जिंदगी और मौत से जूझ रहा लक्ष्मण अब रुपये के अभाव में सिलिगुडी से वापस अपने घर पर आख़िरी सांसे गिन रहा है। परिवार के सदस्य रुपये के लिए दर ब दर भटक रहे हैं।
पीड़ित लक्ष्मण की पत्नी ने अपना दुखड़ा सुनाते हुए कहा कि अब तो लोग हमारी जमीन भी गिरवी नही ले रहे है और रुपया नही होने के वजह से सिलीगुड़ी के पारामाउन्ट अस्पताल से डिस्चार्ज करते यह कहकर घर भेज दिया आठ रोज घर पर रखिये और रूपये का इन्तजाम कर फिर दिखाने लाइयेगा।
आरोप के मुताबिक़ मामला 9 अप्रैल का है जब रजनी पोखर टोला निवासी 45 वर्षीय लक्ष्मण साह गेंहू पिसाने जा रहे थे, उसी क्रम में बिहारीगंज विधायक निरंजन मेहता की गाड़ी से सड़क हादसे का शिकार हो गया । उन्हें क्या पता था कि उनका गंतव्य जिंदगी और मौत के बीच अटक जायेगी।
लक्ष्मण के इस हालात का जिम्मेवार कोई और नहीं बल्कि क्षेत्रीय जदयू विधायक निरंजन मेहता को ठहराया जा रहा है, जिस सम्बन्ध में पीड़ित
लक्ष्मण के परिजनों के द्वारा विधायक निरंजन मेहता के खिलाफ शिकायत मधेपुरा पुलिस कप्तान के पास गयी थी. मामला सत्ताधारी पक्ष के विधायक का होने के कारण मामले को दर्ज करने की हिमाकत पहले पुलिस के द्वारा नही की जा सकी लेकिन पुलिस कप्तान विकास कुमार के निर्देश पर मुरलीगंज थाना में मामले को दर्ज तो कर लिया गया, पर अब अनुसंधान के नाम पर टालमटोल किया जा रहा है।
सिलीगुड़ी अस्पताल से पिता के साथ लौटे लक्ष्मण के पुत्र रविशंकर कुमार ने बताया कि मुझे जानकारी मिली कि विधायक की गाड़ी ने मेरे पिताजी को ठोकर मार कर जख्मी किया गया है तो हम बिहारीगंज अस्पताल पहुंचे तो वहाँ चिकित्सकों ने बताया कि पूर्णिया ले जाओ, लेकिन बिहारीगंज पुलिस ने हमे सादे कागज पर दस्तखत करने को कहा तो हमने कहा कि इस पर तो कुछ लिखा नही है, तो पुलिस ने कहा की दस्तखत नही करोगे तो नही ले जाने देंगे. तब हमने दस्तखत कर दिया था।
अपने ही बयानों में घिरते नजर आ रहे विधायक: एक जनप्रतिनिधि विधायक की कार्यशैली पर लोग अब सवाल उठा रहे है कि जब उनकी गाड़ी से ठोकर लगने के आरोप लगाये गए तो भी विधायक गरीब घायल लक्ष्मण की खोज खबर भी उन्होंने लेना मुनासिब नही समझा। आज चौदह दिन बीतने के बाद भी उन्हें किसी भी प्रकार का सहयोग नही प्राप्त हो पाया है। इस मामले में विधायक के द्वारा मीडियाकर्मियों को दे रही अलग अलग बयानों में खुद ही घिरते नजर आ रहे है। कभी कहते है की मैं नही था, तो कभी कहते हैं कि मैं खुद उसे उठवा कर अस्पताल भेजवाया, तो कभी कहते है मेरे काफिले से ठोकर लगी है, तो कभी कहते है कि बेहोशी अवस्था में हमलोगो ने पाया। विधायक के इन सभी अलग अलग मीडियाकर्मी को दिए बयानों से विधायक के खिलाफ लोगों का शक यकीन में बदलता जा रहा है.
