आजकल हर धंधेबाज अपने धंधे में सिक्यूरिटी चाहते हैं. एक साथ दो धंधों का फायदा यह है कि एक में यदि परेशानी हुई तो दूसरे धंधे की मदद से सफलता हासिल कर ली जायेगी. कई चोर भी इन दिनों जब चोरी करने जाते हैं तो मामला बिगड़ने पर लूट या गृहस्वामी को डरा कर भागने का हौसला लेकर जाते हैं. ऐसे चोर अक्सर अपने साथ कोई छोटा-मोटा हथियार लेकर चोरी को अंजाम देने जाते हैं. पर कहते हैं अच्छे मन से सही दिशा में मेहनत ही सफलता की राह दिखता है, वर्ना किस्मत ने यदि धोखा दिया तो कहीं के नहीं रहेंगे.
मधेपुरा में भी एक चोर की किस्मत दगा दे गई और वह हथियार रहने के बावजूद पब्लिक के हत्थे चढ़ गया. जिले के चौसा थानाक्षेत्र के कलासन बाज़ार मे बीती रात चोरी कर रहे कोशी मेहता नामक चोर को ग्रामीणों ने धर दबोचा तो उसके साथ मे एक देसी कट्टा भी मौजूद था. बिलास मंडल का ट्यूबवेल का पप्म्प खोलते समय आसपास के लोग जग गए और उसे पकड़ लिया. चोर मेहता जी को लोगों ने कट्टा निकालकर डराने का भी मौका नहीं दिया और श्रीमान को चौसा पुलिस ने जेल की हवा खाने भेज दिया.
बाद में यह भी पता चला कि कोशी मेहता पर पहले से लूट और डकैती में हत्या के कई कांड दर्ज हैं जिनमें से चौसा थाना काण्ड संख्यां 101/1993, रतवारा थाना काण्ड संख्यां 31/1989, चौसा थाना कांड संख्यां 11/1996 भी शामिल हैं.
(रिपोर्ट: आरिफ आलम)
मधेपुरा में भी एक चोर की किस्मत दगा दे गई और वह हथियार रहने के बावजूद पब्लिक के हत्थे चढ़ गया. जिले के चौसा थानाक्षेत्र के कलासन बाज़ार मे बीती रात चोरी कर रहे कोशी मेहता नामक चोर को ग्रामीणों ने धर दबोचा तो उसके साथ मे एक देसी कट्टा भी मौजूद था. बिलास मंडल का ट्यूबवेल का पप्म्प खोलते समय आसपास के लोग जग गए और उसे पकड़ लिया. चोर मेहता जी को लोगों ने कट्टा निकालकर डराने का भी मौका नहीं दिया और श्रीमान को चौसा पुलिस ने जेल की हवा खाने भेज दिया.
बाद में यह भी पता चला कि कोशी मेहता पर पहले से लूट और डकैती में हत्या के कई कांड दर्ज हैं जिनमें से चौसा थाना काण्ड संख्यां 101/1993, रतवारा थाना काण्ड संख्यां 31/1989, चौसा थाना कांड संख्यां 11/1996 भी शामिल हैं.
(रिपोर्ट: आरिफ आलम)
अरे ये क्या!: चोरी करता पकड़ाया चोर और उसके पास था देशी कट्टा?
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
November 14, 2015
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