अफरातफरी: एमडीएम का खाना बनाने के क्रम में सिलेंडर में अचानक लगी आग, घटना के वक्त विद्यालय में थे सवा सौ बच्चे
सुपौल। इंडो-नेपाल सीमा अवस्थित कुनौली थाना क्षेत्र के प्राथमिक विद्यालय कुनौली पूरब के रसोईघर में मंगलवार की दोपहर एमडीएम का खाना बनाने के क्रम में सिलेंडर में अचानक आग लग गई।
सिलेंडर के रेगुलेटर में लगे अचानक आग तेजी फैलने लगा। आग की लपटे देख रसोइया के चीखने चिल्लाने पर विद्यालय के बच्चों में अफरा-तफरी का माहौल व्याप्त हो गया। बच्चे आग-आग चिल्लाते विद्यालय से भागने लगे। बच्चों की आवाज पर आसपास के दर्जनों लोग विद्यालय पहुंचे। जिनके द्वारा आग पर काबू किये जाने का प्रयास किया जाने लगा। लेकिन सिलेंडर के ब्लास्ट होने के डर से लोग वहां नहीं पहुंच रहे थे।
इसी बीच स्कूल के अग्निशामक यंत्र का भी प्रयोग किया गया लेकिन आग पर पूर्ण रूपने काबू नहीं पाया गया। इसके बाद ग्रामीणों ने पाट की बोरियां भींगा कर आग लगे सिलेंडर पर फेंकना शुरू किया। इसके बाद आग की लपटे कम होने लगी।
सिलेंडर के आग की लपटें कम होने के बाद रसोइया उर्मिला देवी ने हिम्मत व सूझबुझ का परिचय देते आग लगे सिलेंडर को विद्यालय के समीप बने पोखर में फेंक दिया। इसके बाद लोगों ने राहत की सांस ली। गौरतलब है कि घटना के वक्त विद्यालय में करीब 125 बच्चे अपने-अपने वर्ग कक्ष में अध्ययनरत थे। इस घटना में किसी की हताहत की सूचना नहीं है।
स्थानीय लोगों ने बताया कि वर्ग कक्ष के समीप बने रसोई घर में लगे आग से बड़ा हादसा सामने आ सकता था। ऐसी घटना की पुर्नावृति ना हो इसके लिए खाना बनाने से पूर्व सिलेंडर, पाइप एवं रेगुलेटर की जांच आवश्यक की जानाी चाहिए। वहीं बीईओ परमानंद यादव ने बताया कि विद्यालय में आग लगने की सूचना मिली है। जांच कर उचित कार्रवाई की जायेगी।
(नि. सं.)
सिलेंडर के रेगुलेटर में लगे अचानक आग तेजी फैलने लगा। आग की लपटे देख रसोइया के चीखने चिल्लाने पर विद्यालय के बच्चों में अफरा-तफरी का माहौल व्याप्त हो गया। बच्चे आग-आग चिल्लाते विद्यालय से भागने लगे। बच्चों की आवाज पर आसपास के दर्जनों लोग विद्यालय पहुंचे। जिनके द्वारा आग पर काबू किये जाने का प्रयास किया जाने लगा। लेकिन सिलेंडर के ब्लास्ट होने के डर से लोग वहां नहीं पहुंच रहे थे।
इसी बीच स्कूल के अग्निशामक यंत्र का भी प्रयोग किया गया लेकिन आग पर पूर्ण रूपने काबू नहीं पाया गया। इसके बाद ग्रामीणों ने पाट की बोरियां भींगा कर आग लगे सिलेंडर पर फेंकना शुरू किया। इसके बाद आग की लपटे कम होने लगी।
सिलेंडर के आग की लपटें कम होने के बाद रसोइया उर्मिला देवी ने हिम्मत व सूझबुझ का परिचय देते आग लगे सिलेंडर को विद्यालय के समीप बने पोखर में फेंक दिया। इसके बाद लोगों ने राहत की सांस ली। गौरतलब है कि घटना के वक्त विद्यालय में करीब 125 बच्चे अपने-अपने वर्ग कक्ष में अध्ययनरत थे। इस घटना में किसी की हताहत की सूचना नहीं है।
स्थानीय लोगों ने बताया कि वर्ग कक्ष के समीप बने रसोई घर में लगे आग से बड़ा हादसा सामने आ सकता था। ऐसी घटना की पुर्नावृति ना हो इसके लिए खाना बनाने से पूर्व सिलेंडर, पाइप एवं रेगुलेटर की जांच आवश्यक की जानाी चाहिए। वहीं बीईओ परमानंद यादव ने बताया कि विद्यालय में आग लगने की सूचना मिली है। जांच कर उचित कार्रवाई की जायेगी।
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Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
July 24, 2018
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