मधेपुरा जिले में कम उम्र में बाईक व चारपहिया वाहन चलाने की चाहत बड़े हादसे को न्योता दे रही है और जिला परिवहन विभाग इस मुद्दे पर मौन व्रत धारण कर बैठी हुई है.
सरकार द्वारा 18 वर्ष की आयु ड्राईविंग लाईसेंस के लिये निर्धारित की गई. है. उद्येश्य यह है कि बालिग़ होकर उम्र के इस पड़ाव पर चालक सड़क पर गाड़ी चलाते समय यातायात के नियमों का पालन कर सके. पर आए दिन सड़कों पर वाहन चलाने के दौरान हादसे का शिकार होकर कई मासूम भी अपनी जान गवां रहे हैं. बावजूद अभिभावक अपने बच्चों को कच्ची उम्र में बाईक व अन्य चार पहिया वाहन चलाने से जरा भी रोकथाम करते नजर नहीं आते हैं बल्कि कई अभिभावक तो कच्ची उम्र में वाहन चलाते देख अपने बच्चों को प्रोत्साहित करते व शाबासी देते भी नजर आ जाते हैं. जबकि ये बच्चे अनचाहे में हादसे को न्यौता दे रहे होते हैं. कई जगह तो भारी वाहनों को चलाते भी नाबालिगों को देखा जा सकता है.
मधेपुरा जिला मुख्यालय से लेकर प्रखंडों में यदि आप ऑटो चालकों पर गौर करें तो इनमे से कई आपको नाबालिग मिल जायेंगे जो शहर में छोटी-मोटी ठोकर खाते-लगाते रहते हैं और कभी-कभी इनकी तेज रफ़्तार वाहन सवारियों की जानें ले लेती हैं.
पर इन सब बातों से बेखबर मधेपुरा का परिवहन विभाग सिर्फ फाइन आदि काटकर अपना टारगेट पूरा करने में लगा हुआ है जबकि दूसरी तरफ नाबालिग चालकों के टारगेट पर आम लोगों की जिन्दगी फंसी हुई है.
सरकार द्वारा 18 वर्ष की आयु ड्राईविंग लाईसेंस के लिये निर्धारित की गई. है. उद्येश्य यह है कि बालिग़ होकर उम्र के इस पड़ाव पर चालक सड़क पर गाड़ी चलाते समय यातायात के नियमों का पालन कर सके. पर आए दिन सड़कों पर वाहन चलाने के दौरान हादसे का शिकार होकर कई मासूम भी अपनी जान गवां रहे हैं. बावजूद अभिभावक अपने बच्चों को कच्ची उम्र में बाईक व अन्य चार पहिया वाहन चलाने से जरा भी रोकथाम करते नजर नहीं आते हैं बल्कि कई अभिभावक तो कच्ची उम्र में वाहन चलाते देख अपने बच्चों को प्रोत्साहित करते व शाबासी देते भी नजर आ जाते हैं. जबकि ये बच्चे अनचाहे में हादसे को न्यौता दे रहे होते हैं. कई जगह तो भारी वाहनों को चलाते भी नाबालिगों को देखा जा सकता है.
मधेपुरा जिला मुख्यालय से लेकर प्रखंडों में यदि आप ऑटो चालकों पर गौर करें तो इनमे से कई आपको नाबालिग मिल जायेंगे जो शहर में छोटी-मोटी ठोकर खाते-लगाते रहते हैं और कभी-कभी इनकी तेज रफ़्तार वाहन सवारियों की जानें ले लेती हैं.
पर इन सब बातों से बेखबर मधेपुरा का परिवहन विभाग सिर्फ फाइन आदि काटकर अपना टारगेट पूरा करने में लगा हुआ है जबकि दूसरी तरफ नाबालिग चालकों के टारगेट पर आम लोगों की जिन्दगी फंसी हुई है.
कच्ची उम्र के बिंदास बाईकर व चारपहिया वाहन चालक दे रहे हादसे को न्योता
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
June 14, 2016
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