सिंहेश्वर मंदिर न्यास समिति के कारनामों से आजिज हो कर स्थानीय लोगो ने मंदिर प्रांगण मे ही न्यास की अराजकता के खिलाफ बैठक कर मोर्चा खोल दिया है. 4 फरवरी के इस बैठक मे मंदिर न्यास को व्यवस्था के सुधार के लिये 10 सूत्री मांगों का आवेदन अध्यक्ष एंव सचिव के पास भेजा है. लोगो ने कहा कि अरबपति बाबा का अर्घा जो मंदिर की शान है, मरम्मत के अभाव मे लगभग आठ माह से नही लगा है. बाबा को अविलंब उनका वस्त्र पहनाया जाय.
लोगो ने कहा कि कुछ दिन पहले बाबा के भोग की व्यवस्था मंदिर के आसपास के लोगों ने किया तब बैठक में एक सदस्य ने यह मामला उठाया था. 7 मार्च से महाशिवरात्रि का मेला शुरू होने वाला है पर अब तक ना तो मंदिर की रंगाई-पोताई का काम शुरू हुआ है और न ही मेला ग्राउंड की सडकों की मरम्मत का काम प्रारंभ है. इन्हें मेला शुरू होने से पहले ठीक किया जाय. शिवगंगा मे हर माह लाखों लोग डुबकी लगाते है लेकिन शिवगंगा के पाट पर कजली की गहरी पैठ है जो न्यास के सदस्यों को दिखाई नही देता है. रोज रोज श्रद्धालुओं के गिरने की पुकार भी उन्हें सुनाई नही देती, उसे अविलंब साफ कराया जाय. शिवगंगा के जीर्णोद्धार के समय जेसीबी द्वारा पोखर की खुदाई के कारण शिवगंगा मे पानी का लेयर असमान है. पानी का लेयर असमान रहने के कारण श्रद्धालुओं को गहरे पानी से अचानक ही भेंट हो जाने का खतरा बना रहता है और उसमें उसमे डूबने से कई जाने भी गई है, अत: शिवगंगा के सीढ़ी के पास मजबूत जंजीर का बेरिकेटिंग लगाया जाय. मंदिर परिसर की ओर आने वाली सभी सड़कों की सफाई एवं रौशनी की समुचित व्यवस्था की जाय.
लोगो ने कहा कि शिवरात्री मेला और श्रावण भादो में लाखों की संख्या मे श्रृद्धालु आते हैं और उनके लिये एक भी नि:शुल्क धर्मशाला नही है और जो है उस पर भी पुलिस के जवानो एवं अन्य का कब्जा रहता है. श्रद्धालुओं ख़ासकर महिलाओं को खुले आसमान मे रात गुजारनी पड़ती है जो अरबपति बाबा के न्यासियो के लिये शर्म की बात है. न्यास मे स्थानीय लोगों की भागीदारी नगण्य है जिसके कारण स्थानीय समस्या का समुचित समाधान नही होता है, जिसे बढाया जाना चाहिए. मवेशी हाट के पास मुक्तिधाम बनाने के लिये कई बार प्रयास किया गया जो नहीं बन सका है, उसे अविलंब बनाया जाय. खासकर मंदिर का सबसे अहम मसला बाबा के चढावे की गिनती सीसीटीभी की निगरानी मे कराया जाय.
लोगो ने कहा कि इन मांगो की अनदेखी के बाद हम लोग न्यास के सदस्यों खिलाफ चरणबद्ध आन्दोलन करने को मजबूर हो जायेंगे.
लोगो ने कहा कि कुछ दिन पहले बाबा के भोग की व्यवस्था मंदिर के आसपास के लोगों ने किया तब बैठक में एक सदस्य ने यह मामला उठाया था. 7 मार्च से महाशिवरात्रि का मेला शुरू होने वाला है पर अब तक ना तो मंदिर की रंगाई-पोताई का काम शुरू हुआ है और न ही मेला ग्राउंड की सडकों की मरम्मत का काम प्रारंभ है. इन्हें मेला शुरू होने से पहले ठीक किया जाय. शिवगंगा मे हर माह लाखों लोग डुबकी लगाते है लेकिन शिवगंगा के पाट पर कजली की गहरी पैठ है जो न्यास के सदस्यों को दिखाई नही देता है. रोज रोज श्रद्धालुओं के गिरने की पुकार भी उन्हें सुनाई नही देती, उसे अविलंब साफ कराया जाय. शिवगंगा के जीर्णोद्धार के समय जेसीबी द्वारा पोखर की खुदाई के कारण शिवगंगा मे पानी का लेयर असमान है. पानी का लेयर असमान रहने के कारण श्रद्धालुओं को गहरे पानी से अचानक ही भेंट हो जाने का खतरा बना रहता है और उसमें उसमे डूबने से कई जाने भी गई है, अत: शिवगंगा के सीढ़ी के पास मजबूत जंजीर का बेरिकेटिंग लगाया जाय. मंदिर परिसर की ओर आने वाली सभी सड़कों की सफाई एवं रौशनी की समुचित व्यवस्था की जाय.
लोगो ने कहा कि शिवरात्री मेला और श्रावण भादो में लाखों की संख्या मे श्रृद्धालु आते हैं और उनके लिये एक भी नि:शुल्क धर्मशाला नही है और जो है उस पर भी पुलिस के जवानो एवं अन्य का कब्जा रहता है. श्रद्धालुओं ख़ासकर महिलाओं को खुले आसमान मे रात गुजारनी पड़ती है जो अरबपति बाबा के न्यासियो के लिये शर्म की बात है. न्यास मे स्थानीय लोगों की भागीदारी नगण्य है जिसके कारण स्थानीय समस्या का समुचित समाधान नही होता है, जिसे बढाया जाना चाहिए. मवेशी हाट के पास मुक्तिधाम बनाने के लिये कई बार प्रयास किया गया जो नहीं बन सका है, उसे अविलंब बनाया जाय. खासकर मंदिर का सबसे अहम मसला बाबा के चढावे की गिनती सीसीटीभी की निगरानी मे कराया जाय.
लोगो ने कहा कि इन मांगो की अनदेखी के बाद हम लोग न्यास के सदस्यों खिलाफ चरणबद्ध आन्दोलन करने को मजबूर हो जायेंगे.
सवालों में सिंहेश्वर मंदिर न्यास (6): न्यास के कारनामों ने आजिज लोगों ने दिया अल्टीमेटम
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
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February 16, 2016
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