
जिला
मुख्यालय की सड़कों पर प्रदर्शन करते हुए सैंकड़ों रसोइयों के हुजूम से ऐसा लग रहा
था मानों पूरी सड़क पर इन्हीं का कब्ज़ा हो गया हो. एमडीएम रसोइया संघ के बैनर तले
रसोइयों की मांगें थी कि अब हमारी सेवा को दस वर्ष हो गए हैं, हमें नियमित किया
जाय. मनरेगा लागू होने की तिथि से मानदेय मनरेगा की मजदूरी के अनुरूप किया जाय.
मानदेय का भुगतान सीधे हमारे खाते में हो.
एमडीएम
रसोइया संघ के अध्यक्ष आशीष कुमार सिंह ने मधेपुरा टाइम्स से कहा कि हम दस साल में
पहली बार सड़क पर उतरे हैं. हमें अब नियुक्ति पत्र देकर स्थायी किया जाय. हटा देने
के नाम पर भयादोहन और अपमानित करना हमें बंद हो और हमारे सम्मान और काम के नाम पर
कम से कम दस हजार रूपये प्रति माह दिया जाय.
रसोइयों
की ये मांग कि मानदेय का भुगतान सीधे खाते में दिया जाय, अपने आप में बहुत कुछ कह
जाता है. अब देखना है कि सरकार इनकी मांगों पर क्या विचार करती है.
भयादोहन हो बंद: दस साल में पहली बार रसोइया उतरे सड़क पर
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
December 28, 2014
Rating:

No comments: