सुपौल स्टेट बैंक के डिप्टी मैनेजर के दुर्व्यवहार के खिलाफ फैशन ब्रांड ने उच्चाधिकारी समेत प्रधानमंत्री से की शिकायत
कोसी में कई बैंकों और बैंक अधिकारियों के व्यवहार में कमी है, ये शिकायत अक्सर सुनने को मिलती रहती है. कई जगह बैंक जरूरतमंद लोगों के मदद करने की संस्था नहीं लगती बल्कि शुद्ध बनिया भी नहीं, पुराने हिंदी फिल्मों के उस खूसट साहूकार की तरह दीखते हैं जो सामान गिरवी रख ग्राहकों को प्रताड़ित किया करते थे.बैंगलोर में रहने वाले मशहूर फैशन ब्रांड और कई बार फैशन टेक्नोलॉजी क्षेत्र में सम्मानित हो चुके सुपौल जिले के सुखपुर निवासी गोविन्द कुमार सिंह के साथ हुए ताजा वाकये ने एक बार फिर ये दिखा दिया है कि कोसी के इलाके के कुछ अधिकारियों की करतूत के कारण भी बाहर रहने वाले कई संपन्न लोग इलाके में आना नहीं चाहते. और अब सुपौल के स्टेट बैंक ऑफ इण्डिया के महावीर चौक स्थित मुख्य शाखा के डिप्टी मैनेजर के खिलाफ गोविन्द सिंह ने न सिर्फ बैंक के उच्चाधिकारियों के पास शिकायत दर्ज कराई है, बल्कि इसकी सूचना भारत के प्रधानमंत्री तक को भेजी गई है.
सुपौल एसबीआई के डिप्टी मैनेजर एन. के. ठाकुर के द्वारा उनके साथ किये गए दुर्व्यवहार के खिलाफ गोविन्द सिंह ने मधेपुरा टाइम्स को पूरी जानकारी देते हुए बताया कि काफी साल के बाद जब वे बैंगलोर से सुपौल आए तो गत 15 मार्च को वे KYC कागजात जमा नहीं होने के कारण बंद हो चुके अपने बैंक खाते को पुनर्जीवित कराने सुपौल एसबीआई की शाखा गए. शाखा की स्थिति हैरान करने वाली थी. शाखा प्रबंधक समेत कई अधिकारी अपने-अपने केबिन से गायब थे. काउंटर पर अपनी समस्या रखने पर उन्हें डिप्टी मैनेजर एन. के. ठाकुर से मिलने को कहा गया. एन. के. ठाकुर के पास जाने पर सबसे पहले उन्होंने गोविन्द को बाहर जाने और इन्तजार करने को कहा. करीब आधे घंटे के बाद जब गोविन्द फिर उनके पास गए तो उन्होंने खाते को पुनर्जीवित करने के एवज में 200/- रूपये की मांग की. रसीद मांगने पर उन्होंने रसीद देने से इनकार किया तो गोविन्द ने उनसे कहा कि आपको काम करने के लिए बैंक तनख्वाह देती है. गोविन्द ने बताया कि इतना कहना था कि डिप्टी मैनेजर एन. के. ठाकुर आग-बबूला होकर उनपर चिल्लाने लगे और अभद्र भाषा का प्रयोग करने लगे. गोविन्द के विरोध करने पर उन्होंने धमकी दी कि यहाँ से तुरंत निकल जाओ वर्ना पुलिस को बुलाकर यह कह कर एरेस्ट करवा दूंगा कि यह लुटेरा है.
गोविन्द ने जब इसकी शिकायत बैंक के ही बोर्ड पर दिए गए पटना कार्यालय के महा प्रबंधक सुजीत गुहा के
 नंबर 0612-2219891 पर करना चाहा तो पता चला नंबर ही गलत है. संपर्क नंबर किसी अन्य एजेंसी का था. फिर उसी बोर्ड पर दिए ब्रांच मैनेजार के नंबर पर बात करने पर उन्होंने फील्ड ऑफिसर मिस्टर पुष्कर से मिलने कहा. गोविन्द ने बताया कि मिस्टर पुष्कर ने उन्हें बिठाकर सारी समस्या सुनी और सम्बंधित कागजात जमा करवा कर आश्वासन दिया कि लिंक आने पर उनके खाते को एक्टिवेट कर दिया जाएगा.बता दें कि गोविन्द की फ्लाईट अगले दिन पटना से बैंगलोर के लिए थी जहाँ उन्हें एक बड़े कार्यक्रम में सम्मानित किया गया. पर सुपौल में अपने साथ हुए दुर्व्यवहार से गोविन्द काफी आहत हैं. उन्होंने चीफ मैनेजर समेत बैंक के एंटी करप्शन सेल को अपने साथ हुए दुर्व्यवहार की सूचना देते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी इस घटना की जानकारी भेजी है और लिखा है कि रूरल इलाके के लोगों का विकास ऐसे अधिकारी के रहते नहीं हो सकता जो बैंक के माध्यम से अपनी हालात सुधारने का सपना देखते हैं.
उधर आरोपों के बावत सुपौल बैंक के डिप्टी मैनेजर एन. के. ठाकुर से संपर्क साधने का प्रयास किया गया, पर उनसे संपर्क स्थापित नहीं हो सका. पर देश में फैशन की दुनियां में कोसी का नाम ऊँचा कर रहे गोविन्द कुमार सिंह के द्वारा लगाये आरोपों के बावत जांच कर कड़ी कार्यवाही की आवश्यकता तो है ही ताकि जनता के पैसे से वेतन पाने वाला कोई अधिकारी किसी के साथ दुर्व्यवहार न कर सके. ऐसी घटना से एक बात और सामने आती है कि जब एक पढ़े-लिखे लोगों के साथ इस तरह का व्यवहार हो रहा हो तो फिर गाँव के दबे-कुचलों के साथ ऐसे अधिकारी क्या करते हैं, समझने वाली बात है. (वि.सं.)
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March 22, 2016
 
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