मधेपुरा के सिविल सर्जन डा० जे० पी० मंडल औरसदर
अस्पताल के डीपीएम मो० इमरान के बीच विवाद सुलझने की बजाय उलझ गया. दोनों पक्षों
ने एक दूसरे के खिलाफ थाने में मुकदमा दर्ज कराने के लिए आवेदन दे दिया है.
सिविल
सर्जन के द्वारा डीपीएम के खिलाफ दिए आवेदन ने कहा गया है कि मेरे वेश्म में
कुर्सी लगाकर बैठने पर जब मैंने डीपीएम से पूछा कि आप मेरे वेश्म में क्यों बैठे
हैं तो डीपीएम मो० इमरान ने अपने स्थानीय रंजन डायग्नोस्टिक सेंटर से कुछ स्टाफ को
बुलवा कर गाली-गलौज करवाया. हंगामा बढ़ने पर कुछ
अल्पसंख्यक समुदाय के लोग मुझे तथा
मेरे सहयोगियों को घेर लिया और डीपीएम (जिला कार्यक्रम प्रबंधक) द्वारा माहौल
बिगाड़ने के लिए सामुदायिक हवा दिया गया जिससे वहाँ दो समुदाय में दंगे की स्थिति
बनने लगी. तब वे भागकर अपनी जान बचाए. सीएस ने आरोप लगाया कि डीपीएम ने बाहरी लोग
मो० रफीक आलम, मो० दिलशाद आलम, मो० गुड्डू, सद्दाम, अफरोज आदि को नारेबाजी के लिए
बुला लिया. सिविल सर्जन ने आवेदन में कहा है कि अविलम्ब प्राथमिकी दर्ज की जाय,
किसी भी समय कोई घटना घट सकती है.
अल्पसंख्यक समुदाय के लोग मुझे तथा
मेरे सहयोगियों को घेर लिया और डीपीएम (जिला कार्यक्रम प्रबंधक) द्वारा माहौल
बिगाड़ने के लिए सामुदायिक हवा दिया गया जिससे वहाँ दो समुदाय में दंगे की स्थिति
बनने लगी. तब वे भागकर अपनी जान बचाए. सीएस ने आरोप लगाया कि डीपीएम ने बाहरी लोग
मो० रफीक आलम, मो० दिलशाद आलम, मो० गुड्डू, सद्दाम, अफरोज आदि को नारेबाजी के लिए
बुला लिया. सिविल सर्जन ने आवेदन में कहा है कि अविलम्ब प्राथमिकी दर्ज की जाय,
किसी भी समय कोई घटना घट सकती है.
उधर
सिविल सर्जन डा० जे० पी० मंडल के खिलाफ दिए आवेदन में डीपीएम मो० इमरान ने कहा है
कि सिविल सर्जन ने उनसे कहा कि तुम्हारी औकात क्या है, तुम मेरे चेंबर में क्यों
बैठे. फिर उन्होंने स्टाफ बुलाकर मुझे कॉलर पकड़ कर बाहर निकालने को कहा. सीएस ने
धमकी दी कि तुम्हें हरिजन एक्ट में फंसा दूंगा. कर्मियों ने मुझसे हाथापाई भी की.
मामला
थाना तक जा पहुंचा है और सदर अस्पताल आज अचानक दोपहर से शाम तक इस विवाद में गर्म
हो उठा है.
सीएस बनाम डीपीएम: दोनों तरफ से संगीन आरोपों में एफआईआर के लिए आवेदन
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
July 01, 2015
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July 01, 2015
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