जिला परिषद उपाध्यक्ष रघुनंदन दास ने आंदोलन में समर्थन देते हुए कार्यपालक सहायकों को संबोधित किया और बताया गया कि अगर ज़िला प्रशासन द्वारा तानाशाही रवैया पर लगाम नहीं लगाते हैं तो हमलोग भी पूर्णरूप से इस आंदोलन का हिस्सा बन जाएंगे. धरना को संबोधित करते हुए बिहार राज्य अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ गोपगुट के प्रदेश उपाध्यक्ष माधव कुमार ने कहा कि बिहार प्रशासनिक सुधार मिशन सोसाइटी की रणनीति बिल्कुल ही निंदनीय है, एक बंद कमरे में बीपीएसएम के आला अधिकारी जो चौधरी कमिटी के निर्णय को रातों रात बदल देते हैं, जो तमाम कार्यपालक सहायक के हित के विपरीत है, राज्य के महासंघ गोपगुट के कर्मचारी ऐसे तुग़लकी फरमान का कड़ा विरोध करते हैं.
कर्मचारी संगठन के नेताओं ने स्थानीय स्तर पर जिला प्रशासन द्वारा अनावश्यक पत्राचार कर कार्यपालक सहायकों को डराने का काम करते हैं, उन्हें जल्द निरस्त करने को कहा और चेतावनी दी कि अगर कार्यपालक सहायकों पर किसी तरह की दंडनात्मक कार्रवाई होती है, तो कर्मचारी संगठन भी हड़ताल में शामिल होकर काम काज ठप कर देंगे.
धरना को महासंघ गोपगुट के संरक्षक इजहार आलम, सम्मानित अध्यक्ष विनोद विमल, ज़िला सचिव रविन्द्र कुमार, संयुक्त सचिव सत्येंद्र कुमार, बेएसा सहरसा के जिलाध्यक्ष कुंदन केशरी, सचिव संजीव कुमार, गोपगुट सहरसा के अध्यक्ष अमरेंद्र कुमार, बेएसा मधेपुरा के जिलाध्यक्ष संतोष कुमार समेत सैकड़ो कार्यपालक सहायक धरना स्थल पर उपस्थित होकर हड़ताल जारी रखने का संकल्प लिया.
जिलाध्यक्ष संतोष कुमार ने बताया कि हमारा आंदोलन अब और उग्र होगा अब हम सभी कल से आमरण अनशन करेंगे.

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