'टीईटी उत्तीर्ण अभ्यर्थी के मामले में सरकार शिक्षा के अधिकार अधिनियम का कर रही है खुल्लम-खुल्ला उल्लंघन'

बिहार टीईटी/सीटीईटी उत्तीर्ण शिक्षक बहाली मोर्चा के बैनर तले मधेपुरा जिला के टीईटी उत्तीर्ण अभ्यर्थी बड़ी संख्याँ में जिला मुख्यालय के कला भवन के सामने राष्ट्रीय युवा दिवस पर धरना पर बैठे.


बाद में उन्होंने अपनी आवाज सरकार तक पहुंचाने के लिए  मुख्यमंत्री के नाम का जिलाधिकारी को एक ज्ञापन भी सौंपा । 

रविवार को सभी  टीईटी उत्तीर्ण अभ्यर्थियों ने सरकार पर उपेक्षा का आरोप लगाते हुये कहा कि बिहार सरकार उनकी बहाली नहीं कर रही है। सभी टीईटी उत्तीर्ण प्रशिक्षित अभ्यर्थी एनसीईटी द्वारा निर्धारित सभी मापदंडो को पूरा करते है। सरकार शिक्षा का अधिकार अधिनियम का खुलेआम उल्लंघन कर कर रही है। दरअसल, मानव संसाधन विकास मंत्रालय के रिपोर्ट के अनुसार राज्य के प्रारंभिक विद्यालयों में शिक्षकों के 02 लाख से अधिक पद वर्षों से रिक्त पडे है जबकि टीईटी उत्तीर्ण अभ्यर्थियों की संख्या पूरे राज्य में महज 50 हजार होगी। शिक्षा का अधिकार अधिनियम के अनुसार प्रारंभिक विद्यालयों में छात्र शिक्षक अनुपात 30:1 होनी चाहिये जो वर्तमान में 63:1 है। राज्य सरकारें 10% से अधिक रिक्तियाँ नहीं रख सकती है। 

मोर्चा के जिलाध्यक्ष रणधीर कुमार और आनन्द कुमार भूषण  ने बतलाया कि शिक्षक बहाली के मुद्दा पर बिहार सरकार बार-बार नियोजित शिक्षकों के सुप्रीम कोर्ट में एक साल से लंबित मामले की फैसला आने के बाद बहाली करने की बात करती है। ऐसे में बहाली में देरी होने से 2011 में उत्तीर्ण शेष बचे हजारों टीईटी अभ्यर्थियों का भविष्य अधर में लटका हुआ है जिनकी उम्रसीमा एवं प्रमाणपत्र की वैधता समाप्ति के कगार पर है। उन्होंने कहा की शिक्षा का अधिकार अधिनियम का सरकार पालन नहीं कर रही है। राज्य में हजारों विद्यालय एक शिक्षक के भरोसे चल रहे है। वैसे विद्यालयों में पठन पाठन के क्रियाकलाप कैसे संभव है ? ऐसे में इन विद्यालयों में पढ रहे राज्य के गरीब, किसान, पिछडे एवं वंचित वर्ग के बच्चे बुरी तरह प्रभावित हो रहे है। 

प्रारंभिक विद्यालयों में शिक्षक बहाली की माँगों को लेकर सैकडों की संख्या में धरना-प्रदर्शन कर रहे टीईटी/सीटीईटी उत्तीर्ण अभ्यर्थियों ने सरकार पर तंज कसते हुये कहा कि सरकार की नीति शिक्षा विरोधी है। यदि शिक्षक भर्ती का विज्ञापन जनवरी माह में नहीं आता है तो सरकार के गलत नीतियों के खिलाफ आंदोलन और तेज किया जायेगा तथा लोकसभा चुनाव में नोटा एक विकल्प बनेगा साथ ही राज्यपाल के समक्ष आत्मदाह का मांग भी करेंगे ।    

सरकार की नीतियों के विरोध में मशाल जुलूस भी निकाला गया जो धरना स्थल कला भवन मधेपुरा से चल कर बस स्टैंड, कॉलेज चौक होते हुए, कर्पूरी चौक पे समापन हुआ। 

प्रदर्शन में पूर्व बीडीओ डॉक्टर गौतम कृष्ण, प्रोफेसर जवाहर पासवान, जाप के जिला अध्यक्ष मोहन मंडल एवं छात्र अध्यक्ष आदि ने भी प्रदर्शनकारियों का मनोबल को बढ़ाया। मौके पर प्रोफेसर डॉक्टर जवाहर पासवान सर ने कहा कि आप लोगों को हमारे तरफ आप लोगों  सभी प्रकार का सहयोग प्रदान किया जायेगा वो चाहे आर्थिक रूप से हो, मानसिक रूप से हो. इतना ही नही शरीरिक रूप से भी जब आप लोगों जहां कहे गे वहां आप लोगों को मेरा सहयोग मिलेगा।

धरना प्रदर्शन में शिक्षक पात्रता परीक्षा में सफल बड़ी संख्यां में अभ्यर्थियों ने भाग लिया जिसमें आनन्द कुमार भूषण, रणधीर कुमार, बबलू कुमार, आभास कुमार, ब्रजेश कुमार, बिमलेश कुमार, सोनी राज,पूजा प्रिया, कुन्दन कुमार कुद्रत, अजीत कुमार, आशुतोष कुमार, मनोज कुमार, रामभजन कुमार आदि उपस्थित थे। (नि. सं.)
'टीईटी उत्तीर्ण अभ्यर्थी के मामले में सरकार शिक्षा के अधिकार अधिनियम का कर रही है खुल्लम-खुल्ला उल्लंघन' 'टीईटी उत्तीर्ण अभ्यर्थी के मामले में सरकार शिक्षा के अधिकार अधिनियम का कर रही है खुल्लम-खुल्ला उल्लंघन' Reviewed by मधेपुरा टाइम्स on January 14, 2019 Rating: 5

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