मधेपुरा के बिहारीगंज प्रखंड अंतर्गत बिहार राज्य शिक्षक संघर्ष समन्वय समिति के तत्वावधान में धरना प्रदर्शन छठा दिन भी जारी रहा, जिसमें सैकड़ों की संख्या में शिक्षक व शिक्षिकाएं शामिल हुई.
सभी शिक्षक मंच के माध्यम से नीतीश कुमार को पूर्ण वेतनमान देने का गुहार भी लगा रहे थे. गीत के माध्यम से और नारे के माध्यम से भी सरकार का ध्यान आकृष्ट कर रहे थे, क्योंकि जब तक शिक्षक भूखा है ज्ञान का सागर सूखा है.
धरना कार्यक्रम में बिहार पंचायत नगर प्रारंभिक शिक्षक संघ के जिला अध्यक्ष सुबोध कुमार पासवान एवं जिला महासचिव संजय कुमार जायसवाल स्वयं उपस्थित होकर क्रांतिकारी शिक्षक साथियों का हौसला बढ़ाया. वक्ताओं ने कहा कि उन्हें किसी से डरने की जरूरत नहीं है. वेतनमान उनका संवैधानिक अधिकार है. संविधान में भी लिखा हुआ है कि समान काम का समान वेतन मिलना चाहिए. पूर्व में पटना उच्च न्यायालय ने उन सबों को पूर्ण वेतनमान देने का सरकार को निर्देश दिया था परंतु साजिश के तहत् वेतनमान से वंचित कर दिया. जबकि संविधान में वर्णित है कि समान काम का समान वेतन मिलना ही चाहिए.
शिक्षक बिहार की शिक्षा को पटरी पर ला दिए और बिहार की शिक्षा सुचारु रूप से पटरी पर दौड़ रही है जो कि उन शिक्षकों की ही देन है. इन्हीं शिक्षकों को आपने नियोजन रूपी कलंक से अपमानित करने का काम किया है. उन्होंने कहा कि हड़ताली शिक्षकों से वार्ता नहीं कर बिहार के बच्चों के भविष्य को अंधकार में डालने का काम कर रही है. सरकार जितना भी डरा ले, जितना भी धमका ले, चाहे जेल में डाल दे, चाहे बर्खास्त कर दे, अब वे लोग पीछे नहीं हटेंगे.
वहीं धरना कार्यक्रम को अनवर चाँद, अजय कुमार, जितेन्द्र दास, दिलीप कुमार, शिरोमणि कुमार, राजेश कुमार, इनामुलहक, मनोज कुमार सिंह, मनीष कुमार, हरिवंश कुमार, विमल कुमार, नीभा कुमारी, जाहिरा, रेणु कुमारी, प्रीति कुमारी, विभा कुमारी, गुंजन कुमारी, काजल प्रिया, संतना कुमारी, नीलम कुमारी, हीरा कुमारी, शबनम आरा, प्रेमलता भगत, शंकर मुखिया, चन्द्रअवतांश दर्वे आदि ने भी संबोधित किया.
(रिपोर्ट: रानी देवी)
सभी शिक्षक मंच के माध्यम से नीतीश कुमार को पूर्ण वेतनमान देने का गुहार भी लगा रहे थे. गीत के माध्यम से और नारे के माध्यम से भी सरकार का ध्यान आकृष्ट कर रहे थे, क्योंकि जब तक शिक्षक भूखा है ज्ञान का सागर सूखा है.
धरना कार्यक्रम में बिहार पंचायत नगर प्रारंभिक शिक्षक संघ के जिला अध्यक्ष सुबोध कुमार पासवान एवं जिला महासचिव संजय कुमार जायसवाल स्वयं उपस्थित होकर क्रांतिकारी शिक्षक साथियों का हौसला बढ़ाया. वक्ताओं ने कहा कि उन्हें किसी से डरने की जरूरत नहीं है. वेतनमान उनका संवैधानिक अधिकार है. संविधान में भी लिखा हुआ है कि समान काम का समान वेतन मिलना चाहिए. पूर्व में पटना उच्च न्यायालय ने उन सबों को पूर्ण वेतनमान देने का सरकार को निर्देश दिया था परंतु साजिश के तहत् वेतनमान से वंचित कर दिया. जबकि संविधान में वर्णित है कि समान काम का समान वेतन मिलना ही चाहिए.
शिक्षक बिहार की शिक्षा को पटरी पर ला दिए और बिहार की शिक्षा सुचारु रूप से पटरी पर दौड़ रही है जो कि उन शिक्षकों की ही देन है. इन्हीं शिक्षकों को आपने नियोजन रूपी कलंक से अपमानित करने का काम किया है. उन्होंने कहा कि हड़ताली शिक्षकों से वार्ता नहीं कर बिहार के बच्चों के भविष्य को अंधकार में डालने का काम कर रही है. सरकार जितना भी डरा ले, जितना भी धमका ले, चाहे जेल में डाल दे, चाहे बर्खास्त कर दे, अब वे लोग पीछे नहीं हटेंगे.
वहीं धरना कार्यक्रम को अनवर चाँद, अजय कुमार, जितेन्द्र दास, दिलीप कुमार, शिरोमणि कुमार, राजेश कुमार, इनामुलहक, मनोज कुमार सिंह, मनीष कुमार, हरिवंश कुमार, विमल कुमार, नीभा कुमारी, जाहिरा, रेणु कुमारी, प्रीति कुमारी, विभा कुमारी, गुंजन कुमारी, काजल प्रिया, संतना कुमारी, नीलम कुमारी, हीरा कुमारी, शबनम आरा, प्रेमलता भगत, शंकर मुखिया, चन्द्रअवतांश दर्वे आदि ने भी संबोधित किया.
(रिपोर्ट: रानी देवी)
जारी रहा शिक्षकों का धरना प्रदर्शन छठा दिन भी
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
February 22, 2020
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