सुपौल। संघ लोक सेवा आयोग की परीक्षा में सुपौल की एक बेटी ने सफलता अर्जित कर इलाके और कोसी सहित राज्य का नाम रौशन किया है।
संघ लोक सेवा आयोग की परीक्षा में376 वां रैंक लाकर सदर प्रखंड के कर्णपुर गांव के सरिता मिश्रा एवं
मिथिलेश मिश्रा की होनहार बेटी श्वेता मिश्रा की सफलता से पूरे गांव में जश्न का
माहौल है। वहीं चहुंओर इस बेटी की सफलता और लगन की प्रशंसा हो रही है।
धनबाद में हुई प्रारंभिक शिक्षा: वर्ष 1990 में श्वेता के पिता धनबाद स्थित
बीसीसीएल में नौकरी करने के बाद अपने पूरे परिवार के साथ धनबाद में रहने लगे। वहीं
श्वेता की प्रारंभिक शिक्षा हुई। बचपन से पढ़ाई के प्रति लगनशील श्वेता को कदम दर
कदम सफलता मिलती रही। कठिन परिश्रम और लगनशीलता के बदोलत ही श्वेता बारहवीं की
परीक्षा में झारखंड टाॅप रह चुकी है।
लेडी श्री राम काॅलेज से स्नातक की डिग्री लेने के बाद वह डीयू से इंटरनेशल लाॅ
की भी डिग्री हासिल की। फिलहाल श्वेता इंटेलिजेंस विभाग में विगत दो वर्षों से कार्यरत हैं। वहीं उसका
छोटा भाई बैंगलोर में एक कंपनी में कंप्यूटर इंजीनियर के पद पर कार्यरत हैं।
बेटी बोझ नहीं रौशनी होती है: बेटी की सफलता से हर्षित मिथिलेश मिश्रा बताते
हैं कि बेटी बोझ नहीं जग को रौशनी करती है। लिहाजा हर लोगों को बेटी कि शिक्षा पर
ध्यान देना चाहिए। कहते हैं बच्चों को पढ़ाई में उन्हें कई प्रकार की कठिनाइयां झेल
चुके हंै। लेकिन वह हिम्मत नहीं हारे। बेटी और बेटा के शिक्षा के प्रति वह हमैशा
तत्पर रहे। बताते हैं कि आर्थिक स्थिति कमजोर रहने के कारण ही वह गांव में एक
अच्छा से घर नहीं बना सके।
घरेलू कार्य से कर्णपुर आये उन्हें जब शुक्रवार की देर संध्या बेटी की सफलता की
सूचना मिली तो वह अपने आप को काफी गौरवान्वित महसूस करते कहा कि अब उनके दुःख के
दिन बीत गये।
(नि. सं.)
बेटी बोझ नहीं, होती है रौशनी: सुपौल की बेटी श्वेता ने यूपीएससी में पायी सफलता
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
April 28, 2018
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