

बिहार के अधिकांश थानों के बारे में किसी से शायद ही ये बात छुपी हो कि यहाँ हर दिन लोगों की जेब में हाथ डालकर वसूली जाती है. सहरसा में हाल के दिनों में अपराध पर पुलिस का कोई नियंत्रण नहीं नहीं रहा है और और पुलिस द्वारा खुले आम लोगों से रिश्वत मांगे जाने की बात भी अक्सर सामने आती रही है. जिस थानों की वजह से गरीब जनता न्याय के लिए सड़कों पर भटक रही हो, उसकी सुन्दरता सौन्दर्यीकरण के बाद भी शायद ही निखर सकेगी. गरीबों नहीं बल्कि पूंजीपतियों और भूमाफियाओं के इशारों पर चलने वाले सदर थाना जैसे जगह का सांसद योजना की राशि से सौंदर्यकरण हो तो लोगों की आपत्ति उठनी स्वाभाविक ही लगती है. देखा जाय तो थानों और कुछ सरकारी संस्थानों पर सरकार खुद मेहरबान है और हर जिले तथा अनुमंडल में करोड़ों खर्च कर थानों का भवन और थाने में ही पुलिस अधिकारियों के लिए बहु मंजिला इमारत बनाई गई है. फिर भी सहरसा समेत बिहार के अधिकाँश थानों की पुलिस अपनी साख बचाने में नाकामयाब है.
यदि थानों जैसे जगहों की बजाय कोसी का पीएमसीएच कहे जाने वाले सदर अस्पताल का सौन्दर्यीकरण हो, जहाँ बीमार आते हों तो बात कुछ और हो. सदर अस्पताल परिसर में गाड़ियों की पार्किंग की व्यवस्था के साथ-साथ एक बड़ा गार्डन हो जहाँ गरीब मरीजों और आम जनता के लिए बैठने की व्यवस्था हो इससे बड़ा सुकून क्या हो सकता है ? लोगों को उम्मीद है सांसद महोदय की अगली निधि सदर अस्पताल समेत उन जगहों पर खर्च होगी जहाँ से गरीबों और लाचार राहत मिलने की उम्मीद बनती हो.
(सहरसा से तेजस्वी ठाकुर की रिपोर्ट)
सहरसा: सांसद योजना राशि से हो रहा सदर थाना का सौन्दर्यीकरण !
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
June 23, 2016
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