सुपौल। लंबित मानदेय एवं इनसेंटिव का अविलंब भुगतान सहित अन्य मांगों को लेकर बिहार प्रदेश जीविका कैडर संघ के बैनर तले जीविका कैडर एवं दीदीयों ने शुक्रवार को समाहरणालय के समीप एक दिवसीय धरना-प्रदर्शन का आयोजन किया.
संघ के प्रदेश उपाध्यक्ष सह जिलाध्यक्ष मनोज कुमार की अध्यक्षता में आयोजित धरना के दौरान उन्होंने अपनी मांगों की पूर्ति हेतु आवाज बुलंद किया. मुख्य अतिथि सह प्रदेश कोषाध्यक्ष चंदन कुमार ने सरकार पर जीविका दीदीयों के साथ उपेक्षित व्यवहार का आरोप लगाया. कहा कि सुशासन की इस सरकार में बेटियों के साथ दुष्कर्म कर उसे जिंदा जलाने जैसी विभत्स घटना होती है. जिसका जीविका कैडर संघ घोर निंदा करता है. कहा कि आने वाले चुनाव में सरकार को इसकी कीमत चुकानी होगी. कहा कि जीविका दीदीयां अपने हक के लिये दर-दर की ठोकरें खा रही है. प्रदेश उपाध्यक्ष सह जिलाध्यक्ष ने कहा कि दिन-रात काम करने वाले कैडर भीख मांगने को विवश हैं. वहीं परियोजना कर्मी अपनी रोटी सेंकने में मशगुल है. अगर समय रहते उनकी मांगें पूरी नहीं हुई तो पूरे प्रदेश में मानव शृंखला बना कर विरोध किया जायेगा.
संघ की मधेपुरा जिलाध्यक्ष बबीता कुमारी, अररिया जिलाध्यक्ष सुमन कुमार झा आदि ने भी जीविका दीदीयों की समस्याओं की चर्चा की. मौके पर उनके द्वारा 10 सूत्री मांगें रखी गयी. जिसमें जीविका कैडरों को नियोजन व पहचान पत्र देने, लंबित मानदेय व इनसेंटिव का भुगतान करने, शौचालय प्रोत्साहन राशि का भुगतान करने, काम से हटाने की धमकी देने वाले पदाधिकारी पर कार्रवाई करने, काम के समय का निर्धारण करने, कैडरों व जीविका दीदीयों को यात्रा भत्ता देने, मुद्रा व बीमा योजना का लाभ देने, प्रशिक्षण प्रमाण पत्र देने, क्लेम की राशि का भुगतान करने एवं बाढ़ पीड़ित जीविका दीदीयों को विशेष सुविधा देने की मांग शामिल है.
इस अवसर पर प्रदीप यादव, त्रिलोकी नाथ राम, अजय कुमार, सविना प्रवीण, इस्मिता देवी, अर्चना कुमारी, दिलशाद बानो, हेमलता कुमारी, बबीता देवी, अम्बे देवी, मंजू देवी, सकुंती देवी, निक्की कुमारी, उत्तम कुमार, ओम प्रकाश गुप्ता, अरविंद कामत, विंदेश्वरी, रघुवीर, विष्णुदेव सादा, मनोज चौधरी, हरेराम, बिट्टू झा, मनीष कुमार, दामोदर मंडल, तपेश्वरी यादव आदि मौजूद थे.
संघ के प्रदेश उपाध्यक्ष सह जिलाध्यक्ष मनोज कुमार की अध्यक्षता में आयोजित धरना के दौरान उन्होंने अपनी मांगों की पूर्ति हेतु आवाज बुलंद किया. मुख्य अतिथि सह प्रदेश कोषाध्यक्ष चंदन कुमार ने सरकार पर जीविका दीदीयों के साथ उपेक्षित व्यवहार का आरोप लगाया. कहा कि सुशासन की इस सरकार में बेटियों के साथ दुष्कर्म कर उसे जिंदा जलाने जैसी विभत्स घटना होती है. जिसका जीविका कैडर संघ घोर निंदा करता है. कहा कि आने वाले चुनाव में सरकार को इसकी कीमत चुकानी होगी. कहा कि जीविका दीदीयां अपने हक के लिये दर-दर की ठोकरें खा रही है. प्रदेश उपाध्यक्ष सह जिलाध्यक्ष ने कहा कि दिन-रात काम करने वाले कैडर भीख मांगने को विवश हैं. वहीं परियोजना कर्मी अपनी रोटी सेंकने में मशगुल है. अगर समय रहते उनकी मांगें पूरी नहीं हुई तो पूरे प्रदेश में मानव शृंखला बना कर विरोध किया जायेगा.
संघ की मधेपुरा जिलाध्यक्ष बबीता कुमारी, अररिया जिलाध्यक्ष सुमन कुमार झा आदि ने भी जीविका दीदीयों की समस्याओं की चर्चा की. मौके पर उनके द्वारा 10 सूत्री मांगें रखी गयी. जिसमें जीविका कैडरों को नियोजन व पहचान पत्र देने, लंबित मानदेय व इनसेंटिव का भुगतान करने, शौचालय प्रोत्साहन राशि का भुगतान करने, काम से हटाने की धमकी देने वाले पदाधिकारी पर कार्रवाई करने, काम के समय का निर्धारण करने, कैडरों व जीविका दीदीयों को यात्रा भत्ता देने, मुद्रा व बीमा योजना का लाभ देने, प्रशिक्षण प्रमाण पत्र देने, क्लेम की राशि का भुगतान करने एवं बाढ़ पीड़ित जीविका दीदीयों को विशेष सुविधा देने की मांग शामिल है.
इस अवसर पर प्रदीप यादव, त्रिलोकी नाथ राम, अजय कुमार, सविना प्रवीण, इस्मिता देवी, अर्चना कुमारी, दिलशाद बानो, हेमलता कुमारी, बबीता देवी, अम्बे देवी, मंजू देवी, सकुंती देवी, निक्की कुमारी, उत्तम कुमार, ओम प्रकाश गुप्ता, अरविंद कामत, विंदेश्वरी, रघुवीर, विष्णुदेव सादा, मनोज चौधरी, हरेराम, बिट्टू झा, मनीष कुमार, दामोदर मंडल, तपेश्वरी यादव आदि मौजूद थे.
(नि. सं.)
जीविका कैडर एवं दीदीयों का एकदिवसीय धरना-प्रदर्शन
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
December 05, 2019
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