
रविवार की सुबह प्रथम दिवस के प्रथम सत्र में महर्षि मेंही आश्रम कुप्पाघाट से आए स्वामी प्रमोद बाबा ने सत्संग की विशेषता का बखान करते हुए कहा कि बिना सत्संग के मानव जीवन का कल्याण नहीं हो सकता. सत्संग की महिमा पर चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि भगवान शंकर माता पार्वती के साथ सत्संग करने अगस्त ऋषि के आश्रम पहुंचे थे. अपने प्रवचन के दौरान उन्होंने मानवों के लौकिक एवम पारलौकिक ज्ञान के बारे में भी बतलाया. इसी मंच से स्वामी अरविंद बाबा महुआ बाजार ने संत कबीर साहब की वाणी मूर्ख जन कोई सार न जाने सत्संग में अमृत बरसे पर वृहद चर्चा की. अपने आराध्य देव संत गुरु महर्षि मेंही परमहंस जी महाराज की वाणी का कहकर भक्तजनों को मंत्रमुग्ध कर दिया. अपने प्रवचन के द्वारा स्वामी निर्मल आनंद बाबा स्वामी शारदानंद बाबा स्वामी राम मूर्ति बाबा ने भी नित्य प्रति सत्संग करने की सलाह दी.
पहले दिन से ही भक्तों की भीड़ अपने गुरु के प्रति श्रद्धा का प्रदर्शन कर दिखाया. सत्संग को लेकर लोगों में काफी उत्साह देखा गया. सत्संग प्रेमियों के लिए आयोजक द्वारा खाने रहने की समुचित व्यवस्था की गई थी. किसी को भी सत्संग प्रेमियों को कोई तकलीफ न हो इसके लिए आयोजकों द्वारा वृहद रूप से व्यवस्था का आयोजन किया गया था. इस अवसर पर मुरलीगंज प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के द्वारा एक एंबुलेंस की व्यवस्था की गई थी. साथ ही महिलाओं की सुरक्षा के लिए महिला पुलिसकर्मी भी इस सत्संग में उपस्थित थे.
‘बिना सत्संग के मानव जीवन का कल्याण नहीं हो सकता’: दो दिवसीय वार्षिक संतमत सत्संग
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
March 20, 2017
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