नकली सीमेंट मामले को रफादफा करने में लगी पुलिस, 25 हजार रूपये लेकर एक आरोपी को छोड़ा !

गत 5 जून को गम्हरिया थाना के फुलकाहा गाँव में नकली सीमेंट के बड़े कारोबार का खुलासा तो हुआ, पर मामले में लगता है अधिकारी की सुस्ती और पुलिस की कुछ विशेष चुस्ती से अपराधी अभी भी पकड़ से हैं बाहर और ग्रामीणों की मानें तो इस मामले में पुलिस महज दिखावा करती नजर आ रही है.
      बता दे कि मंगलवार को गाँव के मनबोध चौधरी और उसके पुत्र बमबम चौधरी के प्रियंका ट्रेडर्स के बारे में जब ग्रामीणों ने पुलिस को सूचना दी कि यहाँ से नकली सीमेंट पूरे जिले में सप्लाई होता है तो मनबोध के गोदाम में पुलिस की छापेमारी में मौके पर से ही 800 खाली बोरा बरामद किया गया और वहां इतने ही भर्ती बोरे भी रखे हुए थे. गोदाम के पीछे भी बड़ी मात्रा में जमे सीमेंट फेंके हुए थे.
पुलिस ने गोदाम को तो सील किया, पर लोगों का मानना है पुलिस को खरीदने में माहिर मनबोध ने गम्हरिया पुलिस को भी खरीद लिया. मौके पर से एक शख्स पकड़ाया था, जिसका नाम था मुकेश कुमार यादव, जो खाली बोरा लेकर आया था. चर्चा यह भी आम है कि गम्हरिया थाना के एएसआई आर. के. झा ने मुकेश से 25 हजार रूपये लेकर उसे छोड़ दिया. एएसआई आर. के. झा पूछने पर यही कहते हैं कि उसके खिलाफ कोई सबूत नहीं था. दारोगा जी, खाली बोरा लेकर उस गोदाम में ये शख्स था जहाँ रिफिलिंग का काला धंधा चलता रहा था, पता नहीं आपको किस तरह का सबूत चाहिए था.
      पहले तो थानेदार ने एफआईआर दर्ज करने में ना-नुकुर की. कहा बीडीओ ने छापा मारा था, वे जबतक लिखकर नहीं देंगे, तबतक एफआईआर दर्ज नहीं करेंगे. उधर बीडीओ साहब का कहना था कि ग्रामीण लिखकर दें. मामला बीडीओ और थानाध्यक्ष ने पेंच में फंसा दिया. खैर, जब दर्ज हुआ तो गम्हरिया थानाध्यक्ष ने तो और भी आगे बढ़कर अजीबोगरीब एफआईआर कर दिया. बताते हैं कि विद्वान दरोगा जी ने एफआईआर किसी व्यक्ति के नाम से नहीं. बल्कि प्रियंका ट्रेडर्स के नाम से किया, ताकि आरोपी से मैनेज हुआ जा सके. क्या अब दारोगा जी मालिक नहीं बल्कि दूकान को उठाकर जेल भेजेंगे.
      ग्रामीणों का कहना है कि मनबोध चौधरी इससे पहले नकली खाद रिफिलिंग के भी अवैध धंधे में लिप्त था और जब अधिकारियों ने छापेमारी में मनबोध को पकड़ा तो मनबोध ने खरीद-फरोख्त कर मामले को दबा दिया और नए सीमेंट के धंधे में कूद गया. अब छापेमारी के बाद भी मनबोध चैन से है क्योंकि वह जानता है कि मधेपुरा में अधिकारी और पुलिस कैसे मैनेज होती है ? उधर ग्रामीणों में इस बात को लेकर आक्रोश है कि मधेपुरा में गलत धंधा करने वाले और अधिकारियों का गठजोड़ क्यों पल्लवित पुष्पित हो रहा है. जाहिर है यहाँ नेताओं-अधिकारियों के वादे-दावे फर्जी हैं.
ऐसे में अदम गोंडवी की वो पंक्तियाँ याद आती हैं कि-
जो डलहौज़ी कर पाया वो ये हुक़्क़ाम कर देंगे,
कमीशन दो तो हिन्दोस्तान को नीलाम कर देंगे.
नकली सीमेंट मामले को रफादफा करने में लगी पुलिस, 25 हजार रूपये लेकर एक आरोपी को छोड़ा ! नकली सीमेंट मामले को रफादफा करने में लगी पुलिस, 25 हजार रूपये लेकर एक आरोपी को छोड़ा ! Reviewed by मधेपुरा टाइम्स on June 08, 2014 Rating: 5

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