
मधेपुरा
जिले
आलमनगर प्रखंड के इटहरी पंचायत
के कोरचक्का वासा में अनुमंडल स्तरीय संतमत सत्संग का 22
वां अधिवेशन का उद्धाटन जिला परिषद अध्यक्षा मंजू देवी ने फीता काट कर किया.
इस
दौरान जिप अध्यक्षा मंजु देवी को जिप सदस्या
रेखा देवी एवं मुरलीगंज नगर परिषद अध्यक्ष श्वेत कमल उर्फ बौआ जी को सत्संग मंडली के अध्यक्ष पुलकित
सिंह ने अंग वस्त्र शॉल दे कर सम्मानित किया. उद्घाटन के उपरान्त साधू-संतो के बताये गये मार्ग पर चलाने से ही
सद्गति की प्राप्ति होती है. इनकी संगति से ही मनुष्य का जीवन धन्य हो जाता है. संतो
के वचनों को सुनकर उन्हें कर्मो में उतारना ही सत्संग है. वहीं स्वामी चतुरानंद जी
महाराज ने कहा कि मनुष्य के कर्मों से ही उसकी पहचान बनती है इसलिए अच्छे कार्य
करें. कर्म ही मनुष्य को महान बनाता है. दूसरे की सेवा करना ही सबसे बड़ा धर्म है.
निष्काम सेवा ही सबसे बड़ा सेवा है. निष्काम एवं निस्वार्थ सेवा से ही प्राणी को
मुक्ति मिलती है. मनुष्य को सद्गति के लिए काम,
क्रोध, लोभ एवं मोह का त्याग करने पर ही
परमात्मा गले लगाता है.
उन्होंने
उपस्थित श्रद्धालुओं से अपील करते हुए कहा कि गृहस्त जीवन में रहते हुए भी सदाचार
को अपनाना चाहिए. मृग तृष्णा के पीछे नहीं भागना चाहिए. वहीं स्वामी वेदानंद जी
महाराज ने कहा कि सदा सत्य बोलना चाहिए. सत्य के मार्ग पर चलने वाले को ही विजय की
प्राप्ती होती है. आज भ्रष्टाचार का बोल बाला है. मनुष्य इसमें डूबते जा रहे हैं. वे जितना इसमें डूबेंगे उतना ही वे परमात्मा से दूर होते जायेंगे.
इसलिए सबों को इससे दूर रहना चाहिए. स्वामी योगानंद जी महाराज ने कहा कि मनुष्य के
जिन्दगी में जितने भी कष्ट है,
वो मनुष्य की इच्छा के कारण हो रहा है. मनुष्य संसार के विषय
वस्तु के लोभ में इतने व्यापित हैं कि उन्हें कुछ दिखता ही नहीं है. जब तक इन्हें
इन सब चीजों से विरक्ति नहीं होगी तब तक मनुष्य का कल्याण संभव नहीं है.
इस
दौरान स्वामी प्रेमानन्द जी महाराज,
संत सत्यनारायण ब्रह्मचारी सहित दर्जनों संतों ने उपस्थित
श्रद्यालुओं को संबोधित कर उन्हें सद् ज्ञान का पाठ पढ़ाया. इस दौरान जिला पार्षद
रेखा देवी, नगर परिषद अध्यक्ष मुरलीगंज श्वेतकमल बौआ,
विश्वजीत कुमार, स्वागताध्यक्ष ई० नवीन
कुमार, राजद प्रदेश महासचिव मुन्ना यादव, पुलकित प्र० सिंह, सुनील राय, जितेन्द्र कुमार, शिवचन्द्र सिंह, अशोक प्रसाद सिंह, विनोद यादव एवं सागर चैधरी
सहित हजारों सत्संग प्रेमी मौजूद थे.
‘संतो के वचनों को सुन कर्मो में उतारना ही सत्संग’: संतमत सत्संग का 22 वां अधिवेशन
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
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November 25, 2017
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