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संस्थान के छात्र-छात्राओं के सवाल का जबाव देते हुए उन्होंने कहा कि- हम जितना मुंह से बोलते हैं उससे कहीं अधिक हमारी आंखे काम करती है- आंखों से दिल में उतरने की कला को जाग्रत करने की जरूरत है. इसके पूर्व कवि एवं बिहार प्रगतिशील लेखक संघ के राज्य सचिव डा. अरविन्द श्रीवास्तव ने राजशेखर के साहित्यिक एवं फिल्मी सफ़रनामें से उपस्थित दर्शक एवं श्रोताओं को रू-ब-रू कराते हुए कहा कि इन्होंने पंख से नहीं, हौसले से उड़ान भरी है. हम इनके सफलता के शिखर पर आसीन होने की कामना करते हैं. समारोह में संस्थान के निदेशक वंदन वर्मा ने गीतकार राजशेखर को संस्थान द्वारा सम्मानित करने की घोषणा की. संस्थान के अंकेक्षक विमल कुमार झा ने पाग व चादर से गीतकार राजशेखर को सम्मानित किया तथा समारोह के विशिष्ट अतिथि महाराजा हरिबल्लभ कॉलेज, सोनवर्षा के प्रधानाचार्य एवं संस्थान के संरक्षक डा. के. एस. ओझा ने उनकी रचनात्मकता को सम्मान-पत्र व मोमेंटो प्रदान कर सम्मानित किया. इस अवसर पर आयोजित कवि सम्मलेन में साहित्यकार डा. अरविन्द श्रीवास्तव, डा. एहसान शाम, डा. रामचैतन्य धीरज, नीरस झा निरंजन, स्वाति शाकम्भरी, अंजलि की कविताओं व ग़ज़लों ने कार्यक्रम को यादगार बना दिया.
देखें गीतकार राजशेखर की कविता की बानगी-
लगता है सब टूट रहा है/ पर
जब मुसहर टोली में बजते रेडियो पर
मैथिली लोकगीत की आवाज आती है
और माँ जब फोरन से दाल छौंकती है...
लगता है
सब ठीक हो जाएगा !
कवि अरविन्द श्रीवास्तव ने अपनी कई कविताओं को उपस्थित विद्वतजनों के समक्ष रखा, एक बानगी-
अच्छा लगा प्रेम में पहाड़ बनना
और अच्छा लगा
उस पहाड़ का
प्रेम में
पिघल जाना !
रंगकर्मी व संस्थान के नाट्य निर्देशक कुंदन वर्मा के नेतृत्व में कई सांस्कृतिक प्रस्तुतियाँ भी हुई. इससे पूर्व अजय वाडेकर ने स्वागत गीत से अतिथियों का स्वागत किया। कार्यक्रम की सफलता के लिए निशा, शाल्वी, प्राप्ति, चंदा, नेहा, अमित, अग्रिमा, असलम, मोनी माहि, मोनी, रूबी यादव, शालिनी, लवली सहित संस्थान के छोटे-बड़े रंगकर्मियों बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया. मौके पर राजशेखर जी के पिता श्री चंद्रशेखर भी उपस्थित थे. गीतकार राजशेखर के सहरसा आगमन से यहाँ की सांस्कृतिक जमीन को एक नयी ऊर्जा मिलेगी.. बेशक !
(नि.सं.)
'लगता है सब ठीक हो जाएगा...': राजशेखर
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
November 29, 2015
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