नई सोच से बदल रही बयार: मधेपुरा में छात्राएँ ही नहीं छात्रों ने भी की माहवारी पर चर्चा

समाज में माहवारी शब्द का सार्वजनिक तौर पर प्रयोग नहीं किया जाता है। बहुत सी महिला अपने पति से भी सेनेटरी पैड के बारे में खुलकर बातें नहीं करती है। शर्म और झिझक की वजह से माहवारी के दौरान महिलायें सेनेटरी पैड ख़रीदने दुकान नहीं जाती हैं। 


ऐसे दर्जनों तथ्य अब पुराने दिनों की बातें बन गई हैं। जी हाँ , यह कारनामाँ मधेपुरा जिले के जनता उच्च विध्यालय के छात्राओं ने कर दिखाया है। ख़ास बात है कि छात्राओं के इस मुहिम में छात्र भी पीछे नहीं हैं बल्कि उनके साथ क़दमताल करते दिख रहे हैं। 

भागीदारी फ़ाउंडेशन की प्रवक्ता रेणुका ये बातें कहती हुई भावुक हो जाती हैं। उन्होंने बताया कि फ़ाउंडेशन बीते कई सालों से सैनिटेरी नेपकिन के इस्तेमाल को लेकर झारखंड, बिहार, जम्मू कश्मीर, हरियाणा, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, दिल्ली आदि राज्यों जागरूकता कैम्प लगा रही है। लेकिन पहली बार जनता उच्च विद्यालय में आयोजित जागरूकता कैम्प में ५० से अधिक छात्रों की भागीदारी ने इस मुहिम को नया मंज़िल दे दिया। 
उन्होंने कहा कि अगर छात्र- छात्राएँ, महिला-पुरुष यूँ ही क़दम ताल करें तो वो दिन दूर नहीं जब मधेपुरा विश्व पटल में इस मुहिम का अग्रदूत बनकर उभरेगा। उन्होंने बताया कि जनता उच्च विध्यालय के सामाजिक विज्ञान के शिक्षक चंद्रजीत प्रकाश की भूमिका काफ़ी महत्वपूर्ण है। उन्होंने बताया कि चंद्रजीत के अथक प्रयास से ही आज छात्र छात्राएँ ऐक साथ बैठ कर माहवारी और सैनिटेरी पैड के इस्तेमाल विषय पर चर्चा कर रहे हैं।उन्होंने बताया कि कन्या मध्य विधायलय( चौसा) के प्रिन्सिपल विजय पासवान भी अपने विधायलय में इस विषय में छात्राओं को जागरूक करने के लिय अथक प्रयास कर रहे हैं।

भागीदारी फ़ाउंडेशन ने रविवार को दुर्गापुर पंचायत के ठाकुरबाड़ी में जागरूकता कैम्प का आयोजन किया। क़रीब ५०० महिलाओं ने इस कैम्प में भागीदारी किया। कैम्प में माहवारी के दौरान बरती जाने वाली सावधानियों के बारे अवगत कराया गया। साफ़- सफ़ाई पर ध्यान देने और सैनिटेरी नैप्किन का इस्तेमाल कर के कई तरह की बीमारियों मसलन संक्रमण, तनाव, सर्वाइकल कैन्सर आदि की चपेट में आने से बचा जा सकता है। कैम्प के आयोजन में मिशन कुमारी, रेणुका देवी, विनय शर्मा, पूर्व सरपंच देवनंद शर्मा, दिनेश पासवान, मोहमद उस्मान, बबलू गुप्ता, मौनी गांधी आदि ने अहम भूमिका निभाई ।
नई सोच से बदल रही बयार: मधेपुरा में छात्राएँ ही नहीं छात्रों ने भी की माहवारी पर चर्चा नई सोच से बदल रही बयार: मधेपुरा में छात्राएँ ही नहीं छात्रों ने भी की माहवारी पर चर्चा Reviewed by मधेपुरा टाइम्स on March 03, 2019 Rating: 5

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