‘आप कहते हैं जिसे इस देश का स्वर्णिम अतीत, वह कहानी है महज प्रतिशोध की, संत्रास की’: कॉमरेड विनोद मिश्र की बरसी पर आयोजित मुशायरे में खूब जमा रंग
फिर कहाँ से
मंदिर वो मस्जिद आ गए,
जिनके चेहरे
पर लिखी है जेल की ऊँची फसील
राम नामी
ओढ़कर संसद के अंदर आ गए.”
मधेपुरा में गत रविवार को आयोजित एक कवि सम्मलेन सह
मुशायरे में कवियों की सुन्दर प्रस्तुति ने हॉल में बैठे श्रोताओं का मन मोह लिया.
      नागरिक
संसद मधेपुरा के अध्यक्ष आद्यानंद यादव और सचिव शम्भू शरण भारतीय के द्वारा आयोजित
जिला मुख्यालय के टीपी कॉलेज सभा भवन में आयोजित कवि सम्मलेन सह मुशायरा एवं
सम्मान समारोह का उदघाटन मधेपुरा के विधान पार्षद विजय कुमार वर्मा के हाथों हुआ
और कार्यक्रम के स्वागताध्यक्ष टीपी कॉलेज के परिसंपदा पदाधिकारी गजेन्द्र कुमार
थे.
      वामपंथी
आंदोलन के सशक्त योद्धा सह मार्क्सवादी शिक्षक का. विनोद मिश्र की बरसी पर आयोजित
कार्यक्रम में आयोजित कवि सम्मलेन में दर्जनों कवियों ने अपनी शानदार प्रस्तुति
दी. नागरिक संसद के सचिव और मधेपुरा के जनकवि के रूप में ख्यातिप्राप्त शम्भू शरण
भारतीय की अपनी और अदम गोंडवी की कविताओं ने दर्शकों को सोचने पर विवश कर दिया.
‘आप कहते हैं जिसे इस देश का स्वर्णिम अतीत, वह कहानी है महज प्रतिशोध की, संत्रास की’: कॉमरेड विनोद मिश्र की बरसी पर आयोजित मुशायरे में खूब जमा रंग
 
        Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
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December 24, 2014
 
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