बोले छातापुर विधायक नीरज कुमार बबलू: विपक्ष पार्टी भाजपा छातापुर विधायक विधायक नीरज कुमार बबलू ने इस मामले कहा कि विधायक का कर्तव्य होता है कि उनकी क्षेत्र की जनता कष्ट में हो तो उनकी मदद करना। कोई गरीब अगर दुर्भाग्यवश सड़क हादसे में जिंदगी से लड़
रहा है और गरीबी के कारण परिवार बिखरने वाला है तो मानवता के नाते भी उनकी मदद करनी चाहिए और जब हादसा विधायक की गाड़ी से हुई हो तब तो तुरन्त ही उन्हें उपचार तथा उनके परिवार की मदद करनी चाहिए।
उन्होने प्रशासनिक कार्यवाही के विषय में कहा कि राज्य सरकार की प्रशासनिक व्यवस्था अकर्मण्य हो गयी है और सरकार के विधायक पर प्रशासनिक कार्यवाही होने का तो सवाल ही नही उठता है।
पीड़ित लक्ष्मण की पत्नी ने अपना दुखड़ा सुनाते हुए कहा कि अब तो लोग हमारी जमीन भी गिरवी नही ले रहे है और रुपया नही होने के वजह से सिलीगुड़ी के पारामाउन्ट अस्पताल से डिस्चार्ज करते यह कहकर घर भेज दिया आठ रोज घर पर रखिये और रूपये का इन्तजाम कर फिर दिखाने लाइयेगा।
आरोप के मुताबिक़ मामला 9 अप्रैल का है जब रजनी पोखर टोला निवासी 45 वर्षीय लक्ष्मण साह गेंहू पिसाने जा रहे थे, उसी क्रम में बिहारीगंज विधायक निरंजन मेहता की गाड़ी से सड़क हादसे का शिकार हो गया । उन्हें क्या पता था कि उनका गंतव्य जिंदगी और मौत के बीच अटक जायेगी।
लक्ष्मण के इस हालात का जिम्मेवार कोई और नहीं बल्कि क्षेत्रीय जदयू विधायक निरंजन मेहता को ठहराया जा रहा है, जिस सम्बन्ध में पीड़ित
लक्ष्मण के परिजनों के द्वारा विधायक निरंजन मेहता के खिलाफ शिकायत मधेपुरा पुलिस कप्तान के पास गयी थी. मामला सत्ताधारी पक्ष के विधायक का होने के कारण मामले को दर्ज करने की हिमाकत पहले पुलिस के द्वारा नही की जा सकी लेकिन पुलिस कप्तान विकास कुमार के निर्देश पर मुरलीगंज थाना में मामले को दर्ज तो कर लिया गया, पर अब अनुसंधान के नाम पर टालमटोल किया जा रहा है। सिलीगुड़ी अस्पताल से पिता के साथ लौटे लक्ष्मण के पुत्र रविशंकर कुमार ने बताया कि मुझे जानकारी मिली कि विधायक की गाड़ी ने मेरे पिताजी को ठोकर मार कर जख्मी किया गया है तो हम बिहारीगंज अस्पताल पहुंचे तो वहाँ चिकित्सकों ने बताया कि पूर्णिया ले जाओ, लेकिन बिहारीगंज पुलिस ने हमे सादे कागज पर दस्तखत करने को कहा तो हमने कहा कि इस पर तो कुछ लिखा नही है, तो पुलिस ने कहा की दस्तखत नही करोगे तो नही ले जाने देंगे. तब हमने दस्तखत कर दिया था।
अपने ही बयानों में घिरते नजर आ रहे विधायक: एक जनप्रतिनिधि विधायक की कार्यशैली पर लोग अब सवाल उठा रहे है कि जब उनकी गाड़ी से ठोकर लगने के आरोप लगाये गए तो भी विधायक गरीब घायल लक्ष्मण की खोज खबर भी उन्होंने लेना मुनासिब नही समझा। आज चौदह दिन बीतने के बाद भी उन्हें किसी भी प्रकार का सहयोग नही प्राप्त हो पाया है। इस मामले में विधायक के द्वारा मीडियाकर्मियों को दे रही अलग अलग बयानों में खुद ही घिरते नजर आ रहे है। कभी कहते है की मैं नही था, तो कभी कहते हैं कि मैं खुद उसे उठवा कर अस्पताल भेजवाया, तो कभी कहते है मेरे काफिले से ठोकर लगी है, तो कभी कहते है कि बेहोशी अवस्था में हमलोगो ने पाया। विधायक के इन सभी अलग अलग मीडियाकर्मी को दिए बयानों से विधायक के खिलाफ लोगों का शक यकीन में बदलता जा रहा है.
बोले छातापुर विधायक नीरज कुमार बबलू: विपक्ष पार्टी भाजपा छातापुर विधायक विधायक नीरज कुमार बबलू ने इस मामले कहा कि विधायक का कर्तव्य होता है कि उनकी क्षेत्र की जनता कष्ट में हो तो उनकी मदद करना। कोई गरीब अगर दुर्भाग्यवश सड़क हादसे में जिंदगी से लड़
रहा है और गरीबी के कारण परिवार बिखरने वाला है तो मानवता के नाते भी उनकी मदद करनी चाहिए और जब हादसा विधायक की गाड़ी से हुई हो तब तो तुरन्त ही उन्हें उपचार तथा उनके परिवार की मदद करनी चाहिए।उन्होने प्रशासनिक कार्यवाही के विषय में कहा कि राज्य सरकार की प्रशासनिक व्यवस्था अकर्मण्य हो गयी है और सरकार के विधायक पर प्रशासनिक कार्यवाही होने का तो सवाल ही नही उठता है।
पैसे के अभाव में सिलीगुड़ी से लौटा विधायक की गाड़ी की ठोकर का शिकार
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
April 23, 2017
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