


हालांकि हत्या गम्हरिया थाना क्षेत्र के लिए कोई नई बात नहीं है क्योंकि 11 अगस्त की रात्रि अपराधियों के द्वारा जदयू के प्रखंड अध्यक्ष अशोक यादव की हत्या लगभग 8:45 बजे अपराधियों ने की थी. शायद इसलिए अपराधियों का मनोबल और भी बढ़ता चला गया जिससे आए दिन हत्या की घटना बढ़ती जा रही है और लोगों में काफी दहशत फैला हुआ है. हालांकि तपेश्वरी यादव के परिजनों का आरोप है कि गांव के ही अंशु यादव के द्वारा पूर्व में तपेश्वरी यादव की पत्नी को टाट लगाने के विवाद में अंशु यादव के द्वारा रोहिणी देवी के साथ मारपीट किया गया था. जिसके बाद तपेश्वरी यादव अपनी पत्नी का इलाज करवाने के बाद गम्हरिया थाना में आवेदन देकर अंशु यादव के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज करवाया था. वहीं तपेश्वरी यादव को तीन पुत्री है और तपेश्वरी यादव की मौत से पूरे परिवार में मातम सा छा गया है और तपेश्वरी यादव की पुत्री गायत्री देवी, फूलो देवी और रंजन देवी ने बताया कि अंशु यादव ने मेरे पिता की हत्या की है.
घटना से आसपास के लोगों के बीच दहशत का माहौल लोगों में बना है. डर का माहौल ऐसा कि घर से लोग नहीं निकलते हैं. वहीं रविंदर यादव की पत्नी सुनीता देवी ने पुलिस के समक्ष दिए बयान में बताया कि अंशु यादव के द्वारा मेरे पति का हत्या कर दिया गया है. रविंदर यादव सिंहेश्वर प्रखंड के रोड कंस्ट्रक्शन कंपनी में सिक्योरिटी गार्ड के तौर पर काम करने जा रहे थे. इसी दौरान वहां मौजूद उनके दो अन्य साथी बालेश्वर यादव तथा संतोष यादव ने बताया कि अपराधियों के द्वारा कहा गया कि मेरा पंचायती नहीं हुआ ना और इतना कहते ही गोली मारकर फरार हो गया. गोली की आवाज सुनकर सभी लोग दहशत में आ गए. गोली लगते ही रविंद्र यादव धड़ाम से जमीन पर गिर पड़ा और वहां मौजूद लोग एवं अन्य ग्रामीणों के मदद से उन्हें सिंहेश्वर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र लाया गया जहां डॉक्टर के द्वारा प्राथमिक उपचार के बाद उन्हें सदर अस्पताल मधेपुरा भेज दिया गया. मधेपुरा में डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया. मौत की खबर सुनकर आसपास के लोगों का घर के आसपास तांता लग गया और लोगों ने बताया कि इस तरह का नरसंहार पहले कभी नहीं देखा. हालांकि लोगों ने पुलिस पर आवाज उठाते हुए कहा कि प्रशासन की नाकामी कहा जाए या फिर अपराध को बढ़ावा क्योंकि पूर्व में जदयू प्रखंड अध्यक्ष की हत्या से किसी भी तरह का कोई अपराधी घटना में बदलाव नहीं हुआ है बल्कि घटना दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही है.
अब अपराध का मुख्यालय बना है गम्हरिया : 27 फरवरी की रात्रि में भोज खाकर लौट रहे नारायण यादव को गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. 13 अप्रैल को दुलार वार्ड नंबर 15 में एक अधेर को गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. 22 अप्रैल को मानपुर गांव में सीएसपी संचालिका की गला दबाकर हत्या कर दी गई थी. 11 अगस्त को जदयू प्रखंड अध्यक्ष को गोली मारकर हत्या कर दी गई थी और अब 13 सितंबर की रात्रि सिंगियोन गांव में तीन व्यक्ति को गोली मारी गई, जिसमें दो व्यक्ति की मौत हो गई और एक घायल है. किसी घटना में अब तक मुख्य आरोपी की नहीं हुई है गिरफ्तारी. सिर्फ घटना में गिरफ्तारी को लेकर खानापूर्ति की गई है.
गम्हरिया में गत वर्ष में कई आपराधिक घटनाओं से डरे सहमे ग्रामीण अब पुलिस चौकी खोलने की मांग कर रहे हैं. बताया गया कि क्षेत्र में लगातार गोली कांड होना पुलिस प्रशासन की विफलता को दर्शाता है. लोग अब काफी गुस्से में भी आ चुके हैं.
थानाध्यक्ष पर लोगों का फूट रहा गुस्सा: सोमवार की रात गम्हरिया थाना क्षेत्र में लगातार तीन गोली कांड से पूरा जिला दहल चुका है. लोग पुलिस प्रशासन पर कई गंभीर आरोप भी लगा रहे हैं. इसी क्रम में जब थानाध्यक्ष सुबोध गुप्ता कमरगामा पहुंचे तो लोगों ने कई आरोप लगाए और आक्रोशित होकर थानाध्यक्ष के द्वारा बदमाश को पकड़ने के एवज में उल्टे ही मामला दर्ज करने की बात बताई. साथ ही अपराधियों को संरक्षण देने की भी बात कही.

अपराधियों का मनोबल चरम पर: किसी का उजड़ रहा सुहाग तो किसी के सर से उठ रहा पिता का साया
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
September 15, 2020
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