नाबालिग के साथ बलात्कार कर हत्या कर देने जैसे संगीन मामले में एक बार फिर कानून का डंडा चला और मधेपुरा के एक न्यायालय में मुख्य आरोपी को 45 साल के सश्रम कारावास की सजा सुना दी है.
घटना मधेपुरा जिले के मुरलीगंज थानाक्षेत्र के तमोट परसा गाँव में 23 जून 2012 को घटी थी. करीब 3 बजे दिन में महज 13 साल की गुड़िया (बदला नाम) के घर गाँव का ही छोटू यादव यह जानकर घुस गया था कि घर में अभी सिर्फ गुड़िया और उसका छोटा भाई ही है. माँ पूर्णियां जिले के चम्पानगर किसी सम्बन्धी के घर एक समारोह में भाग लेने गई थी और पिता पंजाब मजदूरी करने. छोटू यादव ने गुड़िया और उसके दस वर्षीय भाई को डराते हुए पहले तो भाई के मुंह में कपड़ा ठूंसकर उसे खूटे से बाँध दिया और उसके सामने ही जमीन पर पटक कर गुड़िया की इज्जत लूट ली थी. गुड़िया ने दमभर विरोध किया, पर उसकी एक न चली. पर गुस्से में छोटू ने गुड़िया को जबरन जहर खिला दिया. शाम में गुड़िया की माँ जब वापस आई तो छोटा बेटा खूंटे से बंधा और गुड़िया जमीन पर दम तोड़ने की स्थिति में थी. गाँव के चिकित्सक को बुलाया गया, पर तबतक मासूम इस दुनियां को छोड़कर जा चुकी थी.
घटना के बाद बलात्कारी हत्यारे का साथ देते हुए उसके भाइयों दिलीप यादव, रमेश यादव, सोमन यादव और डोमन यादव ने लाश को जबरन जलवा दिया था और दबंगई के बल पर मुकदमा दर्ज होने नहीं दे रहा था. मामले ने जब तूल पकड़ा तो मुरलीगंज पुलिस ने मामला थाना काण्ड संख्यां 110/2012 के रूप में दर्ज किया जो बाद में सत्रवाद संख्यां 18/2014 के रूप में परिणत होकर मधेपुरा के प्रथम अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश प्रभु दयाल गुप्ता की न्यायालय में सुनवाई के लिए पहुंचा.
मामले में गवाहों और परिस्थितिजन्य साक्षों के आधार पर विद्वान् न्यायाधीश ने आज छोटू यादव को धारा भारतीय दंड संहिता की 376 (बलात्कार) के तहत 10 साल की सश्रम कारावास की सजा और 5 हजार रूपये का अर्थदंड, धारा 328 (जहर खिलाने) के तहत 10 वर्ष की सजा और 5 हजार रूपये का अर्थदंड, धारा 302 (हत्या) में 20 वर्ष की सजा और 10 हजार रूपये दंड तथा धारा 201 (षड्यंत्र) में 5 साल की सजा और 2 हजार रूपये अर्थदंड की सजा दी गई. जबकि साजिश में शामिल बाकी चार दोषियों को आईपीसी की धारा 201 में दोषी पाकर 5-5 साल की सजा एवं 2-2 हजार रूपये का अर्थदंड लगाया गया है.
न्यायालय द्वारा छोटू यादव को दिए गए सजा में सबसे अहम् बात यह रही कि जहाँ सामान्यतया अलग-अलग धाराओं में दी गई सजाओं के साथ-साथ चलने का आदेश दिया जाता है वहीं इस संगीन और समाज को दहला देने वाली घटना में सभी सजाएं अलग-अलग चलने का आदेश कोर्ट ने दिया है. इस तरह बलात्कारी और हत्यारे छोटू यादव को कुल 45 साल सलाखों के पीछे रहना होगा और 22 हजार रूपये दंड भी देने होंगे. दंड के रूपये नहीं देने पर अलग से अधिक कारावास की सजा भुगतनी होगी.
‘रेप विद मर्डर’ के इस जघन्य काण्ड में न्याय की एक बार फिर जीत हुई है और ऐसी सजा ऐसे अन्य कुकर्मियों के दुस्साहस को तोड़ने वाला साबित हो सकता है.
