मधेपुरा जिले के पुरैनी को प्रखंड बने 24 वर्ष होने को है लेकिन
प्रखंड मुख्यालय को एक अदद हाईस्कूल की अबतक दरकार है।
सन् 1994 मे प्रखंड
स्थापित हुआ लेकिन लगभग पन्द्रह से बीस हजार की जनसंख्या वाले मुख्यालय में अबतक
एक हाईस्कूल की स्थापना नहीं की जा सकी है।
ऐसे में हाईस्कूल की पढ़ाई करने वाले बच्चों को काफी कठिनाई का सामना करना पड़
रहा है। यहां के बच्चों को हाईस्कूल की शिक्षा अर्जित करने के लिए मुख्यालय से दो
कोस की दूरी तय कर नयाटोला जाना पड़ता है। मुख्यालय मे
हाईस्कूल नहीं रहने से सबसे अधिक नुकसान छात्राओं को उठाना
पड़ रहा है। सुदूरवर्ती गांव की छात्राएं हाईस्कूल की शिक्षा से वंचित हो जा रहीं
हैं अन्यथा उन्हें अन्यत्र रह कर पढ़ाई करनी पड़ रही। मुख्यालय वासियों ने हाईस्कूल
की मांग जन प्रतिनिधियों से लेकर अधिकारियों तक की है पर नतीजा अब तक शून्य है।
और बड़ी विडंबना है कि जिस प्रखंड अन्तर्गत बिहार सरकार में 15 वर्ष सूबे के मंत्री
पद पर काबिज रहे और वर्तमान मे भी विधायक है नरेन्द्र नारायण यादव जैसे कद्दावर
नेता हो बावजूद एक अदद हाईस्कूल को मुख्यालय तरस रहा है और आलम यह है की अंततः
उनके पार्टी के नेता ने हाईस्कूल को लेकर चरणबद्ध तरीके से आंदोलन की चेतावनी दी
है ।
बता दें कि पुरैनी मुख्यालय में उच्च विद्यालय की स्वीकृति
नहीं मिलने पर जदयू जल श्रमिक प्रकोष्ठ के जिलाध्यक्ष विनोद कांबली निषाद के
नेतृत्व मे 20
दिसंबर से जिला मुख्यालय में आमरण अनशन करेंगे। शिक्षाविद एवं सामाजिक सरोकार रखने
वाले उक्त जदयू नेता ने प्रेस विज्ञप्ति प्रेषित कर जानकारी दी। साथ ही साथ
उन्होंने इसको लेकर लगभग दो सौ ग्रामीणों का हस्ताक्षर आवेदन जिलाधिकारी को
प्रेषित किये जाने की बात कही।
मुख्यालय निवासी जल श्रमिक प्रकोष्ठ के जिलाध्यक्ष विनोद काम्बली निषाद ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर
बताया कि मुख्यालय के सबसे बड़ी आबादी वाला गांव पुरैनी एवं गणेशपुर है। यहां नये
उच्च विद्यालय की स्थापना को लेकर कई वर्षो से ग्रामीणों द्वारा जिलाधिकारी एवं
शिक्षा के वरीय पदाधिकारी को भी आवेदन दिया गया था । लेकिन मुख्यालय में जिला प्रशासन
द्वारा उच्च विद्यालय की स्वीकृति न देकर एक बड़ी आबादी वाले गांव के साथ भेदभाव
किया जा रहा है। जबकि इस पुरैनी एवं आसपास से प्रतिदिन सैकड़ों बच्चे लंबी दूरी तय
कर
शिक्षा ग्रहण करने जाते हैं जिस दौरान वे कई बार जहां
दुर्घटना के शिकार होते है वहीँ परिजन भी घर लौटने तक सहमे रहते है ।
अगर जिला प्रशासन द्वारा इस मामले पर 20 दिसंबर तक विचार नहीं किया गया तो
हाईस्कूल को लेकर चरणबद्ध तरीके से आन्दोलन करेंगे।
आखिर कब होगा पुरैनी मुख्यालय को हाईस्कूल नसीब ? होगा आमरण अनशन
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
December 06, 2017
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