|मुरारी कुमार सिंह|08 जून 2014|
सरकार में काम बहुत हो रहे हैं, इसका ये कतई मतलब
नहीं है कि सरकार आम जनता को सुविधा देने के प्रयास में हैं. दरअसल इन कामों से
असली फायदा मंत्री-अधिकारियों-ठेकेदारों-जनप्रतिनिधियों के गठबंधन को ही होता है.
जनता को मूर्ख बनाना इनका परम कर्त्तव्य ही जान पड़ता है.
जिला
मुख्यालय के स्टेट बैंक रोड ने जब सड़क की फिर से आरसीसी ढलाई शुरू हुई तो लोगों का
मन टूट गया. सड़क आगे से बनती जा रही थी और पीछे से टूटती. काम की गुणवत्ता देखकर कोई
बता सकता है कि बनाने वाले ठेकेदार ने सड़क निर्माण पर राशि लूट की पूरी व्यवस्था
कर रखी है. सड़क का किनारा तो खुदबखुद टूटता गया.
इस काम
में हैरत की बात तो यह भी रही कि सड़क को बांस-बल्ले से 24 घंटे घेर कर भले ही रखा
गया, पर काम सिर्फ रात में ही अंजाम दिया जा रहा था. आसपास के लोगों की मानें तो
काम रात में इसलिए किया जाता रहा ताकि लोग घटिया काम को देखकर व्यवधान न उत्पन्न
करें. दिन में यहाँ से ठेकेदार गायब होते थे ताकि लोगों को काम कराने वाले का सही
आईडिया नहीं मिल सके.
पर ये
पब्लिक है, सब कुछ जानती है. बीती रात को मोहल्लेवासियों ने मजदूरों से काम बंद कर
देने को कहा. उनका कहना था कि इससे बढ़िया तो पहले ही सड़क थी. ये तो निर्माण के नाम
पर लूट की पराकाष्ठा है. मधेपुरा टाइम्स ने जब काम कर रहे राजमिस्त्री से यह पूछा
कि कितने भाग का मसाला बना रहे हो, तो उसने कहा, नौ-एक का. वहां मौजूद दागयुक्त
गिट्टी के बारे में बताया गया कि ये वापस चला जाएगा और अच्छे क्वालिटी का आएगा, पर
लोगों का कहना था कि रात में इन्हीं रिजेक्टेड सामानों से यह सड़क तैयार हो रहा है.
लोगों का कहना था कि आधी सड़क घटिया ढंग से तैयार कर दी गई है, पर जब ठेकेदार को
शिकायत की गई तो उन्होंने कहा कि अब जो हो गया, उसे फायनल मानिए. इस निर्माण में
एक-एक सामग्री घटिया दिया जा रहा है और सब मिलकर लूट-खसोट कर रहे हैं.
बताया
गया कि इस सड़क को ई० रवि शेखर सिंह के द्वारा बनाया जा रहा है. 1360 फीट लंबे और 3
मीटर चौड़े इस सड़क की लागत 10 लाख रूपये होगी. जो भी हो यह तय है कि भगवान भरोसे चल
रहे मधेपुरा अब भी उद्धारक की बाट जोह रहा है.
स्टेट बैंक रोड में घटिया सड़क निर्माण पर आक्रोशित हुए लोग, करवाया काम बंद
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
June 08, 2014
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