


लोगों को संबोधित करते हुए जिला जज मन मोहन शरण लाल ने कहा उत्तर बिहार में सिंहेश्वर नाथ की महिमा इतनी अधिक है कि मधेपुरा के जगह सिंहेश्वर नाथ के नाम से जिला का नाम होना चाहिए था । अपर समाहर्ता उपेंद्र प्रसाद ने कहा इस धरती का क्या कहना जिसका रक्षक देवाधिदेव महादेव हो । उसका कोई बाल भी बांका नहीं कर सकता है । साथ ही सबों को सिंहेश्वर महोत्सव में आने का निमंत्रण दिया ।
न्यास के सदस्य भुपेंद्र मधेपुरी ने कहा कि शिव का साढ़े सात हजार वर्ष पहले का इतिहास है । पहले देवाधिदेव महादेव आदिवासियों के देवता कहलाते थे । उस समय आदिवासी को अनार्य कहा जाता था. उनके देवता थे महादेव । उन्होंने समन्वय के लिये जहर पी लिया था । सिंहेश्वर की महिमा का बखान करते हुए कहा कि यह विभांडक ऋषि का कर्मस्थली है । उनके पुत्र श्रृगीं ऋषिदेव ने राजा दशरथ के लिये यही पुत्रेष्टि यज्ञ किया था जिससे उनको 4 पुत्र-रत्न और एक पुत्री प्राप्त हुआ था । उन्होंने सिंहेश्वर की महिमा को लेकर एक पुस्तकालय होने की बात पर जोर दिया ।
एसपी संजय कुमार ने कहा मेला के विधि व्यवस्था के लिए व्यापक इंतजाम किया गया है । सावन में आपके सहयोग से बड़ी भीड़ को सफलता पूर्वक संभाला था । बाबा की धरती अनादिकाल से पूज्यनीय है । एक माह तक चलने वाले मेला के नियंत्रण के लिए मेला में थाना भी है । अपनी हर शिकायतों वहा पहुंचाते ही शिकायत पर अमल किया जायेगा । उन्होंने कानून को अपने हाथ में नही लेने की भी अपील की । इसके बाद मेला में कई दर्जन स्टाल का भी उद्घाटन किया गया.
मौके पर एनडीसी रजनीश कुमार, एसडीओ वृंदा लाल, डीएसपी वसी अहमद, बीडीओ अजीत कुमार, सीओ कृष्ण कुमार सिंह, थानाध्यक्ष सुबोध कुमार गुप्ता, एसडीओ सह सचिव सिंहेश्वर मंदिर न्यास समिति वृंदा लाल ने आये हुए सभी आगंतुकों का धन्यवाद किया । मौके पर रेड क्रास सोसायटी शांति यादव, प्रमुख चंद्र कला देवी, न्यास समिति के सदस्य सरोज सिंह, कन्हैया ठाकुर, संजीव कुमार, एनडीसी रजनीश कुमार, डीएसपी वसी अहमद, बीडीओ अजीत कुमार, सीओ कृष्ण कुमार सिंह, थानाध्यक्ष सुबोध कुमार गुप्ता, मैनेजर रवि कुमार झा, उदय कांत झा, लेखापाल मनोज ठाकुर, रोकड़ पाल बालकिशोर यादव मौजूद थे ।
(Report: Dr. I. C. Bhagat, Photo: Murari Singh)
वैदिक मंत्रोंचारण के बीच प्रसिद्ध सिंहेश्वर महाशिवरात्रि मेला का हुआ उद्घाटन
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
March 04, 2019
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