
सीबीएसई
के तहत नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के मानदंडों पर आधारित हिन्दी की पाठ्यपुस्तक में
पूर्व सांसद की लिखी कहानी ‘पर्वत पुरुष: दशरथ’ को शामिल कर लिया गया है. सीबीएसई के लिए साहित्य अकादमी
के पूर्व सहायक संपादक सुभाष चन्द्र शर्मा के द्वारा सम्पादित ‘फर्स्ट बोर्न पब्लिकेशन’ से प्रकाशित आठवीं कक्षा के लिए
लिखी गई पाठ्यपुस्तक ‘मधुरिका’ में भारत के दिग्गज लेखकों,
जैसे जयशंकर प्रसाद, यशपाल, मुंशी प्रेमचंद, भीष्म सहनी, शिव मंगल सिंह ‘सुमन’, महादेवी वर्मा, हरिशंकर परसाई
आदि के साथ लेखक आनंद मोहन की कहानी को स्थान दिया गया है.
सहरसा
में आज दर्जनों बुद्धिजीवियों और साहित्यकारों के द्वारा ई० रमेश सिंह के आवास पर
एक प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित कर इस सम्बन्ध में पूरी जानकारी दी गई. बुद्धिजीवियों
और कोसी के साहित्यकारों का कहना था कि सीबीएसई के सिलेबस पर आधारित पाठ्यपुस्तक
में शामिल आनंद मोहन की लेखनी से कोसी का मान बढ़ा है और वे इस ऊंचाई को छूने वाले
कोसी के पहले लेखक हैं.
भारत की अतिप्रतिष्ठित पत्रिका ‘हंस’ में भी छपी है पूर्व
सांसद की कविता: भारत की सबसे प्रतिष्ठित मानी जाने वाली साहित्यिक पत्रिका ‘हंस’ के अक्टूबर 2014 के अंक में
पूर्व सांसद आनंद मोहन की कविता ‘सल्वादोर अयेन्दे के नाम’ भी प्रकाशित हो चुकी है.
कविता चिली की राजधानी
सैंतिआगो के ला मोनेदा पैलेस में वहाँ के वामपंथी राष्ट्रपति सल्वादोर अयेन्दे पर
आधारित है जिन्हें सैन्य तख्तापलट के दौरान मौत के घाट उतार दिया गया था. अयेन्दे फिदेल
कास्त्रो से भेंट में मिली एके-47 रायफल से अपनी जान बचाने में नाकाम रहे थे.
कुल मिलाकर सहरसा कारा में बंद पूर्व सांसद
आनंद मोहन की लेखनी अब कोसी के लोगों को गौरवान्वित करने लगी है.
(नि० सं०)
पूर्व सांसद आनंद मोहन की लिखी कहानी सीबीएसई के पाठ्यक्रम में शामिल: ‘हंस’ पत्रिका में भी छपी कविता
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
January 11, 2015
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