मधेपुरा जिले के शंकरपुर प्रखंड में बेहरारी पंचायत के मध्य विधालय कोल्हुआ पूर्व एवं जिरवा मधेली पंचायत के पंचायत सरकार भवन मधेली में बंदोबस्त कार्यालय मधेपुरा के सौजन्य से बिहार विशेष सर्वेक्षण अधिनियम 2011 नियमावली 2012 के तहत भूसर्वेक्षण शिविर का आयोजन किया गया. जिसकी अध्यक्षता शिविर प्रभारी अमित कुमार ने की.
शिविर को संबोधित करते हुए एएसओ सफी अख्तर सवा ने कहा कि यह सर्वे 1965 के बाद पहली बार नये सिरे से शुरू किया जाएगा जो डिजिटल होगा. शंकरपुर प्रखंड के सर्वे कार्यालय पंचायत सरकार भवन गिद्धा को बनाया गया है. जिसमें प्रखंड के बाड़ी, मौरा, चंपानगर, जिरवा, रायभीर, बसंतपुर, गिद्धा सहित सभी आठ राजस्व गांव का जमीन संबंधित सर्वे का सभी काम का निष्पादन होगा. उन्होंने कहा कि सर्वे का आधार तीन तरह से रखा गया है. पहला खातियान, दूसरा केवाला से प्राप्त जमीन, तीसरा भूदान, बासगीत पर्चा एवं सरकार द्वारा अनुदान प्राप्त जमीन का सर्वे किया जाएगा.
उन्होंने कहा कि सबसे पहले उत्तर पश्चिम के दिशा से तीन राजस्व मौजा के आधार पर सीमांकन होगा. इसके बाद उपलब्ध नक्शा के आधार पर मौजा के सभी जमीन का पैमाईस किया जाएगा. इसके बाद किस्तवार जमीन मालिक के उपस्थिति में प्लाट पर जाकर उसका नंबर अंकित किया जाएगा. इसके लिए जमीन का सभी आवश्यक कागजात का छायाप्रति एवं मूल प्रति साक्ष्य के रूप में उपलब्ध कराना होगा. यदि कोई जमीन पूर्व में या 1965 से पहले किसी रैयत का था और 1965 के बाद ये जमीन बिहार सरकार का हो गया है तो इसके लिए सरजमीन पर जाकर देखा जाएगा कि वह जमीन किस हालत में है. इसके बाद 1940 के पूर्व के कागज के आधार पर उस जमीन का सर्वे किया जाएगा.
मौके पर त्रिलोकनाथ झा, कानून गोय, मनीउद्धीन अंसारी, ब्रजेश कुमार, राजीव रंजन, विवेक कुमार, मोहम्मद फिरोज, आयुष, सुर्दशन, शमसेर बहादुर, हवाई सर्वेक्षण प्रतिनिधि एन रहमान बबलू, ऑपरेटर रमेश मंडल, मुखिया प्रेमलता कुमारी, मुखिया प्रतिनिधि राहुल कुमार, मुखिया संजय गांधी, सरपंच अर्जुन यादव, रामकुमार यादव, विजेंद्र कुमार विमल, जयनारायण फौजी, भोला यादव सहित अन्य लोग शामिल थे.
शिविर को संबोधित करते हुए एएसओ सफी अख्तर सवा ने कहा कि यह सर्वे 1965 के बाद पहली बार नये सिरे से शुरू किया जाएगा जो डिजिटल होगा. शंकरपुर प्रखंड के सर्वे कार्यालय पंचायत सरकार भवन गिद्धा को बनाया गया है. जिसमें प्रखंड के बाड़ी, मौरा, चंपानगर, जिरवा, रायभीर, बसंतपुर, गिद्धा सहित सभी आठ राजस्व गांव का जमीन संबंधित सर्वे का सभी काम का निष्पादन होगा. उन्होंने कहा कि सर्वे का आधार तीन तरह से रखा गया है. पहला खातियान, दूसरा केवाला से प्राप्त जमीन, तीसरा भूदान, बासगीत पर्चा एवं सरकार द्वारा अनुदान प्राप्त जमीन का सर्वे किया जाएगा.
उन्होंने कहा कि सबसे पहले उत्तर पश्चिम के दिशा से तीन राजस्व मौजा के आधार पर सीमांकन होगा. इसके बाद उपलब्ध नक्शा के आधार पर मौजा के सभी जमीन का पैमाईस किया जाएगा. इसके बाद किस्तवार जमीन मालिक के उपस्थिति में प्लाट पर जाकर उसका नंबर अंकित किया जाएगा. इसके लिए जमीन का सभी आवश्यक कागजात का छायाप्रति एवं मूल प्रति साक्ष्य के रूप में उपलब्ध कराना होगा. यदि कोई जमीन पूर्व में या 1965 से पहले किसी रैयत का था और 1965 के बाद ये जमीन बिहार सरकार का हो गया है तो इसके लिए सरजमीन पर जाकर देखा जाएगा कि वह जमीन किस हालत में है. इसके बाद 1940 के पूर्व के कागज के आधार पर उस जमीन का सर्वे किया जाएगा.
मौके पर त्रिलोकनाथ झा, कानून गोय, मनीउद्धीन अंसारी, ब्रजेश कुमार, राजीव रंजन, विवेक कुमार, मोहम्मद फिरोज, आयुष, सुर्दशन, शमसेर बहादुर, हवाई सर्वेक्षण प्रतिनिधि एन रहमान बबलू, ऑपरेटर रमेश मंडल, मुखिया प्रेमलता कुमारी, मुखिया प्रतिनिधि राहुल कुमार, मुखिया संजय गांधी, सरपंच अर्जुन यादव, रामकुमार यादव, विजेंद्र कुमार विमल, जयनारायण फौजी, भोला यादव सहित अन्य लोग शामिल थे.
बिहार विशेष सर्वेक्षण अधिनियम 2011 के तहत भूसर्वेक्षण शिविर का आयोजन
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
September 15, 2020
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