जिले में सरकारी स्कूलों की बदहाली किसी से छुपी नहीं है. जिले भर के अधिकाँश स्कूलों
में शिक्षकों के देर से आने और सही ढंग से शिक्षण कार्य नहीं करने की वजह से सरकारी
स्कूल में पढ़ने वाले अधिकांश बच्चों का शैक्षणिक विकास अधूरा रह जाता है.
जिले के मुरलीगंज प्रखंड के नाढ़ी-खाड़ी
पंचायत के मध्य विद्यालय खाड़ी में भी शिक्षकों के देर से आने की शिकायत जिला शिक्षा
पदाधिकारी से की गई है. आरोप है कि इस विद्यालय में अधिकांश शिक्षक स्कूल खुली रहने
पर दिन के ग्यारह बजे के बाद ही आते हैं. भारतीय जनता युवा मोर्चा के जिला उपाध्यक्ष
चन्दन कुमार यादव बताते हैं कि उन्होंने इस स्कूल की बदहाली और शिक्षकों की मनमानी
के सम्बन्ध में जब जिला शिक्षा अधीक्षक को लिखित में जांच करने का आवेदन दिया तो उन्हें
स्कूल के एक शिक्षक द्वारा धमकाया जाने लगा. जिले में ऐसे विद्यालयों की संख्यां भी
कम नहीं जहाँ कई शिक्षक स्थानीय होने के कारण ‘लोकल पॉलिटिक्स’ में व्यस्त रहते हैं और पढ़ाई के काम में रुचि नहीं दिखाते
हैं.
यदि देखा जाय तो जिले में शिक्षा की
स्थिति में हाल के वर्षों में भले ही सुधार दिखे हों, पर सरकारी स्कूलों की शिक्षा
में और भी उल्लेखनीय प्रगति दर्ज की जा सकती है यदि ऐसे शिक्षकों की मनमानी पर लगाम
लगाने की पहल शिक्षा विभाग करे.(नि० सं०)
शिक्षकों के देर से आने के कारण विद्यालय की शिक्षा व्यवस्था चौपट
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
May 23, 2015
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