लहरों से डर कर नौका पार नहीं होती
कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती...
सोहन लाल द्विवेदी की यह पंक्तियां सुपौल सदर प्रखंड अंतर्गत हरदी निवासी युवा विद्यासागर पर पूरी तरह सटीक बैठती है.
सेवानिवृत शिक्षक सियाराम यादव के सुपौत्र एवं प्राथमिक विद्यालय सरही मलिकाना में शिक्षक के रूप में कार्यरत हरिनंदन यादव के सुपुत्र विद्यासागर ने इस वर्ष आयोजित संघ लोक सेवा आयोग की सिविल सेवा परीक्षा में 634वीं रैंक हासिल कर अपनी प्रतिभा का परचम लहराया है.
विद्यासागर ने मैट्रिक की परीक्षा स्थानीय नवोदय विद्यालय से वर्ष 2010 में 9.4 सीजीपीए अंक प्राप्त कर उत्तीर्ण की. जिसके बाद उन्होंने भागलपुर जवाहर नवोदय विद्यालय से इंटर की परीक्षा पास किया. जिसमें उन्हें 95.85 प्रतिशत अंक हासिल हुए. 12वीं करने के बाद उन्होंने इंजीनियरिंग की परीक्षा उत्तीर्ण की. जिसके बाद उनका दाखिला तामिलनाडु के तिरजी स्थित एनआईटी में हुआ. वर्ष 2017 में मैकेनिकल इंजीनियर बनने के बाद उन्होंने यूपीएससी की तैयारी शुरू कर दी. जिसमें दूसरे प्रयास में ही उन्होंने सफलता अर्जित कर अपना व पूरे परिवार का नाम रौशन किया.
विद्यासागर ने अपनी सफलता का श्रेय माता-पिता, परिजन व गुरूजनों को दिया. छात्रों एवं युवाओं को संदेश देते उन्होंने कहा कि सफलता का कोई शॉर्टकट नहीं होता. कड़ी मेहनत और लगन से कोई भी मंजिल हासिल की जा सकती है. उन्होंने छात्रों को एनसीईआरटी की पुस्तकों पर ही फोकस करने का सुझाव दिया. विद्यासागर की सफलता से उनके परिजन, ग्रामीण व पूरे जिलावासियों में खुशी का माहौल व्याप्त है. (नि. सं.)
कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती...
सोहन लाल द्विवेदी की यह पंक्तियां सुपौल सदर प्रखंड अंतर्गत हरदी निवासी युवा विद्यासागर पर पूरी तरह सटीक बैठती है.
सेवानिवृत शिक्षक सियाराम यादव के सुपौत्र एवं प्राथमिक विद्यालय सरही मलिकाना में शिक्षक के रूप में कार्यरत हरिनंदन यादव के सुपुत्र विद्यासागर ने इस वर्ष आयोजित संघ लोक सेवा आयोग की सिविल सेवा परीक्षा में 634वीं रैंक हासिल कर अपनी प्रतिभा का परचम लहराया है.
विद्यासागर ने मैट्रिक की परीक्षा स्थानीय नवोदय विद्यालय से वर्ष 2010 में 9.4 सीजीपीए अंक प्राप्त कर उत्तीर्ण की. जिसके बाद उन्होंने भागलपुर जवाहर नवोदय विद्यालय से इंटर की परीक्षा पास किया. जिसमें उन्हें 95.85 प्रतिशत अंक हासिल हुए. 12वीं करने के बाद उन्होंने इंजीनियरिंग की परीक्षा उत्तीर्ण की. जिसके बाद उनका दाखिला तामिलनाडु के तिरजी स्थित एनआईटी में हुआ. वर्ष 2017 में मैकेनिकल इंजीनियर बनने के बाद उन्होंने यूपीएससी की तैयारी शुरू कर दी. जिसमें दूसरे प्रयास में ही उन्होंने सफलता अर्जित कर अपना व पूरे परिवार का नाम रौशन किया.
विद्यासागर ने अपनी सफलता का श्रेय माता-पिता, परिजन व गुरूजनों को दिया. छात्रों एवं युवाओं को संदेश देते उन्होंने कहा कि सफलता का कोई शॉर्टकट नहीं होता. कड़ी मेहनत और लगन से कोई भी मंजिल हासिल की जा सकती है. उन्होंने छात्रों को एनसीईआरटी की पुस्तकों पर ही फोकस करने का सुझाव दिया. विद्यासागर की सफलता से उनके परिजन, ग्रामीण व पूरे जिलावासियों में खुशी का माहौल व्याप्त है. (नि. सं.)
विद्यासागर: यूपीएससी की सिविल सेवा परीक्षा में सफलता हासिल कर कोसी का नाम किया रौशन
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
August 06, 2020
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