|मुरारी कुमार सिंह|05 जून 2014|
शादी जैसे पवित्र बंधन में जिंदगी भर बंधने से एक
शख्स ने छुटकारा चाहा था, पर अब इस शख्स को अब पूरी जिंदगी जेल की सलाखों के पीछे
गुजारनी होगी. शादी के महज चार महीने के अंदर ही पत्नी की हत्या कर देने वाले इस
युवक को मधेपुरा के एक न्यायालय ने न सिर्फ सश्रम उम्रकैद की सजा सुना दी है,
बल्कि 5 हजार रूपये का आर्थिक दंड भी लगाया है.
घटना एक
पति की काली करतूत की कहानी है जिसकी हत्या उसने दहेज न मिलने के कारण मधेपुरा के
एक लॉज में गले को रस्सी के फंदे में फंसा कर कर दी. सुपौल जिले के प्रतापगंज के
तारानंद मुखिया ने 7 मार्च 2011 को बड़े धूमधाम से अपनी बेटी मुन्नी की शादी
नरपतगंज के प्रेम प्रकाश से की थी. शादी के बाद महज 7 दिन ससुराल में रहकर मुन्नी
भी प्रेम प्रकाश जैसे पति को पाकर निहाल थी. पर माइका वापस आते ही मानो मुन्नी के
बुरे दिन शुरू हो गए.
पति और
ससुर ने तीन लाख रूपये दहेज में मांग कर दिया तो मुन्नी के परिवार पर मानो कहर टूट
पड़ा. पिता ने दामाद को मनाने का प्रयास किया, पर दामाद पर शौक-मौज के लिए दूसरे के
कमाए धन को हड़पने का भूत सवार था. नहीं माना तो मुन्नी के के पिता तारानंद मुखिया
ने किश्तों में रूपये देने की बात कही और इस भय से कि कहीं दहेज का लोभी परिवार
मुन्नी को छोड़ न दे, दामाद को बुलाकर मुन्नी को साथ भेज दिया और आश्वासन दिया कि
उसे मांगे गए रूपये जल्द दे देगा.
पर लोभी
पति के मन में कुछ और ही था, प्रेम प्रकाश मुन्नी को लेकर मधेपुरा आ गया जहाँ उसने
एक आजाद टोला के एक लॉज में उसे रखा. पुलिस के मुताबिक़ उसी रात में प्रेम प्रकाश
ने सोये अवस्था में मुन्नी के गर्दन को रस्सी से लपेट कर कस दिया, जिससे मुन्नी की
मौत हो गई.
सुबह मुन्नी
के पिता को सूचना दी गई कि उसकी बेटी सदा के लिए दुनियां छोड़कर जा चुकी है और
दामाद उसे जलाने की तैयारी में हैं. पिता ने दामाद से फोन पर प्रार्थना की कि
उन्हें मुन्नी के अंतिम दर्शन करने दें. प्रेम प्रकाश ने मुन्नी की लाश को एक बोलेरो
गाड़ी में रखकर पिता के पास भिजवा दिया. लाश के गर्दन पर काले रंग के गोल घेरा को
देखकर परिवारवालों को मुन्नी की हत्या का शक हुआ और फिर दर्ज हुआ दहेज हत्या का
मुकदमा.
मधेपुरा
थाना कांड संख्यां. 267/11 (सत्रवाद संख्यां 286/11) में तदर्थ न्यायाधीश पी. डी.
गुप्ता ने आज प्रेम प्रकाश को उम्रकैद की सजा सुना दी. प्रेमप्रकाश को न्यायालय
में पांच हजार रूपये अर्थदंड की भी सजा सुनाई.
मामले
में पत्नीहंता के अधिवक्ता शशिधर सिंह थे जबकि अभियोजन पक्ष से गजेन्द्र नारायण
यादव ने बहस किया.
शादी के महज चार महीने के अंदर ही गला दबाकर कर दी थी पत्नी की हत्या: मिली उम्रकैद
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
June 05, 2014
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