
बता दें कि जिला मुख्यालय के वार्ड नं. 1, बिजली ऑफिस के पास रहने वाले धर्मदेव ठाकुर का तीन वर्षीय पुत्र केशव को उनके परिजन गोशाला परिसर में लगे दुर्गापूजा के अवसर पर मेला दिखाने ले गए थे जहाँ से बीती शाम करीब 7 बजे केशब गायब हो गया. काफी खोजबीन के बाद भी जब बच्चा नहीं मिला तो पुलिस को इसकी सूचना दी गई थी. मधेपुरा के सोशल मीडिया पर भी बच्चे की वापसी के लिए हजारों शेयर किये गए थे. पर अचानक सिंहेश्वर की एक महिला नाटकीय ढंग से केशव को लेकर मधेपुरा पहुंची.
पर दूसरी तरफ गायब बच्चे की बरामदगी पर उठ रहा है एक बड़ा सवाल. क्या 16 घंटे के अंदर पुलिस दबिश के कारण जिला मुख्यालय के गौशाला दुर्गा मंदिर से विजयादशमी की देर शाम गायब या अपहृत केशव उर्फ केशु को सिंहेश्वर के मजरहट की रहने वाली चन्दा उर्फ नगमा ने पुलिस के हवाले किया? दरसअल नगमा के अनुसार केशु सड़क पर अकेले घूम रहा था तो इनकी छोटी बहन ने उसे लेकर नगमा के पास आई और नगमा ने पुलिस के सामने बताई कि देर रात होने के कारण मेला कमिटी को नहीं सौंप सकी. बच्चे को लेकर अपने घर चली गयी। अहम सवाल उठता है कि आखिर गलतफहमी के कारण अगर नगमा बच्चे को लेकर घर चली गयी तो सबेरे क्यों नहीं बच्चे को हाजिर किया गया?
हालांकि मधेपुरा एसपी संजय कुमार के मुताबिक बच्चा गौशाला दुर्गा मंदिर से गुम हुआ था जिसको लेकर देर रात से ही पुलिस खुद तलाश कर रही थी. करीब दो बजे एसपी कार्यालय में सिंघेश्वर की रहने वाली चन्दा उर्फ नगमा ने बच्चे को हाजिर कर दिया. एसपी ने बताया कि यह मामला गुमशुदगी का है ना कि अपहरण और बच्चा चोरी का.
हालाँकि स्थानीय लोगों की माने तो पुलिस नाटकीय ढंग से अपहृत बच्चे को बरामद करने में अहम सफलता जरूर पाई है लेकिन जिले में बच्चा चोर गिरोह सक्रिय है इस बिंदु पर भी ध्यान देने की आवश्यकता है.
जो भी हो, बच्चा सकुशल है और उसे परिजनों को सौंप दिया गया है. उधर बच्चा सकुशल वापस आ जाने के बाद कल से गम और आंसू में डूबे परिवार में ख़ुशी की लहर छा गई है और पुलिस तथा परिजन संहित मधेपुरा के लोगों ने भी राहत की सांस ली है.

कई सवालों के बीच मधेपुरा जिला मुख्यालय से गायब बच्चा मिला, परिजनों में लौटी ख़ुशी की लहर
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
October 20, 2018
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