(वि.सं.)
घटना मधेपुरा जिले के मुरलीगंज थानाक्षेत्र के तमोट परसा गाँव में 23 जून 2012 को घटी थी. करीब 3 बजे दिन में महज 13 साल की गुड़िया (बदला नाम) के घर गाँव का ही छोटू यादव यह जानकर घुस गया था कि घर में अभी सिर्फ गुड़िया और उसका छोटा भाई ही है. माँ पूर्णियां जिले के चम्पानगर किसी सम्बन्धी के घर एक समारोह में भाग लेने गई थी और पिता पंजाब मजदूरी करने. छोटू यादव ने गुड़िया और उसके दस वर्षीय भाई को डराते हुए पहले तो भाई के मुंह में कपड़ा ठूंसकर उसे खूटे से बाँध दिया और उसके सामने ही जमीन पर पटक कर गुड़िया की इज्जत लूट ली थी. गुड़िया ने दमभर विरोध किया, पर उसकी एक न चली. पर गुस्से में छोटू ने गुड़िया को जबरन जहर खिला दिया. शाम में गुड़िया की माँ जब वापस आई तो छोटा बेटा खूंटे से बंधा और गुड़िया जमीन पर दम तोड़ने की स्थिति में थी. गाँव के चिकित्सक को बुलाया गया, पर तबतक मासूम इस दुनियां को छोड़कर जा चुकी थी.
घटना के बाद बलात्कारी हत्यारे का साथ देते हुए उसके भाइयों दिलीप यादव, रमेश यादव, सोमन यादव और डोमन यादव ने लाश को जबरन जलवा दिया था और दबंगई के बल पर मुकदमा दर्ज होने नहीं दे रहा था. मामले ने जब तूल पकड़ा तो मुरलीगंज पुलिस ने मामला थाना काण्ड संख्यां 110/2012 के रूप में दर्ज किया जो बाद में सत्रवाद संख्यां 18/2014 के रूप में परिणत होकर मधेपुरा के प्रथम अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश प्रभु दयाल गुप्ता की न्यायालय में सुनवाई के लिए पहुंचा.
मामले में गवाहों और परिस्थितिजन्य साक्षों के आधार पर विद्वान् न्यायाधीश ने आज छोटू यादव को धारा भारतीय दंड संहिता की 376 (बलात्कार) के तहत 10 साल की सश्रम कारावास की सजा और 5 हजार रूपये का अर्थदंड, धारा 328 (जहर खिलाने) के तहत 10 वर्ष की सजा और 5 हजार रूपये का अर्थदंड, धारा 302 (हत्या) में 20 वर्ष की सजा और 10 हजार रूपये दंड तथा धारा 201 (षड्यंत्र) में 5 साल की सजा और 2 हजार रूपये अर्थदंड की सजा दी गई. जबकि साजिश में शामिल बाकी चार दोषियों को आईपीसी की धारा 201 में दोषी पाकर 5-5 साल की सजा एवं 2-2 हजार रूपये का अर्थदंड लगाया गया है.
न्यायालय द्वारा छोटू यादव को दिए गए सजा में सबसे अहम् बात यह रही कि जहाँ सामान्यतया अलग-अलग धाराओं में दी गई सजाओं के साथ-साथ चलने का आदेश दिया जाता है वहीं इस संगीन और समाज को दहला देने वाली घटना में सभी सजाएं अलग-अलग चलने का आदेश कोर्ट ने दिया है. इस तरह बलात्कारी और हत्यारे छोटू यादव को कुल 45 साल सलाखों के पीछे रहना होगा और 22 हजार रूपये दंड भी देने होंगे. दंड के रूपये नहीं देने पर अलग से अधिक कारावास की सजा भुगतनी होगी.
‘रेप विद मर्डर’ के इस जघन्य काण्ड में न्याय की एक बार फिर जीत हुई है और ऐसी सजा ऐसे अन्य कुकर्मियों के दुस्साहस को तोड़ने वाला साबित हो सकता है.
(वि.सं.)
बलात्कार और हत्या के मामले में मिली 45 साल की सजा
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
September 08, 2015
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