‘पूर्व विधायकों की उदासीनता रही क्षेत्र के पिछड़ेपन का कारण’: मधेपुरा टाइम्स के 5 सवाल में बिहारीगंज से जन अधिकार पार्टी प्रत्याशी श्वेत कमल उर्फ़ बौआ

मधेपुरा जिला के अतिमहत्वपूर्ण माने जाने वाले बिहारीगंज विधानसभा क्षेत्र से तीसरे मोर्चे के प्रत्याशी हैं जन अधिकार पार्टी के श्वेत कमल उर्फ़ बौआ. एक तरफ जहाँ एनडीए की ओर से भाजपा के प्रत्याशी रविन्द्र चरण यादव मैदान में हैं तो दूसरी तरफ महागठबंधन की तरफ से जदयू के निरंजन मेहता. ऐसे में लगातार जनप्रतिनिधि रहे बिहारीगंज विधानसभा क्षेत्र में तीसरे मोर्चे के प्रत्याशी की क्या संभावना है, हमने अपने स्थायी कॉलम ‘मधेपुरा टाइम्स के 5 सवाल’ में जानने की कोशिश की.
    21 जून 1982 को जन्मे श्वेत कमल जूलॉजी से पोस्ट ग्रेजुएट हैं और राजनीति में बतौर सामाजिक कार्यकर्ता इन्होने वर्ष 2005 में प्रवेश किया था. वर्ष 2007 में मुरलीगंज नगर पंचायत से वार्ड पार्षद चुने गए और वर्ष 2009 में तत्कालीन मुख्य पार्षद के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लगाकर श्वेत कमल उप-मुख्य पार्षद के पद पर काबिज हुए तो 2012 में ये जिला योजना समिति के सदस्य के रूप में मनोनीत हुए.
    दादा सरयुग प्रसाद यादव स्वतंत्रता सेनानी थे और निर्विरोध मुखिया रहे थे तो माँ मंजू देवी अभी जिला परिषद् की अध्यक्षा हैं और भाभी सर्जना सिद्धी मुरलीगंज नगर पंचायत की मुख्य पार्षद. क्या जवाब थे श्वेत कमल उर्फ़ बौआ के हमारी ‘मधेपुरा टाइम्स के 5 सवाल’ के अंतर्गत, पढ़ें:

सवाल नं. 1: आप लगातार मुरलीगंज नगर पंचायत से वार्ड पार्षद रहे हैं और पहली बार विधायक के लिए चुनाव मैदान में उरते हैं. क्या लगता है इस क्षेत्र का कितना विकास हुआ है और क्या कमियां रह गई विकास में?
श्वेत कमल: बिहारीगंज विधानसभा क्षेत्र ही नहीं पूरे बिहार में विकास के नाम पर सिर्फ ढिंढोरा पीता गया है. अभी आप जिस एनएच 106 से चलकर बिहारीगंज आये होंगे तो देखा होगा कि सड़क कैसी है? इलाके की सडकों पर पैदल चलना भी मुश्किल है. शिक्षा के क्षेत्र में भी इलाका अत्यंत ही पिछड़ा है. कहीं कोई विकास नहीं हुआ है.

सवाल नं.2: एक तरफ यहाँ एनडीए के प्रत्याशी मैदान में हैं तो दूसरी तरफ महागठबंधन के. ऐसे में आपको क्या लगता है कि तीसरे मोर्चे को जनता यहाँ किस तरह लेगी?
श्वेत कमल
: यहाँ एनडीए के जो प्रत्याशी हैं वो पंद्रह साल राजद की सरकार में मंत्री रहे और आज उसी सरकार के खिलाफ जंगल राज का नारा देकर वोट लेना चाह रहें हैं. उसके बाद यहाँ दस साल गठबंधन के मंत्री रहे पर क्षेत्र का कोई विकास नहीं हुआ. बिहारीगंज, ग्वालपाड़ा आदि की स्थिति अत्यंत दयनीय है. मुझे लगता है कि इस बार जनता ने परिवर्तन का मन बना लिया है और मुझे ये भी विश्वास है कि क्षेत्र के लोग जाति-पाति आदि से उठकर तीसरे मोर्चे के उम्मीदवार के रूप में मुझे वोट करने जा रही है.

सवाल नं. 3: किन मुद्दों के साथ आप चुनाव मैदान में उतरे हैं?
श्वेत कमल
: क्षेत्र में शिक्षा का विकास और सभी वर्ग के लोगों को साथ लेकर चलने के मुद्दे के साथ मैं चुनावी मैदान में हूँ.

सवाल नं.4: आपको क्या लगता है कि बिहारीगंज विधानसभा क्षेत्र की जनता किन मुद्दों पर इसबार वोट करने जा रही है?
श्वेत कमल
: जनता विकास, कर्मठता और कार्य के आधार पर वोट देने जा रही है. मुझे लगता हैं मेरे पिछले कार्य को देखकर जनता मुझे चुनने जा रही है.

सवाल नं.5: बिहारीगंज विधानसभा क्षेत्र में पूर्व में भी लगातार विधायक सूबे में मंत्री रहे हैं तो फिर यहाँ का विकास क्यों नहीं हुआ?
श्वेत कमल:
पहले के विधायक क्षेत्र में कम और पटना में अधिक रहते थे. वे पटना में सुख-सुविधा में लिप्त रहते थे और क्षेत्र में जो भी समस्याएं आती थी, उसे दूर करने की वे जरूरत नहीं समझते थे. जबकि क्षेत्र के विकास के लिए अधिक से अधिक समय क्षेत्र में देना अत्यंत आवश्यक है. पूर्व के विधायकों की क्षेत्र के प्रति उदासीनता ही इस क्षेत्र के पिछड़ेपन का सबसे बड़ा कारण रहा.
[और क्या कहा बिहारीगंज से जन अधिकार पार्टी के प्रत्याशी श्वेत कमल बौआ ने, सुनें वीडियो में, यहाँ क्लिक करें.]
(ब्यूरो रिपोर्ट)
‘पूर्व विधायकों की उदासीनता रही क्षेत्र के पिछड़ेपन का कारण’: मधेपुरा टाइम्स के 5 सवाल में बिहारीगंज से जन अधिकार पार्टी प्रत्याशी श्वेत कमल उर्फ़ बौआ ‘पूर्व विधायकों की उदासीनता रही क्षेत्र के पिछड़ेपन का कारण’: मधेपुरा टाइम्स के 5 सवाल में बिहारीगंज से जन अधिकार पार्टी प्रत्याशी श्वेत कमल उर्फ़ बौआ Reviewed by मधेपुरा टाइम्स on November 03, 2015 Rating: 5

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