|वि० सं०|05 मई 2014|
बिहार की राजनीति में उथल-पुथल का दौर शुरू है और
मधेपुरा की राजनीति में भी. शरद यादव के उस बयान जिसमे उन्होंने अपने ही नेता और बिहार
के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर निशाना साधते हुए कहा कि पहले लालू ने बिहार को बर्बाद
किया और अब नीतीश कुमार वही कर रहे हैं, के बाद राजनीतिक गलियारों में कई तरह की चर्चा है. शरद ने उस बयान में नीतीश पर भी जाति की राजनीति
करने का आरोप लगाया. हालाँकि बाद में वे अपने कहे बयान से भले ही मुकर गए हों, पर
बयानबाजी के इस पूरे प्रकरण से राजनितिक समीक्षक कई अनुमान निकाल रहे हैं.

वैसे भी
मधेपुरा में हुए लोकसभा चुनाव के बाद शरद की हालत पतली दिख रही है और ऐसे में यदि
मधेपुरा की सीट पर से शरद का कब्ज़ा खत्म हो जाता है तो आनुपातिक प्रतिनिधित्व के
आधार पर राज्यसभा के माध्यम से भी सांसद बनने का सपना उसी स्थिति में पूरा हो सकता
है जब कोई मजबूत पार्टी ऐसा चाहे.
वैसे आईबीएन 7 सूत्रों की
मानें तो 16 मई के बाद अगर
एनडीए को बहुमत मिलता है तो शरद, नीतीश से किनारा कर बीजेपी का दामन थाम सकते हैं.
जो भी
हो, मई का महीना देश, राज्य और जिले की राजनीति की तस्वीर बदलने वाली है और अब आगे
देखना है कि मधेपुरा की राजनीति में कौन से नए रंग सामने दिखते हैं.
मधेपुरा की राजनीति में आ सकता है भूचाल, क्या शरद थामेंगे भाजपा का दामन?: मधेपुरा चुनाव डायरी (87)
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
May 05, 2014
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