इस गाँव को आजादी के 70 वर्षों बाद भी मुख्य सड़क से जोड़ने के लिए एक सड़क मय्यसर नहीं: पोलियो ड्रॉप का कर रहे थे बहिष्कार

मधेपुरा जिला के चौसा प्रखंड अन्तर्गत बिंद टोली को आजादी के 70 वर्षों बाद भी इस गाँव को मुख्य सड़क से जोड़ने के लिए एक सड़क तक मय्यसर नहीं हुआ.

भले ही अलग-अलग बड़ी राजनीतिक पार्टी अपनी अपनी विकास के लिए खुद पीठ थपथपाती हो, विकास के बड़े बड़े वादे करती हो.

सड़क नहीं होने के कारण इन गाँव वाले ने राष्ट्रीय कार्य पोलियो ड्राप का बहिष्कार कर अपने बच्चे के भी भविष्य से खिलवाड़ करने का कदम उठा लिया. मालूम हो कि पिछले रविवार से पोलियो ड्राप का अभियान जो चालू हुआ हैं उसका इन गाँव वालों ने बहिष्कार कर दिया. लोगों का कहना था की जब हम लोगों को मुख्यालय तक जाने का एक अच्छी सड़क तक नहीं है तो बच्चे पोलियो ड्राप नहीं पीयेगा तो क्या होगा.

गांव वालों का कहना है कि इस सड़क के लिए हम लोगों ने प्रखंड से लेकर जिला पदाधिकारी को दर्जनों बार आवेदन देकर गुहार लगाया लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ कोई सुधि तक नहीं लिया गया. आखिर तक हम लोग एक सड़क के लिए बहुत जद्दोजहद किये लेकिन कुछ भी नहीं हुआ. आज मजबूरन अपने बच्चे के भविष्य के साथ खिलवाड़ करने को मजबूर हुआ हूँ.

लगातार तीन दिनों से ग्रामीणों और प्रतिनिधि की आपस की बात-चीत और अनुमंडल पदाधिकारी एस जेड हसन के आश्वासन के बाद लोगों ने अपने बच्चों को पोलियों का ड्राप पिलाने को तैयार हुए. जिसमें चौसा प्रखंड विकास पदाधिकारी मोहम्मद इरफ़ान अकबर,चौसा प्राथमिक चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. अमित कुमार, डॉ. राजेश रंजन, प्रेम शंकर आदि मौजूद थे.
इस गाँव को आजादी के 70 वर्षों बाद भी मुख्य सड़क से जोड़ने के लिए एक सड़क मय्यसर नहीं: पोलियो ड्रॉप का कर रहे थे बहिष्कार इस गाँव को आजादी के 70 वर्षों बाद भी मुख्य सड़क से जोड़ने के लिए एक सड़क मय्यसर नहीं: पोलियो ड्रॉप का कर रहे थे बहिष्कार Reviewed by मधेपुरा टाइम्स on August 07, 2018 Rating: 5

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