मधेपुरा जिले के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र मुरलीगंज में बीते दिनों इलाज कराने आए मरीज के परिजन नवविवाहिता के साथ आउटसोर्सिंग कर्मचारी के द्वारा छेड़खानी के मामले में प्राथमिकी दर्ज की गई.
पीड़ित नवविवाहिता ने आउटसोर्सिंग स्टाफ विश्वास नाम के व्यक्ति पर छेड़खानी का मामला थाना में दर्ज करवाया था. इस मामले को लेकर मंगलवार को मधेपुरा सिविल सर्जन ने पीएचसी पहुंचकर पीड़िता एवं उनके परिजनों का बयान लिया और चिकित्सा कर्मियों से घटना के बारे में विस्तृत जानकारी ली.
मौके पर उपस्थित लोगों ने सिविल सर्जन से पीएचसी में कार्यरत डॉ. डी.पी. रमन की हमेशा ड्यूटी से गायब रहने की बात बतायी साथ ही कहा कि ऐसे चिकित्सक पर वरीय पदाधिकारी द्वारा अनुशासनात्मक कार्रवाई नहीं किया जाना एक अहम सवाल था. लोगों ने जांच के विषय पर सवाल उठाते हुए कहा कि आखिर इस अस्पताल के प्रबंधक समिति या किसी अन्य अधिकारी को उस आउटसोर्सिंग स्टाफ का नाम व पता मालूम नहीं है. फिर किस आधार पर उन्हें डॉक्टर ने सुई लगाने की अनुमति दी. उपस्थित लोगों ने यह भी सवाल किया कि डॉ. डी.पी. रमण दन्त चिकित्सक हैं किंतु वो महिलाओं के शल्यक्रिया में क्यों रहते हैं.
उपस्थित लोगों ने मांग किया है कि घटना की संध्या जिस डॉक्टर की ड्यूटी थी उन पर सख्त कार्यवाही की जाए कि आखिर उन्होंने किस आधार पर आउटसोर्सिंग स्टाफ को सुई लगाने का आदेश दिया.
जनाधिकार पार्टी के अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ अध्यक्ष मो० मंजूर आलम ने कहा कि डॉ. डी.पी. रमण के आदेश पर एक आउटसोर्सिंग स्टाफ मरीज को सुई लगाया है, जिनका काम वो नहीं है उससे क्यों ऐसा करवाया जाता है. जब ड्यूटी डा. डी.पी. रमण की थी तो क्यों नहींह वो मरीज का इलाज किया. उन्होंने उनपर ड्यूटी से गायब रहने का आरोप लगाते हुए कहा कि जो भी उनके खिलाफ शिकायत या आवाज़ उठाते हैं तो उनको फर्जी मुकदमा करके फँसाया जाता है. उन्होंने मांग की है कि मामले में ड्यूटी पर मौजूद डॉक्टर पर कार्यवाही की जाय.
निरीक्षण के बाद सिविल सर्जन ने बताया कि जिन पर आरोप लगा है वो यहाँ उपलब्ध नहीं है. जो मरीज था वो बुखार से ग्रसित था जिसे ड्रेसिंग जैसी उपचार करने की कोई जरुरत नहीं थी. स्थानीय लोगों के द्वारा पूछे गए सवाल पर उन्होंने कहा कि अगर ऐसी बात है तो चिकित्सा प्रभारी पदाधिकारी को निर्देश दिया गया है कि इन सभी बातों का ध्यान रखे.
पीड़ित नवविवाहिता ने आउटसोर्सिंग स्टाफ विश्वास नाम के व्यक्ति पर छेड़खानी का मामला थाना में दर्ज करवाया था. इस मामले को लेकर मंगलवार को मधेपुरा सिविल सर्जन ने पीएचसी पहुंचकर पीड़िता एवं उनके परिजनों का बयान लिया और चिकित्सा कर्मियों से घटना के बारे में विस्तृत जानकारी ली.
मौके पर उपस्थित लोगों ने सिविल सर्जन से पीएचसी में कार्यरत डॉ. डी.पी. रमन की हमेशा ड्यूटी से गायब रहने की बात बतायी साथ ही कहा कि ऐसे चिकित्सक पर वरीय पदाधिकारी द्वारा अनुशासनात्मक कार्रवाई नहीं किया जाना एक अहम सवाल था. लोगों ने जांच के विषय पर सवाल उठाते हुए कहा कि आखिर इस अस्पताल के प्रबंधक समिति या किसी अन्य अधिकारी को उस आउटसोर्सिंग स्टाफ का नाम व पता मालूम नहीं है. फिर किस आधार पर उन्हें डॉक्टर ने सुई लगाने की अनुमति दी. उपस्थित लोगों ने यह भी सवाल किया कि डॉ. डी.पी. रमण दन्त चिकित्सक हैं किंतु वो महिलाओं के शल्यक्रिया में क्यों रहते हैं.
उपस्थित लोगों ने मांग किया है कि घटना की संध्या जिस डॉक्टर की ड्यूटी थी उन पर सख्त कार्यवाही की जाए कि आखिर उन्होंने किस आधार पर आउटसोर्सिंग स्टाफ को सुई लगाने का आदेश दिया.
जनाधिकार पार्टी के अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ अध्यक्ष मो० मंजूर आलम ने कहा कि डॉ. डी.पी. रमण के आदेश पर एक आउटसोर्सिंग स्टाफ मरीज को सुई लगाया है, जिनका काम वो नहीं है उससे क्यों ऐसा करवाया जाता है. जब ड्यूटी डा. डी.पी. रमण की थी तो क्यों नहींह वो मरीज का इलाज किया. उन्होंने उनपर ड्यूटी से गायब रहने का आरोप लगाते हुए कहा कि जो भी उनके खिलाफ शिकायत या आवाज़ उठाते हैं तो उनको फर्जी मुकदमा करके फँसाया जाता है. उन्होंने मांग की है कि मामले में ड्यूटी पर मौजूद डॉक्टर पर कार्यवाही की जाय.
निरीक्षण के बाद सिविल सर्जन ने बताया कि जिन पर आरोप लगा है वो यहाँ उपलब्ध नहीं है. जो मरीज था वो बुखार से ग्रसित था जिसे ड्रेसिंग जैसी उपचार करने की कोई जरुरत नहीं थी. स्थानीय लोगों के द्वारा पूछे गए सवाल पर उन्होंने कहा कि अगर ऐसी बात है तो चिकित्सा प्रभारी पदाधिकारी को निर्देश दिया गया है कि इन सभी बातों का ध्यान रखे.
छेड़खानी मामले में जाँच करने मधेपुरा सिविल सर्जन पहुंचे मुरलीगंज, पीएचसी के कई पहलुओं की किया जांच
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
October 30, 2018
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