बच्चे को जन्म देने के बाद एक महिला की मौत के बाद
भड़के परिजनों के गुस्से के बाद कई घंटों तक मधेपुरा जिले के चौसा के हालत
अस्तव्यस्त दिखे.
घटना के
बारे में बताया जाता है कि बीती रात चौसा प्रखंड के अरजपुर पश्चिमी पंचायत के
मजरापुर मुसहरी के अपने मायके से हिना देवी को प्रसव पीड़ा होने के बाद चौसा के
प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र में भर्ती कराया गया. तीन साल पहले भागलपुर के
सुल्तानगंज में मुकेश ऋषिदेव से शादी के बाद हिना अपने पहले संतान को जन्म देने
मायके चौसा आ गई थी.
अस्पताल
में करीब दो बजे रात में हिना के एक बच्ची को जन्म दिया और जन्म से बाद
जच्चा-बच्चा दोनों स्वस्थ थे. पर अचानक सुबह करीब 5.30 बजे हिना को पफर से दर्द
शुरू हुआ. परिजनों का कहना है कि जब वे डॉक्टरों को बुलाने गए तो कोई नींद से जगने
को तैयार नहीं था. किसी तरह हिना को सेलाइन चढ़ाया गया, पर परिजन यहाँ भी आरोप लगते
हैं कि सेलाइन का पानी शरीर में न जाकर बाहर ही गिर रहा था और उसे देखने वाला कोई
नहीं था. आखिर दर्द से छटपटाती हिना ने सुबह में आस्पताल में ही दम तोड़ दिया. बच्चा
जिन्दा है.
मौत के
बाद परिजनों ने अस्पताल में हंगामा शुरू कर दिया और हिना की लाश लेकर चौसा के विजय
घाट के पास सड़क को जाम कर दिया. बड़े हंगामे को देखकर अंचलाधिकारी ने मामले में
हस्तक्षेप किया और दूसरी तरफ चौसा पीएचसी के प्रभारी चिकित्सक गणेश प्रसाद ने भी
जब हिना की मौत के पीछे अस्पताल की लापरवाही मानते हुए जांच कराने का आश्वासन दिया
तो परिजन किसी तरह शांत हुए. पर इसी बीच चौसा पीएचसी में भी तोड़फोड़ की सूचना है.
यहाँ हम
इस बात का उल्लेख करना वाजिब समझते हैं कि चौसा पीएचसी में पदस्थापित लगभग सभी
चिकित्सक अपना प्राइवेट क्लिनिक चलाते हैं जिसकी वजह से वे पीएचसी में ढंग से काम
करने में आनाकानी करते हैं. और यही वजह है कि यहाँ स्वास्थ्य सुविधा पूरी तरह से
चरमराई हुई है. ऐसे में यहाँ रोगियों का मरना कोई बड़ी बात नहीं है.
डॉक्टरों की लापरवाही से महादलित महिला की मौत: लाश को लेकर सड़क जाम, तोड़फोड़ और हंगामा
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
July 08, 2014
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