
ठोकर खाते खाते मुख्यमंत्री बन गया अब और भी ठोकर खाउंगा
तो कहीं प्रधानमंत्री न बन जाऊं. यह बातें सूबे के सीएम जीतन राम मांझी ने बलुआ बाजार
हाईस्कूल में आयोजित एक महती सभा को संबोधित करते हुए कही. उन्होंने कहा कि नौकरी छोडकर
राजनीति में गरीबों की उत्थान के उद्येश्य से आया. पुरानी बातें को याद करते श्री मांझी
ने कहा कि सन 1980 में मैं कांग्रेस में था, तब मेरी टिकट कट गयी थी उस समय डॉ० जगन्नाथ मिश्र ने ही उन्हें फतेपुर से टिकट दिलाया
था. कहा कि श्री मिश्र ही उनके राजनीति गुरू हैं. नशापान छोडने की सलाह नौजवानों को
देते कहा कि उनके माता और पिता दोनों शराब का सेवन करते थे, और माता पिता में अक्सर
उठापटक होती रहती थी. जब उन्हें खाना नहीं मिलता तो वे समझते थे कि आज पिता ने ज्यादी
पी रखी है. कहा कि उनके समझाने पर माता पिता दोनो पीना छोड दिये. छोटे भाई की याद ताजा
करते कहा कि उनका छोटा भाई दारोगा था, जो काफी शराब का सेवन करता था नतीजा हुआ कि उनकी
असमय मौत हो गई. उनके शराब छोडने पर कहे जाने भाई दलील देता था कि पुलिस की नौकरी में
शराब नहीं छूटती है. कहा कि बिहार के बच्चे गुटका ना खाये इसके लिए वे इस पर प्रतिबंध
लगा रखा है. श्री मांझी ने आगे कहा कि नीतीश कुमार के चलाये योजनाओं का क्रियान्वयन
कर रहा हूं. इसके आगे कहा कि उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार के समानांतर रेखा खींचना
चाहता हूं जो बडी भी हो सकती है वो रेखा विकास का होगा. कहा कि बिहार की बेटी की शिक्षा
को लेकर वे काफी चिंतित हैं
मौके पर बिजेंद्र प्रसाद यादव ने
कहा कि जब रानी के पेट से राजा पैदा होता था तब बिहार संपन्न था. अब वोट के पेट से
राजा पैदा होता है तो बिहार पीछे है बिहार के विकास की गाथा का गुणगान उन्होंने किया.
सभा को नीतीश मिश्र ने भी संबोधित किया.
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