जिले में भ्रष्टाचार के खिलाफ एक लंबी और सशक्त लड़ाई
लड़ने वाले दो आरटीआई कार्यकर्ताओं के
खिलाफ एक ‘अगलग्गी’ का मुकदमा दर्ज कराया गया है.
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जिला
क्या, सूबे और पूरे देश में भ्रष्टाचार अपनी जड़ इतनी गहरी जमा चुका है, जिसका समूल
नाश शायद कभी संभव न हो. भ्रष्टतंत्र कहें या लूटतंत्र, पूरी तरह हावी है और इससे
लड़ना आम आदमी के बूते की चीज नहीं रह गई है. कुछ अपवादों को छोड़कर, कहते हैं कि जिन्होंने
काली कमाई का अकूत धन जमा कर लिए हैं, उनके लिए सबकुछ मैनेज करना आसान होता है.
मधेपुरा
जिले के बिहारीगंज थाना में दो आरटीआई कार्यकर्ताओं के खिलाफ सरौनी कला गाँव के
दिनेश कुमार नाम के व्यक्ति ने थाने में बिहारीगंज थाना कांड संख्यां 56/2015 एक
मुकदमा दर्ज कराया है जिसमें विपीन कुमार मेहता और राजीव कुमार गुप्ता पर आरोप
लगाया गया है कि दोनों ने उसके घर में आग लगा दिया और भागते समय बोला कि किसी को
बोला तो जान से मार देंगें.
मामला
बिहारीगंज पुलिस ने दर्ज कर लिया और अब दोनों आरटीआई कार्यकर्ता विपिन और राजीव
मुक़दमे में फंसाए जाने के बाद गाँव छोड़कर बाहर छुपते फिर रहे हैं. बताया जाता है कि पूर्व में भी लगातार खुलासे से परेशान होकर मुखिया के पति मिथिलेश कुमार साह ने इन दोनों को जान से मारने तक की धमकी दी थी.
यहाँ हम
आपको बताना चाहेंगे कि इस मुक़दमे का सूचक यानि दिनेश कुमार सरौनी कला पंचायत की
मुखिया अन्जूमनी देवी के देवर हैं. अंजूमनी देवी के द्वारा पंचायत में मचाई लूट के
खिलाफ आरटीआई कार्यकर्ता विपिन और राजीव ने सूचना के अधिकार के तहत कई साक्ष्य
एकत्रित किये थे और फिर पंचायत की सरकारी मनरेगा योजना में व्याप्त भ्रष्टाचार,
बाल मजदूरी, मृत व्यक्ति के नाम पर अवैध राशि की निकासी के विरूद्ध मधेपुरा के
जिला पदाधिकारी को आवेदन देने पर जिला पदाधिकारी ने पत्रांक 2504 तथा 2505 दिनांक
24.10.2013 के तहत मुखिया अंजूमनी देवी को दोषी भी पाया था. उसके बाद भी लगातार ये
दोनों सूचना के अधिकार का प्रयोग करते हुए मुखिया के खिलाफ साक्ष एकत्रित करने में
लगे हुए थे. मधेपुरा टाइम्स सहित अन्य अखबारों ने भी सरौनी कला में हो रहे लगातार
अनियमितता की खबर कई बार प्रमुखता से प्रकाशित की थी.
ऐसे में
‘अगलग्गी’ का यह मुकदमा सोची-समझी ग्रामीण
राजनीति के तहत दोनों आरटीआई कार्यकर्ता के द्वारा मुखिया के विरूद्ध ‘पोलखोल अभियान’ का बदला माना जा रहा है. उधर बिहारीगंज
पुलिस ने मामले की सही जांच का आश्वासन दिया है, वैसे प्राथमिकी के लिए दिनेश
कुमार द्वारा दिया आवेदन ही अपने आप में संदेहास्पद कहानी कहता है जिसमें कुछ भी
जलने का कोई स्पष्ट विवरण नहीं है.
(नि० सं०)
भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाने वाले आरटीआई कार्यकर्ताओं को फंसाया मुक़दमे में
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
March 29, 2015
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