एक बार फिर जिले में पुलिस जा निरीह चेहरा आज उस समय नजर आया जब ग्रामीणों ने
एक थानाध्यक्ष समेत उसके पूरे दल-बल को बंधक बना लिया. चार घंटे बंधक रहने के बाद
एसडीपीओ ने चार थानों की पुलिस की मदद में बंधकों को आजाद करवाया, वो भी भारी
मशक्कत के बाद.
घटना मधेपुरा जिला के चौसा
थानाक्षेत्र की है. मिली जानकारी के मुताबिक चौसा थानाक्षेत्र के अरजपुर पश्चिमी
पंचायत के गरैया टोला की है. बताया जाता है कि यहाँ जमीन सम्बंधित विवाद गाँव के
चौधरी सिंह और शंकर सिंह तथा पूर्णियां निवासी अनिल सिंह के बीच चल रहा था. एक
बीघा आठ धुर जमीन कभी गजेन्द्र सिंह की हुआ करती थी. गजेन्द्र से जमीन अनिल यादव
ने खरीदी थी, पर उसपर चौधरी सिंह और शंकर सिंह ने यह कहकर कब्ज़ा किये रखा था कि
गजेन्द्र ने उस जमीन के पैसे उनसे ले रखे थे.
मामला हाल में चौसा थाना पर जनता
दरबार में आया और अनिल यादव के कागजात को पुलिस ने सही पाया. आज सुबह अनिल यादव एक
ट्रेक्टर लेकर अपनी जमीन जोतने आया तो चौधरी सिंह और शंकर सिंह में हवा में पांच
गोलियाँ चलें तो अनिल और उसका ड्राइवर ट्रेक्टर छोड़कर भाग गया. घटना की सूचना मिली
तो चौसा थानाध्यक्ष मक़सूद अशर्फी पुलिस बल के साथ अनिल यादव के समर्थन में गाँव
पहुंचे और चौधरी सिंह तथा शंकर सिंह के घर की छापेमारी करनी शुरू की. बस क्या था,
गुस्साए ग्रामीणों ने पुलिस को ही बंधक बना लिया. बंधक बनाने में महिलायें भी
शामिल थी.
थानाध्यक्ष समेत चौसा पुलिस के
बंधक बनाये जाने की सूचना पाकर उदाकिशुनगंज के एसडीपीओ रहमत अली ने आलमनगर, फुलौत,
पुरैनी और उदाकिशुनगंज से पुलिस बल मंगाया और गरैया टोला पहुंचे. पर ग्रामीणों का
गुस्सा अभी भी बरकरार था. काफी मशक्कत के बाद खतरे में पड़े बंधक पुलिसकर्मियों को
छुड़ाया जा सका. ग्रामीणों का कहना था कि चौसा पुलिस और अनिल यादव ने शंकर और चौधरी
सिंह के घर की छापेमारी के दौरान उन्होंने घर से चार लाख रूपये और जेवरात गायब कर
दिए हैं, उन्हें वापस करें. उससे पहले चौसा के सीओ शहादुल हक ने भी लोगों को
समझाने का प्रयास किया, पर ग्रामीणों की जिद के सामने उनकी एक न चली.
जो भी हो, आज का दिन चौसा पुलिस
के लिए बहुत ही बुरा था और चार घंटे बंधक रहने के दौरान पुलिसों के चेहरे पर खौफ
साफ़ झलक रहा था.
चौसा में थानाध्यक्ष समेत पुलिस कर्मियों को ग्रामीणों ने बनाया बंधक
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
September 16, 2014
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