प्यार बनाम वासना: जानें अंतर, रहें सचेत

मनोविज्ञान में जहाँ प्यार को परिभाषित किया गया है वहीँ वासना को भी अपने दृष्टिकोण से मापने की चेष्टा की गई है. आज की युवा पीढ़ी प्यार और वासना में अंतर नहीं कर पा रही है और परिणाम होता है लव, सेक्स, धोखा. संक्षेप में LSD.
      मैं यहाँ प्यार और वासना में अंतर करने की आसान विधि बताना चाह रहा हूँ ताकि आप रहें एलर्ट- हर पल, हर दम.
      प्यार की तलाश मानव का बुनियादी हक है, लेकिन कुछ लोगों के लिए प्यार और हवस में अंतर करना कठिन हो जाता है. कुछ अपने जीवन साथी के प्यार को हवस और कुछ उसकी हवस को प्यार समझ बैठते हैं. आइये आपको बताते हैं किस तरह अनुमान लगाया जाय कि आपका साथी प्यार करता है या फिर वह हवस का मारा हुआ है. निम्न बातों पर ध्यान दें और हो जाएँ सचेत:
  • हवस में लीन व्यक्ति आपकी दोस्ती की कदर नहीं करेगा बल्कि मित्रता की आड़ में अपने स्वार्थ को पूरा करने में तत्पर रहेगा.
  • आपकी ओर आकर्षित होने की बजाय दूसरों की ओर अधिक देखेगा.
  • उसकी नजरें आपको घूर कर देखेंगी लेकिन जैसे ही आप उससे आँखें मिलाने की चेष्टा करेंगे, वह अपनी नजर या तो झुका लेगा या दूसरी तरफ देखने लगेगा. 
  • वह वास्तविक दुनियां की बजाय ख्याली दुनियां में रहना पसंद करेगा ताकि उसे आंतरिक सुकून मिलता रहे.
  • वह हर समय काम-वासना की ओर ध्यान देगा और जीवन की सच्चाई को परे रखने के चेष्टा करेगा.
  • आपको अपने जीवन के अहम फैसले लेने से दूर रखेगा.
  • आपसी बातचीत में वास्तविकता से दूर रहेगा.
  • आपके बाह्य सौंदर्य की बात करेगा और आपकी आंतरिक सुंदरता पर जरा भी ध्यान नहीं देगा.
  • यदि किसी दूसरी महिला, जो आपसे अधिक सुन्दर दिखती हो, को देखेगा और आपको वैसा ही दिखने पर विवश करेगा.
  • आपके अंदर किसी अन्य को तलाशने की चेष्टा करेगा.
  • अपने घर वालों को आपसे दूर रखेगा और ऐसा व्यक्त करेगा कि वह आपसे बहत अधिक प्यार करता है लेकिन उसके घरवाले नहीं चाहते कि वह आपसे मिले.
अत: सावधान ! यह प्यार नहीं, धोखा है.

डॉ० मो० इन्तेखाब-उर-रहमान
एसोशिएट प्रोफ़ेसर, स्नातकोत्तर, मनोविज्ञान
भू० ना० मंडल विश्वविद्यालय
मधेपुरा बिहार.
प्यार बनाम वासना: जानें अंतर, रहें सचेत प्यार बनाम वासना: जानें अंतर, रहें सचेत Reviewed by मधेपुरा टाइम्स on January 11, 2015 Rating: 5

1 comment:

  1. बिबाह संस्कार नही संविदा बनकर रहगयी है | जी हाँ यह सच है रक्तकाली मंदिर मत्सगंधा सहरसा बिहार के प्रागंन में 29 अप्रैल एवं 29 नम्बर 2013 की शादी का जहाँ अपने साख व लाज बचाने के लिऐ अपनी बेटी की शादी करवाते है फिर कुछ दिन बाद लड़कियाँ तालाक लिये बिना ही अपने प्रेमिका के साथ फुर्र हो जाती है , वही 29अप्रैल की शादी तो और चौकाने वाली है लड़की का भाई शादी का सबूत और गवाह की बात करता है , दूसरी और लड़की का प्रेमी सारी हद पारकर लड़के का पिटाई और दंबगयी दिखाता यह सब नयी नवेली दुल्हन के सामने होती है पति पिटता है , समाज इज्जत का वास्ता देकर पति को मुक्त कर देता है | नयी नवेली दुल्हन का परिवार तालाक की माँग और लड़के से मोटी रकम के तौड़ पर छुटकारा चाहती है | लड़की की चचेरी बड़ी बहन जो प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी की बेटी है वो भी शादी के बाद तालाक में मौटी रकम ऐठ चुकी है | लड़कियाँ पति को छोड़कर अपने प्रेमी के साथ मिलकर इन दो वर्षो के दौरान दर्जनों नबंर के साथ आधे दर्जन फैशबुक पर सक्रिय है और पति बेचारा इंसाफ के लिऐ कोर्ट और स्थानीय स्तर पर गुहार लगा रहा | जब मिले इंसाफ | मंदिर में शादी तो होती है मगर वर वधु का हस्ताक्षर नही 8010091925

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