मधेपुरा विद्युत् विभाग की लापरवाही से सैकड़ो उपभोक्ता का जीवन नर्क बन गया है. मामला शहर के कॉलेज चौक और पुरानी बाजार का है जहां मंगलवार की रात 12 बजे से विद्युत् सेवा बाधित है. 15 घंटे बाद विद्युत् व्यवस्था बहाल हो सका.
एक तरफ सरकार विद्युत् फाल्ट को एक घंटे में दुरूस्त करने का वादा करती है तो वहीं दूसरी तरफ फिलहाल 15 घंटे से विद्युत् व्यवस्था बाधित है. उपभोक्ता सुबह 7 बजे विद्युत् विभाग के उच्चाधिकारियों को बाधित विद्युत् व्यवस्था बहाल करने की गुहार लगाते रहे लेकिन हर बार आश्वासन मिला कि जल्द मिस्त्री को भेजा जा रहा है लेकिन बुधवार के 12 बजे तक सिर्फ खानापूर्ति होती रही लेकिन विद्युत् व्यवस्था बहाल नहीं हो सकी. उपभोक्ता का हाल यह रहा कि पीने का पानी तो दूर उपभोक्ता को शौचालय और स्नान के लिए भी पानी नसीब नहीं हो सका. जिसके कारण उपभोक्ता में भारी आक्रोश दिखा.
मालूम हो कि इस दौरान उपभोक्ता ने विद्युत् विभाग के मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी, सहायक कार्यपालक पदाधिकारी को मोबाइल पर सम्पर्क करने की कोशिश की लेकिन मोबाइल स्वीच ऑफ मिला. आखिरकार जेई से सम्पर्क किया गया तो सिर्फ आश्वासन मिला कि बाधित विद्युत् को जल्द ठीक कराया जा रहा है. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार जेई ने 9 बजे सुबह तीन लाइन मेन को विद्युत् व्यवस्था ठीक करने का आदेश दिया लेकिन आदेश को लाइनमेन ने ठेंगा दिखा दिया. 12:09 मिनट पर फिर एक लाइन मेन के आने बाद तीन घंटे तक जद्दोजहद के बाद लाइन चालू हो सका, फिर उपभोक्ता ने राहत की सांस ली.
मंगलवार की रात बाधित विद्युत् में इस इलाके के लगभग दो सौ उपभोक्ता परेशान रहे. जदयू अल्पसंख्यक सेल के जिला अध्यक्ष मो. राजा भी बाधित विद्युत् से परेशान रहे. उन्होंने कहा कि विद्युत् विभाग के तमाम आलाधिकारी को मोबाइल से उपभोक्ता की परेशानी से अवगत कराने की कोशिश की लेकिन सभी पदाधिकारी का मोबाइल स्वीच ऑफ था. आखिरकार जेई को सूचना दी गई, जेई के द्वारा फिलहाल कोरोना में क्वारंटाइन होने के बावजूद प्रयास कर 15 घंटे बाद विद्युत् व्यवस्था बहाल किया जा सका.

एक तरफ सरकार विद्युत् फाल्ट को एक घंटे में दुरूस्त करने का वादा करती है तो वहीं दूसरी तरफ फिलहाल 15 घंटे से विद्युत् व्यवस्था बाधित है. उपभोक्ता सुबह 7 बजे विद्युत् विभाग के उच्चाधिकारियों को बाधित विद्युत् व्यवस्था बहाल करने की गुहार लगाते रहे लेकिन हर बार आश्वासन मिला कि जल्द मिस्त्री को भेजा जा रहा है लेकिन बुधवार के 12 बजे तक सिर्फ खानापूर्ति होती रही लेकिन विद्युत् व्यवस्था बहाल नहीं हो सकी. उपभोक्ता का हाल यह रहा कि पीने का पानी तो दूर उपभोक्ता को शौचालय और स्नान के लिए भी पानी नसीब नहीं हो सका. जिसके कारण उपभोक्ता में भारी आक्रोश दिखा.
मालूम हो कि इस दौरान उपभोक्ता ने विद्युत् विभाग के मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी, सहायक कार्यपालक पदाधिकारी को मोबाइल पर सम्पर्क करने की कोशिश की लेकिन मोबाइल स्वीच ऑफ मिला. आखिरकार जेई से सम्पर्क किया गया तो सिर्फ आश्वासन मिला कि बाधित विद्युत् को जल्द ठीक कराया जा रहा है. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार जेई ने 9 बजे सुबह तीन लाइन मेन को विद्युत् व्यवस्था ठीक करने का आदेश दिया लेकिन आदेश को लाइनमेन ने ठेंगा दिखा दिया. 12:09 मिनट पर फिर एक लाइन मेन के आने बाद तीन घंटे तक जद्दोजहद के बाद लाइन चालू हो सका, फिर उपभोक्ता ने राहत की सांस ली.
मंगलवार की रात बाधित विद्युत् में इस इलाके के लगभग दो सौ उपभोक्ता परेशान रहे. जदयू अल्पसंख्यक सेल के जिला अध्यक्ष मो. राजा भी बाधित विद्युत् से परेशान रहे. उन्होंने कहा कि विद्युत् विभाग के तमाम आलाधिकारी को मोबाइल से उपभोक्ता की परेशानी से अवगत कराने की कोशिश की लेकिन सभी पदाधिकारी का मोबाइल स्वीच ऑफ था. आखिरकार जेई को सूचना दी गई, जेई के द्वारा फिलहाल कोरोना में क्वारंटाइन होने के बावजूद प्रयास कर 15 घंटे बाद विद्युत् व्यवस्था बहाल किया जा सका.

समस्या: 15 घंटे बाद हुई विद्युत् व्यवस्था बहाल, दो सौ उपभोक्ता रहे परेशान
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
July 29, 2020
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