मधेपुरा जिले का आलमनगर विधानसभा क्षेत्र मक्का उत्पादन में अग्रणी है इस क्षेत्र में कृषि आधारित उद्योग की कमी किसानों को खल रही है। एकबार फिर किसानों के दर्द पर घड़ियाली आंसू चहुंओर बहेंगे। वादे होंगे, आश्वासन मिलेगा, परिणाम शायद पूर्व की तरह ढाक के तीन पात रहेंगे। यही बिहार की त्रासदी है कि जो स्थानीय मुद्दे हैं वो चुनावी मुद्दा नहीं बनते। मक्का लाखों लोगों की आजीविका का आधार है बाजवूद इसके कोई पार्टी इस पर बात करती नजर नहीं आ रही। बहरहाल इलाके के किसान इस बार मक्का आधारित उद्योग को चुनावी मुद्दा बनाने की मुड में किसान अब और अधिक खुद ही खुद को ठगना नही चाहते वो इस बार प्रत्याशियों से दो टूक में जवाब और पूर्ण आश्वस्त होकर ही वोट करने के फिराक में है।
बताते चलें कि इस क्षेत्र में मक्का का वृहद उत्पादन होता है और किसानों की यह नकदी फसल है। लेकिन मक्का आधारित उद्योग नहीं लगने के कारण किसानों को फसल का बेहतर बाजार मूल्य नहीं मिल पाता है। चुनावी मौसम में मक्का आधारित उद्योग की स्थापना की मांग जोर पकड़ती है और इसको लेकर वादे भी किये जाते रहे हैं, लेकिन इसे अमल में नहीं लाया जा सका है। इस बार किसान चुनाव के दौरान इस मुद्दे को प्रमुखता से उठाने के मूड में है। किसान नंदकिशोर मेहता, राजेश कुमार, विरेन्द्र सिंह, भगवान यादव, शम्भू मंडल, उमेश मंडल, मंटू मेहता, पप्पु यादव, मोहम्मद परवेज आदि ने कहा कि लगातार उद्योग स्थापना की घोषणा कर उन्हें ठगा जाता रहा है। इस बार वे इसी मुद्दे को प्रमुखता से उठाएंगे।
क्षेत्र के किसान वृहद पैमाने पर मक्का की खेती करते हैं। मक्का सहित केला उत्पादन में यह क्षेत्र लगातार आगे बढ़ रहा है। महानगरों में कृषि आधारित उद्योग की मशीनों का पहिया भी यहां के अनाज से घूम रहा है, लेकिन उद्योग के मामले में पिछड़े इस क्षेत्र में आज भी कृषि आधारित उद्योग के नाम पर वीरानी छायी हुई है।
उदाकिशुनगंज अनुमंडल सहित आलमनगर विधानसभा क्षेत्र में रेलवे की सुविधा नहीं रहने और रैक प्वांइट की अभाव में यहां के किसानो को उचित मुल्य मयस्सर नही होता है। सैकड़ों टन मक्का प्रतिदिन विभिन्न प्रदेशों में भेजा जाता है, लेकिन यहां के किसान उचित मूल्य का इंतजार कर रहे हैं।
किसानों के जख्मों पर नहीं लग पा रहा मरहम: क्षेत्र के मिहनती किसान अपनी पूरी ताकत किसानी में झोंकते हैं। प्राकृतिक आपदाओं के कारण भी उन्हें नुकसान का सामना करना पड़ता है। किसान अपनी मेहनत से इस क्षेत्र को फसल उत्पादन में अग्रणी बनाये हुए हैं। यद्यपि कृषि में उत्पादन बढ़ाने, जैविक कृषि को बढ़ावा देने के साथ ही किसानों की आय बढ़ाने को लेकर घोषणा जरुर समय समय पर होती रही है बावजूद कृषि आधारित उद्योग की स्थापना के मामले में लोग आज भी ठगे महसूस कर रहे हैं। मक्का उत्पादन में अग्रणी इस क्षेत्र में खाद्य प्रसंस्करण उद्योग लगने की पहल से इस क्षेत्र की तकदीर बदल सकती है।
बेहतर मूल्य के साथ मिलेगा रोजगार: उत्पादन का बेहतर मूल्य नहीं मिलने के साथ ही रोजगार प्रमुख समस्या रही है। इसको लेकर मक्का आधारित उद्योग लगाने को लेकर एक बारगी पहल भी हुई लेकिन उक्त योजना की फाइल भी वर्षों से कागजों में धूल फांक रही है। खाद्य प्रसंस्करण उद्योग भी लोगों की प्रमुख मांग है। इसके सहारे लोगों को रोजगार भी मिलेगा और पलायन पर भी अंकुश लगेगा। न तो किसानों की समस्या का निदान हुआ और न ही रोजगार का रास्ता खुल पाया है।
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