बता दे कि बायसी निवासी किसान भोगानंद पाठक एवं गृहिणी मां नवीना देवी के सबसे छोटे पुत्र नितेश ने यह उपलब्धि हासिल कर सुपौल जिला का मान बढ़ाया है। नितेश गांव में ही रहकर रतनपुर प्रोजेक्ट ललित नारायण मिश्र उच्च विद्यालय से हाई स्कूल की पढ़ाई पूरा किया। इंटरमीडिएट जमशेदपुर से करने बाद भूपेंद्र नारायण मंडल विश्वविद्यालय के एलएनएमएस कॉलेज बीरपुर से स्नातक की डिग्री प्राप्त किया। इसकर बेस्ड प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी में जुट गए। बीपीएससी में कामयाबी हासिल करने से पूर्व नितेश पाठक ने कई अन्य प्रतियोगी परीक्षा में भी सफलता अर्जित किया है। वही नितेश ने 65वी बीपीएससी परीक्षा के इंटरव्यू की तैयारी में जुड़ा हुआ है। उन्हें पूरी आशा है कि 65वी बीपीएससी में प्रशासनिक के अनुमंडल पदाधिकारी के पद पर चयन हो जाएगा। नितेश पाठक की सफलता पर क्षेत्र के बुद्धिजीवियों सहित जनप्रतिनिधियों एवं ग्रामीणों ने खुशी जाहिर की है। नितेश के सफल होने पर लोगो मे बधाई देने की कतार लग गयी। कई युवा अध्ययन के तरीकों को बेहतर बनाने की सलाह लेने पहुचे।
वहीं नीतेश पाठक ने अपनी सफलता का श्रेय अपनी माता-पिता, गुरु, स्वजनों एवं मित्रों को देते हुए कहा कि सहायक निदेशक सामाजिक सुरक्षा का पद पाने की इच्छा उन्हें पहले से ही थी। इस पद को प्राप्त कर उन्हें बहुत ही खुशी है।
बातचीत के दौरान नितेश पाठक ने बताया कि जब गाँव मे रहकर पढ़ाई करते थे उस समय कई शिक्षण संस्थानों के भ्रमण के क्रम में देखते थे कि हमलोग भी प्रशासन के अंग बनकर प्रशासनिक सेवा में अपना योगदान देंगे। धीरे धीरे हमलोग की मनोकामनाएं पूर्ण हुई। बताया कि 64वी बीपीएससी दूसरा प्रयास था। पहले प्रयास में 63वी बिहार लोक सेवा आयोग में 25वां रैंक हासिल हुआ। और वर्तमान में जिला नियोजन पदाधिकारी के रूप में दरभंगा में कार्यरत हैं.
बताया कि 63वी बीपीएससी पास करने से पहले रांची में सीएजी के ऑडिटर के रूप में कार्यरत था. वहाँ से सेल्फ स्टडी के दौरान ही सफलता प्राप्त हुई थी। हमारे आसपास के जो भी बच्चे है उनमें जो प्रतिभा दिखाई दे रही है। उन्हें मैं हमेशा प्रोत्साहित करता हूँ.
नितेश के पिता किसान भोगनन्द पाठक ने बताया कि हमलोग और समाज के लोग बहुत खुश हैं. हमलोग कभी अनुभव नही करते थे कि बच्चे इस तरह के मुकाम हासिल करेगा। लेकिन अपने कड़ी मेहनत व तपस्या के बदौलत सफलता हासिल किया है।
वही ग्रामीणों ने बताया कि नितेश में पूर्व से ही प्रतिभा का निखार आने लगी थी। इनकी ललक व जज्बा देखकर सफल होने के साथ गॉव में सभी बच्चे में प्रतिभा दिखाने की उम्मीद जुड़ गई है। और प्रशासनिक सेवा से जुड़कर समाज मे सेवा करने की ललक लग गयी है। नितेश गांव के युवाओं के लिए प्रेरणा के स्रोत बन गए है.
(नि. सं.)

No comments: