक सुनील कुमार दास इलाका छोड़कर भाग खड़ा हुआ था. कोर्ट ने भी इस मामले में सख्ती दिखाते हुए आरोपी के घर को कुर्क कर लेने का आदेश दिया था. और अब घर को नीलाम करने की खबर जब चर्चा में आ रही थी तो आरोपी ने कोर्ट में सरेंडर कर दिया. कोर्ट ने सुनील दास को जेल भेज दिया और अब चूँकि ये बेहद गंभीर मामला है और मधेपुरा में पौक्सो की विशेष अदालत का गठन हो चुका है तो जाहिर है अभी आरोपी को राहत नहीं मिलेगी. 


आइये एक नजर डालते हैं पूरी घटनाक्रम पर:


30 जुलाई 2018: मधेपुरा सदर थाना में एक FIR दर्ज होता है और इसके बाद कहानी इस तरह सामने आती है:
मधेपुरा में एक कोचिंग संचालक ने गुरू शिष्या के रिश्ते को तार-तार करते हुए दो महीने तक 13 साल की एक नाबालिग छात्रा को धमका कर किया यौन शोषण ।


छात्रा के गर्भवती  होने पर घर वालो को चला पता तो पिता ने सदर थाना मे आवेदन देकर पूरे मामला को उजागर किया। सूचना मिलते ही कोचिंग संचालक कोचिंग छोड़कर हुआ फरार । दूसरी ओर पुलिस ने पीडि़ता को मेडिकल जांच के लिए सदर अस्पताल ले जाना चाहा, जिसपर पीडि़ता के परिजनो ने यह कहकर हंगामा  शुरू कर दिया मेडिकल जांच मे डाक्टर गड़बड़ी कर सकते हैं. उन्होंने सड़क जाम कर दिया लेकिन मौके उच्चाधिकारी के समझाने पर जाम समाप्त हुआ । 


मधेपुरा शहर के वार्ड नं. 13 निवासी छात्रा के पिता ने सदर थाना मे आवेदन देकर कहा कि उनकी सातवीं कक्षा में पढ़ने वाली नाबालिग 13 वर्षीया पुत्री की कुछ सहेली मेरे घर के पड़ोस  में संचालित मधेपुरा इंफोटेक कोचिंग इंस्टीट्यूट में पढ़ती थी. पुत्री ने कोचिंग में इंग्लिश स्पीकिंग पढ़ने की इच्छा जताई । पुत्री की इच्छा पर मार्च 18 को कोचिंग  संचालक सुनील कुमार दास से मिलकर प्रति माह  500 रूपये ट्यूशन फीस पर पुत्री का नामांकन करा दिया और छात्रा को नियमित कोचिंग क्लास भेजना शुरू कर  दिया ।


इसी बीच पत्नी ने बताया कि पुत्री को पिछले दो माह से मासिक धर्म नहीं हो रहा है तो 28 जुलाई  को पुत्री  को एक महिला डॉक्टर से दिखाया और वह जांच की तो बताया कि वह दो महींने की गर्भवती  है । जब इस बावत पुत्री से पूछताछ किया तो उसने बताया कि पिछले दो महीने से जबरन कोचिंग संचालक सुनील सर मेरे साथ बलात्कार कर रहा था. साथ ही धमकी देता था कि किसी को बताया तो तुम्हारे भाई को उठा लेंगे. इसी भय से घटना की जानकारी किसी को नही दिया।


उन्होने कहा कि घटना को लेकर कोचिंग संचालक से फोन से सम्पर्क किया और घटना  की जानकारी दी तो वह फोन काट दिया और फरार हो गया ।


 मामला पीड़िता 13 वर्षीया छात्रा के पिता के द्वारा पुलिस को दिए गए आवेदन के आधार पर दर्ज किया गया. मामले में आरोपी कोचिंग संचालक सुनील कुमार दास के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 376 और पोक्सो की धारा 4 के तहत आरोप लगाए गए हैं. मधेपुरा महिला थाना काण्ड संख्याँ 44/2018 के रूप में दर्ज इस मामले में घटनास्थल सदर थाना से करीब 2 किलोमीटर उत्तर पश्चिम जगजीवन पथ, वार्ड नं. 13 दर्शाया गया है. 


केस दर्ज होने के बाद से आरोपी को गिरफ्तार करने पुलिस ने जगह जगह छापामारी की, आरोपी कोचिंग संचालक की गिरफ्तारी नहीं हो सकी. आखिरकार पुलिस ने न्यायालय से कुर्की जप्ती का आदेश लिया और आदेश के आलोक मे रविवार 20 अगस्त 2018 को मजिस्ट्रेट अंचलाधिकारी की  उपस्थिति में थानाध्यक्ष मनोज कुमार महतो, सब इंस्पेक्टर संजीव कुमार, सब इंस्पेक्टर प्रमिला कुमारी सहित महिला और पुरुष बल कोचिंग सेंटर पर पहुंच कर कुर्की जप्ती कर घर का सारा समान पुलिस ले गयी ।


जानिये लगाईं गई धाराओं के बारे में:


कथित कोचिंग संचालक के द्वारा अपनी ही छात्रा के साथ जबरन यौन सम्बन्ध स्थापित करने के इस मामले में दो धाराएं लगाई गई है. पहला भारतीय दंड संहिता (इंडियन पीनल कोड) की घारा 376  है जो बलात्कार की धारा है और इसमें सात साल से लेकर आजीवन कारावास तथा अर्थदंड की सजा का प्रावधान है. 


 दूसरी धारा है 4 POCSO (Prevention of Children from Sexual Offence) Act.  पोक्सो एक्ट की धारा 4 बच्चों के साथ दुष्कर्म किया जाना है जिसमें भी सात साल से लेकर आजीवन कारावास तथा अर्थदंड की सजा का प्रावधान है. अभी केस में आरोप पत्र समर्पित नहीं हुआ है, पर अब अभियुक्त की जमानत प्रक्रिया आरम्भ होगी तो पुलिस अनुसंधान की कार्यवाही कोर्ट के समक्ष आएगी. छात्रा ने न्यायालय के समक्ष भी घटना का समर्थन किया है.


प्रस्तुत मामला वर्तमान स्थिति में बेहद संवेदनशील है. धाराएं अजमानतीय हैं जिनमें पोक्सो एक्ट 2012 में बच्चों के साथ दुष्कर्म को रोकने के लिए बनाई गई थी और ऐसे मामले में न्यायालय से जल्द जमानत लेना भी काफी मुश्किल हो सकता है.

(वि. सं.)

गुरू शिष्या के रिश्ते को तार-तार करने वाला कोचिंग संचालक तीन साल बाद आया कानून के गिरफ्त में गुरू शिष्या के रिश्ते को तार-तार करने वाला कोचिंग संचालक तीन साल बाद आया कानून के गिरफ्त में Reviewed by मधेपुरा टाइम्स on September 09, 2021 Rating: 5

No comments:

Powered by Blogger.